धर्म-अध्यात्म वेदों ने हमें महान पुरुष ऋषि-मुनि और राम, कृष्ण, दयानन्द मिले June 25, 2021 / June 25, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य का निर्माण माता-पिता के पालन पोषण सहित उनके द्वारा दिये जाने वाले संस्कारों से होता है। माता-पिता हमें जो संस्कार देते हैं उन्हें वह विरासत में अपने माता-पिता व आचार्यों से प्राप्त होते हैं। हमारी यह सृष्टि 1.96 अरब वर्ष पुरानी है। इतने ही वर्ष पूर्व भारत वा आर्यावर्त के वर्तमान स्थान […] Read more » Dayanand Krishna Vedas gave us great men Rishi-Muni and Rama ऋषि-मुनि और राम
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म के अनन्य प्रेमी एवं ऋषि भक्त श्री शिवनाथ आर्य June 22, 2021 / June 22, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज 20वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि--मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।श्री शिवनाथ आर्य हमारी युवावस्था के दिनों के निकटस्थ मित्र थे। उनसे हमारा परिचय आर्यसमाज धामावाला देहरादून में सन् 1970 से 1975 के बीच हुआ था। दोनों की उम्र में अधिक अन्तर नहीं था। वह अद्भुत प्रकृति, स्वभाव व व्यवहार वाले आर्यसमाजी थे। उनके विलक्षण व्यक्तित्व के […] Read more » an exclusive lover and sage devotee of Vedic religion Shri Shivnath Arya श्री शिवनाथ आर्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य की चहुंमुखी उन्नति का आधार अविद्या की निवृत्ति और विद्या की वृद्धि June 21, 2021 / June 21, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य के जीवन के दो यथार्थ हैं पहला कि उसका जन्म हुआ है और दूसरा कि उसकी मृत्यु अवश्य होगी। मनुष्य को जन्म कौन देता है? इसका सरल उत्तर यह है कि माता-पिता मनुष्य को जन्म देते हैं। यह उत्तर सत्य है परन्तु अपूर्ण भी है। माता-पिता तभी जन्म देते हैं जबकि ईश्वर […] Read more » अविद्या की निवृत्ति और विद्या की वृद्धि
धर्म-अध्यात्म यज्ञ एवं दान आदि से जीवन पवित्र करने वाले ऋषि भक्त यशस्वी दर्शनकुमार अग्निहोत्री June 21, 2021 / June 21, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यदेश में ऋषि दयानन्द के अनेक अनुयायी हुए हैं जिन्होंने अपने जीवन एवं कार्यों से अनेक आदर्श प्रस्तुत किये हैं। वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून सहित आर्यजगत की अनेक संस्थाओं में अधिकारी रहकर अपने दान आदि सत्कर्मों से अनेक संस्थाओं व गुरुकुलो आदि का पोषण करने वाले श्री दर्शनकुमार अग्निहोत्री जी का जीवन […] Read more » a sage devotee who sanctifies life through sacrifice and charity etc. Yashasvi Darshankumar Agnihotri दर्शनकुमार अग्निहोत्री
धर्म-अध्यात्म सद्धर्म वेद की रक्षा एवं अविद्या दूर करना आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य June 16, 2021 / June 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द इतिहास में सत्य के आग्रही अनुपमेय महापुरुष थे। उन्होंने अपने जीवन में सत्य को छोड़ा नहीं और कभी असत्य को अपने किसी उद्देश्य पूर्ति का साधन नहीं बनाया जैसा कि सामान्य जन प्रायः किया करते हैं। सत्य धर्म की खोज के लिए ही उन्होंने अपने गृह का त्याग किया […] Read more » आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य सद्धर्म वेद की रक्षा एवं अविद्या दूर करना
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द वेदज्ञान द्वारा सब मनुष्यों को परमात्मा से मिलाना चाहते थे June 16, 2021 / June 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्यमहाभारत के बाद ऋषि दयानन्द ने भारत ही नहीं अपितु विश्व के इतिहास में वह कार्य किया है जो संसार में अन्य किसी महापुरुष ने नहीं किया। अन्य महापुरुषों ने कौन सा कार्य नहीं किया जो ऋषि ने किया? इसका उत्तर है कि ऋषि दयानन्द ने अपने कठोर तप व पुरुषार्थ से सृष्टि […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सर्व प्राचीन वैदिक धर्म का आधार ईश्वर और उसका ज्ञान वेद June 11, 2021 / June 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में अनेक मत-मतान्तर प्रचलित हैं जो अपने आप को धर्म बताते हैं। क्या वह सब धर्म हैं? यह मत-मतान्तर इसलिये धर्म नहीं हो सकते क्योंकि धर्म श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने को कहते हैं। मनुष्य का कर्तव्य है कि श्रेष्ठ व अनिन्दित गुण, कर्म व स्वभावों को जाने व […] Read more » The basis of all ancient Vedic religion is God and his knowledge Vedas वेद
धर्म-अध्यात्म विश्व को वेदों से मिला आत्मा की अमरता व पुनर्जन्म का सिद्धान्त June 7, 2021 / June 7, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो है […] Read more » principle of immortality and rebirth principle of immortality and rebirth of the soul The world got the principle of immortality and rebirth of the soul from the Vedas आत्मा की अमरता व पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के भीतर व बाहर व्यापक परमात्मा को जानना हमारा मुख्य कर्तव्य June 6, 2021 / June 6, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में अनेक आश्चर्य हैं। कोई ताजमहल को आश्चर्य कहता है तो कोई लोगों को मरते हुए देख कर भी विचलित न होने और यह समझने कि वह कभी नहीं मरेगा, इस प्रकार के विचारों को आश्चर्य मानते हैं। हमें इनसे भी बड़ा आश्चर्य यह प्रतीत होता है कि मनुष्य स्वयं को यथार्थ […] Read more »
धर्म-अध्यात्म वैदिक साहित्य के प्रमुख प्राचीन ग्रन्थ विशुद्ध-मनुस्मृति का महत्व May 31, 2021 / May 31, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसमस्त वैदिक साहित्य में मनुस्मृति का गौरवपूर्ण स्थान है। मनुस्मृति के विषय में महर्षि दयानन्द जी ने अपने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में कहा है कि यह मनुस्मृति सृष्टि की आदि मे उत्पन्न हुई है। मनुस्मृति से अधिकांश वैदिक मान्यताओं का प्रकाश होता है। प्राचीन काल में विद्यमान मनुस्मृति वेदानुकूल ग्रन्थ था जो समाज के […] Read more » Importance of Vishuddha-Manusmriti the main ancient text of Vedic literature मनुस्मृति का महत्व
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का सत्यस्वरूप हमें ऋषि दयानन्द के ग्रन्थों से प्राप्त होता है May 30, 2021 / May 31, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में ईश्वर की सत्ता में विश्वास रखने वाले और न रखने वाले दोनों प्रकार के मनुष्य निवास करते हैं। किसी कवि ने तो यहां तक कह दिया है कि ‘खुदा के बन्दों को देखकर खुदा से मुनकिर हुई है दुनिया, कि जिसके बन्दे ऐसे हैं वह कोई अच्छा खुदा नहीं।’ आज के […] Read more » The true form of God is derived from the texts of the sage Dayanand.
धर्म-अध्यात्म विश्व के लिए वेदज्ञान की उपेक्षा अहितकर एवं हानिकारक May 30, 2021 / May 31, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जीवन को संसार के वेदेतर सभी मत अद्यावधि प्रायः समझ नहीं सके हैं। यही कारण है कि यह जानते हुए कि सत्य एक है, संसार में आज के आधुनिक व उन्नत युग में भी एक नहीं अपितु सैकड़ो व सहस्राधिक मत-मतान्तर प्रचलित हैं जिनकी कुछ बातें सत्य व कुछ असत्य एवं अज्ञान […] Read more » Neglect of Vedas is harmful and harmful for the world वेदज्ञान की उपेक्षा