धर्म-अध्यात्म राजनीति मुस्लिम राजनीतिः नए रास्तों की तलाश April 23, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | 5 Comments on मुस्लिम राजनीतिः नए रास्तों की तलाश भारतीय समाज से अलग नहीं हैं मुसलिम समाज के संकट मुस्लिम राजनीति के संकट पर बातचीत करते समय या तो हम इतनी संवेदनशीलता और संकोच से भर जाते हैं कि ‘सत्य’ दूर रह जाता है या फिर उपदेशक की भूमिका अख्तियार कर लेते हैं। हम इन विमर्शों में प्रायः मुस्लिम राजनीति को दिशाहीन, अवसरवादी, कौम […] Read more » Muslim मुसलमान मुस्लिम राजनीति
धर्म-अध्यात्म परम कृष्ण भक्त मीराबाई – मृत्युंजय दीक्षित April 19, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ‘मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरों न कोय’ गीत गाकर स्वयं को अमर बनाने वाली कृष्णभक्ति में लीन रहने वाली मीरा का जन्म मेड़ता के राजा राव रत्न सिंह के घर 23 मार्च, 1498 को हुआ था। मीरा का बचपन दुःखों में बीता था क्योंकि मात्र 3 वर्ष की होने पर मीरा की माता का स्वर्गवास […] Read more » Meerabai मीराबाई
धर्म-अध्यात्म सृष्टि के विधानानुसार प्राप्त होता है मनुष्य को सुख और दुःख – अखिलेश आर्येन्दु April 19, 2010 / December 24, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment आमतौर पर सुख और दुःख की जो लोक-प्रचलित धारणाएं या मान्यताएं हैं, उनमें ज्यादातर न तो तर्क संगत लगती हैं और न तो शास्त्र सम्मत ही। इसलिए जब कभी सदाचारी को दुःख पाते और दुराचारी को सुख पाते हम देखते हैं तो यह धारणा बना लेते हें कि सदाचार सुख का कारण और दुराचार दुःख […] Read more » Happy Sorrow दुःख सुख
धर्म-अध्यात्म सच्चाई से धर्म का पालन करके धरती पर स्वर्ग उतारा जा सकता है – अखिलेश आर्येन्दु April 17, 2010 / December 24, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 1 Comment on सच्चाई से धर्म का पालन करके धरती पर स्वर्ग उतारा जा सकता है – अखिलेश आर्येन्दु छान्दोग्योपनिषद् में धर्म शब्द की उत्पत्ति ‘धृ’ धातु में ‘मन्’ प्रत्यय से बताई गई है। महाभारत में भगवान व्यास ‘धारयति इति धर्मः को विस्तार देते हुए कहते हैं-धारणाद् धर्म मित्याहुर्धर्मों धारयति प्रजाः। यानी जो धर्म को धारण करता है, वह जीवन को धारण करता है। हिन्दू धर्म में धर्म को एक विधि बताया गया है। […] Read more » Religion धर्म
धर्म-अध्यात्म राष्ट्रीय एकता को पुष्ट करता है कुंभ का वैचारिक मंथन April 16, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment सागरमंथन से अमृत और विष दोनों ही निकले थे। हर मंथन का यही परिणाम होता है। विष त्याज्य होता है क्योंकि वह समाज के लिए अहितकारी होता है। समाज के भीतर से विष निकल जाए तो वह स्वस्थ हो जाता है। शुद्ध, प्रफुल्ल और उर्जावान। इसलिए समय के अंतराल के बाद मंथन आवश्यक हो जाता […] Read more » Kumbh कुंभ
धर्म-अध्यात्म ज्ञान सर्वोच्च लब्धि है – हृदयनारायण दीक्षित April 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विश्व तनावग्रस्त है, सब तरफ अशांति है। अशांति और तनाव आधुनिक विश्व मानवता की समस्या है। इसके उपचार भारतीय अध्यात्म व दर्शन में हैं। भारतीय अध्यात्म ईश्वर आस्था नहीं है। यह किसी ईश्वर प्रतिनिधि या ईश्वर पुत्र की घोषणा नहीं है। सिर्फ ज्ञान और श्रद्धा की प्रीति है। श्रद्धा और ज्ञान का मिथुन है। यह […] Read more » geeta उपनिषद गीता ज्ञान वेद
धर्म-अध्यात्म बज्रयानी सिद्ध आदि कवि सहरपाद का जन्म सहरसा में – मुक्तेश्वर मुकेश April 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बज्रयानी सिद्ध आदि कवि सहरपाद का जन्म सहरसा में – मुक्तेश्वर मुकेश जब बौद्ध धर्म 8वीं शताब्दी में बज्रयान के रूप में विकसित हुआ तब धीरे-धीरे इसमें तंत्रयान का समा वेश हो गया। तंत्रयान में बौद्ध भिक्षुणियाँ गुह्य गुफा में तांत्रिक क्रिया में रहने लगे। उस समय जनमानस में अपने दैहिक रोग मुक्ति के लिए तंत्रयानी भिक्षुकों का सहारा लेना अनिवार्य दिखने लगा। वे लोग तांत्रिक होम […] Read more » Brajyani बज्रयानी सिद्ध आदि कवि सहरपाद
धर्म-अध्यात्म तीर्थयात्राएं सुगम क्यों नहीं बन रहीं April 13, 2010 / December 24, 2011 by राकेश उपाध्याय | 1 Comment on तीर्थयात्राएं सुगम क्यों नहीं बन रहीं नई दिल्ली। हरिद्वार से लेकर अयोध्या तक सेकुलर राज में हिंदुओं की जेबों पर सरकारी मशीनरी दिन-दहाड़े डकैती डाल रही है। दिल्ली से जो कुंभ यात्री किराए की बसों और कारों से हरिद्वार कुंभ नगरी जा रहे हैं, उत्तर प्रदेश पुलिस और परिवहन विभाग दोनों हाथों से उन्हें लूट रहा है। दिल्ली से उत्तर प्रदेश […] Read more » Religious place तीर्थयात्रा
धर्म-अध्यात्म कोई सीता मैया को फूल चढ़ायेगा? April 6, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on कोई सीता मैया को फूल चढ़ायेगा? इन दिनों श्रीलंका में पर्यटक के रूप में भी भावुक न होना कठिन है। एक राहत की सांस अब भी सरसराती है, क्षितिज को चूमते समुद्र से लेकर व्यस्त नगरों और हरे भरे देहात तक। युद्ध खत्म हो चुका है और पूरी दुनिया मदद करने को आतुर है- सड़कें, पुल, अस्पताल, स्कूल उद्योग यहां तक […] Read more » Sri Lanka श्रीलंका सीता
धर्म-अध्यात्म देवी उपासना वैदिक काल से भी प्राचीन – हृदयनारायण दीक्षित April 3, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on देवी उपासना वैदिक काल से भी प्राचीन – हृदयनारायण दीक्षित माँ सृष्टि के अणु परमाणु की जननी है। माँ प्रत्येक जीव की आदि अनादि अनुभूति है। माँ की देह का विस्तार ही हम सबकी काया है। हम सबका अस्तित्व माँ के कारण ही है। माँ न होती तो हम न होते। माँ स्वाभाविक ही दिव्य हैं, देवी हैं, पूज्य हैं, वरेण्य हैं, नीराजन और आराधन […] Read more » Devi देवी उपासना
धर्म-अध्यात्म पादरियों के सेक्स-कारनामों से थर्राया यूरोप, वेटिकन ने की क्षमायाचना March 22, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on पादरियों के सेक्स-कारनामों से थर्राया यूरोप, वेटिकन ने की क्षमायाचना समाचार पोर्टल सीएनएन व अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के हवाले से मिल रही खबरों से पता चला है कि वेटिकन कैथोलिक पादरियों के बारे में दुनियाभर और खासतौर से यूरोप के विभिन्न देशों से एक के बाद एक सेक्स-कारनामों के खुलासे से बुरी तरह हिल गया है। और तो और शुक्रवार को म्युनिख, जर्मनी […] Read more » Sex ईसाई पादरी
धर्म-अध्यात्म विश्व बंधुत्व, करुणा, प्रेम और सुरक्षा ही मानव अधिकार की कुंजी : दलाई लामा March 19, 2010 / December 24, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment विश्व बंधुत्व की भावना, करुणा, प्रेम और भ्रातृत्व ही मानव अधिकारों की सुरक्षा की कुंजी है। इन्हीं मानवीय गुणों से अधिक सभ्य मानव विकसित होगा और गरीबी, जाति, धर्म, ऊँच-नीच तथा अन्य आधारों पर होने वाले मानव अधिकार हनन प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा। उक्त विचार तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने मध्यप्रदेश […] Read more » Dalai Lama दलाई लामा