धर्म-अध्यात्म मनुस्मृति में किये गये प्रक्षेपों से होने वाली हानियां May 27, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआर्यजगत् की प्रसिद्ध वैदिक साहित्य के शोध एवं प्रकाशन की संस्था ‘आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट, दिल्ली’ द्वारा इतिहास में प्रथमवार दिनांक 26 दिसम्बर, 1981 को प्रक्षेपों से रहित ‘‘विशुद्ध-मनुस्मृति” का भव्य प्रकाशन किया गया था। इस अत्यन्त महत्वपूर्ण ग्रन्थ के व्याख्याता, समीक्षक तथा सम्पादक आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान कीर्तिशेष पं. राजवीर शास्त्री जी […] Read more » Losses due to projections made in Manusmriti मनुस्मृति
धर्म-अध्यात्म क्या संसार ऋषि दयानन्द के वैदिक सिद्धान्तों को समझ सका? May 27, 2021 / May 27, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमहर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश व समाज सहित विश्व की सर्वांगीण उन्नति का धार्मिक व सामाजिक कार्य किया है। क्या हमारे देश और संसार के लोग उनके कार्यों को यथार्थ रूप में जानते व समझते हैं? क्या उनके कार्यों से मनुष्यों को होने वाले लाभों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान विश्व व देश […] Read more » ऋषि दयानन्द के वैदिक सिद्धान्त
धर्म-अध्यात्म निमाड़ की माटी के संत शिरोमणि सिंगाजी महाराज May 25, 2021 / May 25, 2021 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव माता मानो हमारी तम एक बात, खजूरी अपण छोडी देवा।माता घट को धोबी हमको मूठ मार,माता यह दुख सयो नी जाय।बेटा अनधन लक्ष्मी का काई लई जावां, बेटा कां जाई न देवां रयवास।।माता हरसूद जिला गॉव भैसावा, माता पिपल्या म देवां रहवास।कहे जन सिंगा सुणो भाई साधो, असो राखों ते शरण लगाय।।बालक […] Read more » संत शिरोमणि सिंगाजी महाराज
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन की उन्नति के सरल वैदिक साधन May 25, 2021 / May 25, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में अनेक प्रकार के प्राणी हैं जिनमें से एक मनुष्य है। मनुष्य उसे कहते हैं जिसमें मनन करने का गुण व सामथ्र्य है। मनन करना सत्य व असत्य के विवेक वा निर्णय करने के लिए होता है। मनुष्य के पास अन्य प्राणियों की तुलना में उनसे कहीं अधिक विकसित बुद्धि तत्व व […] Read more » सरल वैदिक साधन
धर्म-अध्यात्म देश में जन्मना जातिव्यवस्था का आरम्भ 185 वर्ष ईसा पूर्व हुआ May 22, 2021 / May 22, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment स्वाध्याय से मनुष्य को अनेक लाभ– -मनमोहन कुमार आर्य स्वाध्याय करना वैदिक धर्मियों के जीवन का अनिवार्य कार्य, आचरण एवं व्यवहार है। स्वाध्याय से प्रत्यक्ष लाभ ज्ञान की वृद्धि के रूप में सामने आता है। मनुष्य को सद्ग्रन्थों का ही स्वाध्याय करना चाहिये। ऐसा करने से ही मनुष्य के सद्ज्ञान में वृद्धि होती है। […] Read more » The birth of caste system in the country started in the year 185 BC देश में जन्मना जातिव्यवस्था का आरम्भ 185 वर्ष ईसा पूर्व हुआ
धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र यज्ञ एवं इससे वर्तमान में होने वाले रोगमुक्ति आदि अनेक लाभ May 18, 2021 / May 18, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यअग्निहोत्र यज्ञ से होने वाले लाभों में अनागत रोगों से बचाव, प्राप्त रोगों का दूर होना, वायु-जल की शुद्धि, ओषधि-पत्र-पुष्प-फल-कन्दमूल आदि की पुष्टि, स्वास्थ्य, दीर्घायुष्य, बल, इन्द्रिय-सामर्थ्य, पाप-मेाचन, शत्रु-पराजय, तेज, यश, सदविचार, सत्कर्मों में प्रेरणा, गृह-रक्षा, भद्र-भाव, कल्याण, सच्चारित्र्य, सर्वविध सुख आदि लाभ प्राप्त होते हैं। वन्ध्यात्व-निवारण, पुत्र-प्राप्ति, वृष्टि, बुद्धिवृद्धि, मोक्ष आदि फलों […] Read more » Agnihotra Yagna and many benefits of the disease अग्निहोत्र यज्ञ
धर्म-अध्यात्म समाज मनुष्य के जन्म व मृत्यु पर विचार May 17, 2021 / May 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ”-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।यह समस्त जड़ चेतन रूपी संसार सादि व सान्त अर्थात् उत्पत्ति धर्मा और प्रलय को प्राप्त होने वाला है। सभी जड़ पदार्थ सत, रज व तम गुणों वाली मूल प्रकृति के विकार हैं। मनुष्य व प्राणियों के शरीरों पर विचार करें तो हम पाते हैं कि इसमें हमारे व अन्यों के शरीर […] Read more » मनुष्य के जन्म व मृत्यु पर विचार
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का त्रिकालदर्शी स्वरूप हमें सद्कर्मों की प्रेरणा करता हैं May 17, 2021 / May 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment हम और ईश्वर दो अलग अलग सत्तायें हैं। दोनों की सामर्थ्य भी अलग अलग हैं। मनुष्य अल्प शक्तिवाला है तो ईश्वर सर्वशक्तिमान है। मनुष्य अल्पज्ञ वा अल्पज्ञान वाला है तो ईश्वर सर्वज्ञ वा सभी प्रकार का पूर्ण ज्ञान रखने वाली सत्ता है। दोनों की सत्ता में कुछ समानतायें हैं और कुछ असमानतायें हैं। इसी […] Read more » ईश्वर का त्रिकालदर्शी स्वरूप
धर्म-अध्यात्म ईश्वर-जीवात्मा का परस्पर संबंध और ईश्वर के प्रति मनुष्य के कर्तव्य May 7, 2021 / May 7, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जानता है कि वह एक चेतन सत्ता है। जीवित अवस्था में चेतन सत्ता जीवात्मा शरीर में विद्यमान रहती है। मृत्यु होने पर जीवात्मा शरीर को छोड़कर चली जाती है। जीवात्मा का शरीर में रहना जीवन और उसका शरीर से निकल जाना ही मृत्यु कहलाता है। किसी ने न तो जीवात्मा को देखा […] Read more » ईश्वर-जीवात्मा का परस्पर संबंध
धर्म-अध्यात्म मनोरंजन महत्वपूर्ण लेख अलौकिक है लोकनायक हनुमान का चरित्र April 25, 2021 / April 25, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment हनुमान जयन्ती- 27 अप्रैल 2021 पर विशेषललित गर्ग भारतीय संस्कृति में श्रीराम और श्रीकृष्ण की भांति हनुमानजी भी संस्कृति के आधार स्तंभ, अलौकिक देव तथा निष्ठा-भक्ति के केन्द्र हैं। आधुनिक समय में सर्वाधिक पूजे जाने वे मंगलकर्ता एवं विघ्नहर्ता हंै, प्रत्येक भारतीय के हृदय में उनकी भक्ति एवं उपासना दिनोंदिन वृद्धिंगत हो रही है। हनुमानजी […] Read more » Loknayak Hanuman's character is supernatural अलौकिक है लोकनायक हनुमान का चरित्र हनुमान जयन्ती हनुमान जयन्ती- 27 अप्रैल 2021
धर्म-अध्यात्म सृष्टि में मनुष्य व अन्य प्राणियों का जन्म क्यों होता आ रहा है? April 11, 2021 / April 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में अनेक प्राणी हैं परन्तु मनन करने वाला प्राणी केवल मनुष्य ही है। मनुष्य का जन्म-माता व पिता से होता है। यह दोनों मनुष्य के जन्म में मुख्य कारण वा हेतु […] Read more » Why are humans and other beings born in the world? सृष्टि में मनुष्य व अन्य प्राणियों का जन्म
धर्म-अध्यात्म वेदों पर आधारित वैदिक धर्म मानव धर्म का पयार्य है April 11, 2021 / April 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सभी प्राणी योनियों में मनुष्य योनि श्रेष्ठ है और सभी प्राणियों में मनुष्य सबसे श्रेष्ठ प्राणी है। मनुष्य ज्ञान अर्जित कर सकता है परन्तु अन्य प्राणी, पशु व पक्षी आदि, ज्ञान प्राप्त कर उसके चिन्तन, मनन व विश्लेषण द्वारा वह लाभ प्राप्त नहीं कर सकते जो कि मनुष्य करता है। इसलिये […] Read more » वेदों पर आधारित वैदिक धर्म