गौवंश के बगैर व्यर्थ है जीवन
डॉ. दीपक आचार्य न धर्म संभव है, न पुण्यार्जन पृथ्वी के अस्तित्व का सीधा संबंध
डॉ. दीपक आचार्य न धर्म संभव है, न पुण्यार्जन पृथ्वी के अस्तित्व का सीधा संबंध
डॉ. दीपक आचार्य मनुष्य शरीर ही काफी नहीं मानवता का होना जरूरी है दुनिया भर
डॉ. दीपक आचार्य मरने के बाद कीर्तिगान की बजाय जीते जी सराहना की आदत डालें
डॉ. दीपक आचार्य मजा तो तब है जब अच्छे काम करें बुरे काम करने वाले तो
डॉ. दीपक आचार्य टिप्पणी करें तब ध्यान रखें अपने और सामने वाले के कद का
सारी उपासनाओं, साधनाओं और कर्मयोग का यही सार है कि जिसकी नीयत साफ है, भगवान
डॉ. दीपक आचार्य आजकल हर कहीं आवारा या लावारिश मवेशियों की चर्चा होती है और
राखी रघुवंशी अपने चरम पर हैं। हर रोज अखबार में अपराध से जुड़ी दो खबरें
आज़ाद भारत को बहुत कुछ अंग्रेजों से एक अमानत के रुप में मिला , मसलन
डॉ. दीपक आचार्य यह दुनिया एक अजायबघर है जहाँ किसम-किसम के पशु-पक्षियों और मनुष्यों का
डॉ. दीपक आचार्य परिवेश का व्यक्ति और समुदाय पर खूब फर्क पड़ता है। परिवेश की
डॉ. दीपक आचार्य हर आदमी के लिए विधाता ने मनुष्यता का आवरण देकर अपने कर्त्तव्य