Category: धर्म-अध्यात्म

धर्म-अध्यात्म

“सृष्टि की उत्पत्ति का कारण और कर्म-फल सिद्धान्त”

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–मनमोहन कुमार आर्य हम इस विश्व के अनेकानेक प्राणियों में से एक प्राणी हैं। यह विश्व जिसमें असंख्य सूर्य, पृथिवी व चन्द्र आदि लोक लोकान्तर विद्यमान है, इसकी रचना वा उत्पत्ति किस सत्ता ने क्यों की, यह ज्ञान हमें होना चाहिये। महर्षि दयानन्द ने जहां अनेक प्रकार का ज्ञान अपने सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में दिया […]

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 ‘ईश्वर हमें मृत्यु से हटाकर अमृत वा मोक्ष की ओर ले चले’

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मनमोहन कुमार आर्य, संसार भौतिक प्रगति करते हुए प्रतिदिन नई-नई खोजें कर रहा है और मनुष्य जीवन को सुखी व सुविधाओं से युक्त कर दिन प्रतिदिन नये-नये उपकरणों का निर्माण कर रहा है। संसार में अध्यात्मवाद और भौतिक वाद पर दृष्टि डालें तो पाते हैं कि संसार में अध्यात्मिकता न के बराबर है। सर्वत्र भौतिकवाद […]

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 “ईश्वरीय ज्ञान वेदों का पुनरुद्धार, देश को आजादी का मूलमन्त्र तथा सामाजिक न्याय का सिद्धान्त ऋषि दयानन्द की देन है”

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मनमोहन कुमार आर्य,  हम और सारा संसार ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उनका ऋण ऐसा है कि जो कोई उतार नहीं सकता। उन्होंने संसार को सत्य ज्ञान दिया जो महाभारत युद्ध के बाद लुप्त होने के साथ अनेक विकृतियों से ग्रस्त हो गया था। वेदों के शुद्ध ज्ञान को प्राप्त करना सहज व सरल नहीं […]

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“ऋषि दयानन्द ने सभी मिथ्या आध्यात्मिक मान्यताओं एवं सभी सामाजिक बुराईयों का निवारण किया”

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मनमोहन कुमार आर्य,  ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि कोटि के विद्वान थे। उनके सामाजिक योगदान पर दृष्टि डालते हैं तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक या दो सामाजिक दोषों पर ध्यान नहीं दिया अपितु सभी सामाजिक बुराईयों का उन्मूलन […]

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