नगर पंचायत क्षेत्र लखनादौन में बीते दिनों हुआ एक दंगल राजनैतिक पहलवानों के बीच काफी चर्चित रहा हैं। इस दंगल में मुख्य अतिथि इंका विधायक हरवंश सिंह और अध्यक्षता नपं अध्यक्ष दिनेश मुनमुन राय ने की थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये हरवंश सिंह ने मुनमुन की तारीफ के पुल बांधे और कहा कि दलीय भावना से परे हटकर वे ये तमाम बाते कह रहे हैं। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि नपं चुनाव में मुनमुन राय इंका की टिकिट के प्रबल दावेदार थे। लेकिन जिला इंका द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक द्वय बलवंत सिंह और सेवकराम चंद्रवंशी में से किसी एक ने इस गुप्त निदेंर्श को उजागर कर डाला था कि ठाकुर साहब ने कहा है कि मुनमुन का नाम किसी भी कीमत परं प्रस्तावित नही करना। इससे क्षुब्ध होकर मुनमुन ने कांग्रेस छोड़ दी थी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर भारी वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव आते तक परिसीमन के आंदोलन से उपजी परिस्थितियों को लेकर बहुत सा पानी बैनगंगा में बह चुका था और मुनमुन ने केवलारी के बजाय सिवनी से चुनाव लड़कर तीस हजार से अधिक वोट लेकर कांग्रेस को जमानत जप्त होने की स्थिति पर पहुचा दिया। चलते चुनाव में ही एक कार्यकत्तार ने सोनिया गांधी के नाम शपथपत्र देकर यह सनसनी खेज आरोप लगाया था कि हरवंश सिंह ने उसे मुनमुन का काम करने को कहा हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी पहले बरघाट का दंगल और लखनादौन के दंगल में हरवंश सिंह और मुनमुन की उपस्थिति को इंकाई राजनैतिक पहलवान चिंतित दिखायी दे रहें हैं कि यह मिली जुली कुश्ती ना जाने आने वाले समय में क्या गुल खिलायेगी?