धन्य-धन्य हैं शहीदों के माता-पिता

—विनय कुमार विनायक
धन्य! धन्य! है वह पिता,
जिसके बेटे ने देश के हित में सीना को तान दिया!

धन्य! धन्य! है वह माता,
जिसके लाल ने देश हित में अपने प्राण दान दिया!

ऐसे पिता का जोड़ कहां,
जिसके खूने जिगर ने स्वदेश को अपना खून दिया!

ऐसी माता का तोड़ कहां,
जिसके लख्ते जिगर ने मां की कोख को सून किया!

वह पिता ईश्वर से ऊपर,
जिसने शहीद पुत्र की लाश को ढ़ोया अपने कंधों पर!

वह माता धरा से भारी,
जिसने अपने हाथों से तिरंगा लपेटा बेटे की अर्थी पर!

उस पिता का क्या कहना,
जिसने माटी का कर्ज चुकाया जवां बेटे को मुखाग्नि देकर!

उस माता का क्या कहना,
जिसने माता का फर्ज निभाया अपने सपूत की बलि देकर!

ऐसे माता-पिता के ऋणी हैं,
देश का हर एक मानव, दानव, देवता, दुश्मन और ईश्वर!

ऐसे माता-पिता के होते,हम चैन सुकून से सोते,
देश की सुरक्षा टिकी है ऐसे माता-पिता के चिर रुदन पर!

संप्रभुता, अर्थ व्यवस्था,धार्मिक आस्था,
सबका अस्तित्व टिका होता है ऐसे माता-पिता के त्याग पर!

ऐसे माता-पिता सर्वदा परम पूजनीय हैं,
ईश्वर को किसने देखा, ऐसे माता-पिता के बूते सुरक्षित बार्डर!

अगर पूजने/नवाजने की चाहत है तो
पूजो/नमाजो/सिमरन-दर्शन कर लो ऐसे माता-पिता का एकबार!

फिर पूजो मंदिर-मस्जिद के ईश्वर को बार-बार,
कि मंदिर-मस्जिद सा शहीदों के माता-पिता होते नहीं चौराहे पर!
—विनय कुमार विनायक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

17,860 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress