धर्म-अध्यात्म मैं महानतम पुरुष ईश्वर को जानता हूं March 18, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यदि किसी मनुष्य ने ईश्वर या सृष्टि आदि विषयों को जानना है तो उसे इन विषयों के जानकार विद्वान व ज्ञानी पुरुषों की शरण लेनी होगी। किसी एक ज्ञानी पुरुष को प्राप्त होकर हम उससे, जितना वह ईश्वर वा सृष्टि केबारे मे जानता है, ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। अब यदि हम […] Read more » महानतम पुरुष ईश्वर
धर्म-अध्यात्म त्रिनेत्र गणेश मन्दिर March 16, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment आस्था और चमत्कार का अद्भुत संगम है ललित गर्ग हमारे देश में भगवान श्री गणेश के मन्दिरों की समृद्ध शृंखला में रणथंभौर दुर्ग के भीतर भव्य त्रिनेत्र गणेश मन्दिर का महत्व न केवल राजस्थानवासियों के लिये हैं बल्कि सम्पूर्ण देश में यह मन्दिर चर्चित एवं लोकप्रिय है। सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर […] Read more » Featured ganesh mandir त्रिनेत्र गणेश मन्दिर रणथम्भौर स्थित त्रिनेत्र गणेशजी
धर्म-अध्यात्म जन्म-मरण के दु:खों से मुक्ति के विवेक व वैराग्य आदि चार साधन March 14, 2016 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on जन्म-मरण के दु:खों से मुक्ति के विवेक व वैराग्य आदि चार साधन मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार के दुःखों से मुक्ति व मोक्ष की प्राप्ति है। मुक्ति व मोक्ष एक प्रकार की जीवात्मा को पूर्ण स्वतन्त्रता है जिसमें शुभ व अशुभ कर्मों के फलों का भोग नहीं होता। यह स्वतन्त्रता वा मुक्ति हमें अपने मिथ्या व अशुभ कर्मों के फलों के […] Read more » चार साधन जन्म-मरण दु:खों से मुक्ति विवेक वैराग्य
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष March 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ऋषि जन्मोत्सव (3 मार्च) एवं बोधोत्सव (7 मार्च) पर ‘सभी धार्मिक मान्यताओं को सत्य की कसौटी पर कस कर उसका प्रचार करने वाले महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष’ मनमोहन कुमार आर्य देश और संसार में प्रतिदिन लाखों लोग जन्म लेते हैं और अपनी आयु भोग कर काल के गाल में समा जाते हैं। सृष्टि […] Read more » महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द प्रथम धार्मिक महापुरुष’
धर्म-अध्यात्म शख्सियत आध्यात्मिक सत्पुरुष गुरु समर्थ रामदास March 1, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” मुखमण्डलपर दाढ़ी, मस्तकपर जटाएँ,भालप्रदेश पर चन्दन का टीका,कंधेपर भिक्षा के लिए झोली तथा एक हाथ में जपमाला व कमण्डलु और दूसरे हाथ में योगदण्ड (कुबड़ी) लिए व पैरोंमें लकड़ी कीपादुकाएँ धारण किये भक्ति, ज्ञान व वैराग्य से ओत-प्रोत व्यक्तित्व के स्वामी समर्थ रामदास भारत के ऐसे सन्त हैं, जिनकी महाराष्ट्र तथा सम्पूर्ण […] Read more » Featured आध्यात्मिक सत्पुरुष आध्यात्मिक सत्पुरुष गुरु समर्थ रामदास गुरु समर्थ रामदास
धर्म-अध्यात्म स्वामी स्वतन्त्रानन्द महर्षि दयानन्द के एक प्रमुख योग्यतम शिष्य February 29, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी महाराज आर्यसमाज के अनूठे संन्यासी थे। आपने अमृतसर के निकट सन् 1937 में दयानन्द मठ दीनानगर की स्थापना की और वेदों का दिगदिगन्त प्रचार कर स्वयं को इतिहास में अमर कर दिया। आपके बाद आपके प्रमुख शिष्य स्वामी सर्वानन्द सरस्वती इसी मठ के संचालक व प्रेरक रहे। आपके जीवन […] Read more » महर्षि दयानन्द के एक प्रमुख योग्यतम शिष्य स्वामी स्वतन्त्रानन्द
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले अन्य मतों के अनुयायी February 29, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द पौराणिक माता-पिता की सन्तान थे जिन्होंने सत्य की खोज की और जो सत्य उन्हें प्राप्त हुआ उसे अपनाकर उन्होंने अपनी पूर्व मिथ्या आस्थाओं व सिद्धान्तों का त्याग किया। सत्य ही एकमात्र मनुष्य जाति की उन्नति का कारण होता है, अतः उन्होंने सत्य को न केवल अपने जीवन में स्थान दिया […] Read more » वैदिक धर्म के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले अन्य मतों के अनुयायी
धर्म-अध्यात्म मनुष्य व उसके कुछ प्रमुख कर्तव्य February 27, 2016 / February 29, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य किसे कहते हैं? इसका उत्तर है कि मननशील व्यक्ति को मनुष्य कहते हैं। मननशाल क्यों होना है, इसलिये कि हम सत्य को जान सके। सत्य को जानकर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि हमें जो दुःख प्राप्त होता है वह दूसरों के हमारे प्रति अनुचित व्यवहार के कारण ही प्रायः […] Read more » मनुष्य व उसके कुछ प्रमुख कर्तव्य
धर्म-अध्यात्म सृष्टि विज्ञान, वैदिक साहित्य और स्वामी दयानन्द February 26, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि की उत्पत्ति से जुड़े अनेक रहस्य हैं जिन्हें विज्ञान आज भी खोज नहीं पाया अथवा जिसका विज्ञान जगत व हमारे धार्मिक व सामाजिक लोगों का यथोचित ज्ञान नहीं है। महर्षि दयानंद सत्य-ज्ञान के जिसाज्ञु थे। उन्होंने धर्म-समाज-ज्ञान-विज्ञान किसी भी पक्ष की उपेक्षा न कर सभी विषयों का यथोचित ज्ञान प्राप्त […] Read more » वैदिक साहित्य और स्वामी दयानन्द सृष्टि विज्ञान
धर्म-अध्यात्म पाखण्ड खण्डिनी पताका, सद्धर्म प्रचार और महर्षि दयानन्द February 25, 2016 / February 25, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य किसी भी विषय में सत्य का निर्धारण करने पर सत्य वह होता है जो तर्क व युक्ति के आधार पर सिद्ध हो। दो संख्याओं 2 व 3 का योग 5 होता है। तर्क व युक्ति से यही उत्तर सत्य सिद्ध होता है। अतः 2 व 3 का योग 4 या 6 अथवा […] Read more » पाखण्ड खण्डिनी पताका सद्धर्म प्रचार और महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सृष्टिकर्त्ता ईश्वर प्रदत्त वैदिक धर्म सभी मनुष्यों का परमधर्म February 24, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य अग्नि आदि किसी पदार्थ के जलना, प्रकाश व गर्मी देना आदि गुणों को उसका धर्म कहा जाता है। मनुष्यों में जिन श्रेष्ठ गुणों को होना चाहिये उनका मनुष्यों में संस्कार व उन गुणों की उन्नति सहित तदनुसार आचरण को ही मनुष्यों का धर्म कह सकते हैं। किसी आचार्य व विद्वान द्वारा सत्यासत्य […] Read more » सृष्टिकर्त्ता ईश्वर प्रदत्त वैदिक धर्म सभी मनुष्यों का परमधर्म
धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र यज्ञ से अनेक लाभ व इसके कुछ पक्षों पर विचार February 24, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य प्रतिदिन प्रातः व सायं अग्निहोत्र करने का विधान वेदों में है। वेद के इन मन्त्रों को महर्षि दयानन्द ने अपनी पंचमहायज्ञ विधि में प्रस्तुत किया है। यहीं से यज्ञ व अग्निहोत्र परम्परा का आरम्भ हुआ। वेद के मन्त्र ‘ओ३म् समिधाग्निं दुवस्यत घृतैर्बोधयतातिथिम्। आस्मिन् हव्या जुहोतन स्वाहा।। इदमग्नयेे-इदन्न मम।।’ में कहा गया है […] Read more » अग्निहोत्र यज्ञ से अनेक लाभ