जन-जागरण ‘कार वालों पर मेहरबान सरकार’ February 24, 2014 / February 24, 2014 by कन्हैया झा | Leave a Comment अभी हाल में सत्र 2014-15 के लिए पेश किये गए अंतरिम बजट में कारों पर टैक्स कम कर वित्त मंत्री ने ‘कार-सेवा’ ही की है. यह भी तब जब कि देश के मध्य एवं उच्च वर्ग की सेवा के लिए विश्व के अनेक कार निर्माता स्वयं यहाँ पर कारें बनाने को आतुर हैं. राष्ट्रीय शहरी […] Read more »
जन-जागरण देशहित में नहीं है आतंकवादियों का प्रोत्साहन February 24, 2014 / February 24, 2014 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री भारतवर्ष में सक्रिय राजनैतिक दल व इनके नेता यह कहते हुए नहीं थकते कि हमारा राष्ट्र अखंड है तथा यहां अनेकता में एकता का वह दर्शन होता है जो दुनिया में कहीं भी नहीं दिखाई देता। परंतु जब इन्हीं राजनीतिज्ञों को आपस में एक-दूसरे को नीचा दिखाना होता है या वोट बैंक का […] Read more » देशहित में नहीं है आतंकवादियों का प्रोत्साहन
जन-जागरण राजनीतिज्ञों के अंधविश्वास January 10, 2014 / January 11, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- अक्सर हमारे देश में ग्रामीण, अशिक्षित और गरीब को टोना-टोटकों का उपाय करने पर अंधविश्वासी ठहरा दिया जाता है। अंधविश्वास के पाखंड से उबारने की दृष्टि से चलाए जाने वाले अभियान भी इन्हीं लोगों तक सीमित रहते हैं। वैसे आर्थिक रूप से कमजोर और निरक्षर व्यक्ति के टोनों-टोटकों को इस लिहाज से […] Read more » politicians superstition राजनीतिज्ञों के अंधविश्वास
जन-जागरण कीचड़ में खड़ा आम आदमी January 8, 2014 / January 11, 2014 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कीचड़ में खड़ा आम आदमी -प्रमोद भार्गव- अपनी जिद, जुनून और जज्बे को साथ लेकर आम आदमी सत्ता की कीचड़ में सफाई के लिए खड़ा हो गया है। वह दलित और वंचित तबके का आम आदमी ही होता है, जो गटरों में गहरे धंसकर अधिकतम गंदगी को साफ करके पवित्रतम जलस्त्रोतों को पीने लायक बनाए रखता है। भ्रष्टाचार ने उन […] Read more » AAP कीचड़ में खड़ा आम आदमी
जन-जागरण मनमोहन जी आपने देश को 10 साल में पूरा तबाह कर दिया है! January 6, 2014 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 2 Comments on मनमोहन जी आपने देश को 10 साल में पूरा तबाह कर दिया है! इक़बाल हिंदुस्तानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में तीसरी प्रैसवार्ता में यह दावा किया है कि मोदी अगर देश के पीएम बने तो देश को तबाह कर देंगे लेकिन सत्य और तथ्य यह है कि मनमोहन ने अपनी भ्रष्ट और पूंजीवादी नीतियों से देश को पूरी तरह पहले ही […] Read more » मनमोहन जी आपने देश को 10 साल में पूरा तबाह कर दिया है!
चुनाव विश्लेषण लोकसभा चुनावों के नये समीकरण बनाती ‘आप’ January 5, 2014 / January 5, 2014 by विकास कुमार गुप्ता | 5 Comments on लोकसभा चुनावों के नये समीकरण बनाती ‘आप’ -विकास कुमार गुप्ता- लोकसभा चुनाव निकट आ चुके हैं और राजनीतिक पार्टियां भी अपनी जीत के लिए हर जुगत में लग गयी है। कुछ समय पहले देश मोदीमय हो गया था और भाजपा के तरफ से लोकसभा के परिप्रेक्ष्य में पूर्ण बहुमत के दावे हो रहे थे। सपा सुप्रीमो मुलायम तीसरे मोर्चे का राग […] Read more » AAP Lok sabha election लोकसभा चुनावों के नये समीकरण बनाती ‘आप’
जन-जागरण नये वर्ष का दिखावापन January 1, 2014 / January 1, 2014 by विकास कुमार गुप्ता | 2 Comments on नये वर्ष का दिखावापन हिन्दू नववर्ष शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा को मनाया जाता है। 2014 में यह 31 मार्च को है लेकिन हिन्दू नव वर्ष आने और समापन होने तक का आभाष नहीं होता और इसके विपरित अंग्रेजी नव वर्ष के दिन होने वाले विभिन्न प्रकार के आयोजनों से समूचा भारत रंग जाता है। भारत में स्व राष्ट्र, स्व […] Read more » नये वर्ष का दिखावापन
जन-जागरण बिहार में सुशासन का आतंक-राज December 31, 2013 / December 31, 2013 by अभिषेक रंजन | Leave a Comment सुशासन का मुखौटा ओढ़े आतंक-राज देखना हो तो आपका बिहार में स्वागत है! चौकिएगा मत! यह हकीक़त है, फिजूल की बयानबाजी नही. ज़मीनी सच्चाई और सरकारी आंकड़े इस बात की गवाही देते है कि बिहार अपराधियों के गिरफ्त में है, जहाँ आम लोग डरे-सहमे जीवन जीने को मजबूर है. न तो पुलिस सुनती है, न ही सरकार को इनकी […] Read more » बिहार में सुशासन का आतंक-राज
जन-जागरण सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला कानून December 14, 2013 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला कानून communal प्रमोद भार्गव केंद्र की यूपीए सरकार विशुद्ध रूप से वोट बैंक मजबूत करने की कुटिल राजनीति पर उतर आई है। सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र की रिपोर्टें इसी सबब का पर्याय थीं। अब ठंडे बस्ते में पडे़ सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 को इसी शीत सत्र में पेश करने की तैयारी है। […] Read more » सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला कानून
जन-जागरण सपनों का सौदागर – अरविन्द केजरीवाल December 12, 2013 by विपिन किशोर सिन्हा | 22 Comments on सपनों का सौदागर – अरविन्द केजरीवाल भोजपुरी में एक कहावत है – ना खेलब आ ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ देब। इसका अर्थ है – न खेलूंगा, न खेलने दूंगा; खेल ही बिगाड़ दूंगा। दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी ‘आप’ ने चुनाव के बाद गैर जिम्मेदराना वक्तव्य और काम की सारी सीमायें लांघ दी है। दिल्ली […] Read more » सपनों का सौदागर - अरविन्द केजरीवाल
चुनाव जन-जागरण प्रजातंत्र, सोशल मीडिया और मतदान December 11, 2013 / December 11, 2013 by सरमन नगेले | Leave a Comment सरमन नगेले ’’पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग, राजनैतिक दलों ने सोशल मीडिया का उपयोग किया। इससे मतदान का प्रतिशत ऐतिहासिक रूप से बढ़ा। सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं ने सजगता के साथ मतदान में भागीदारी की।’’ सोशल मीडिया आज एक शक्तिशाली विकल्प के रूप में ऐसे लोग की आवाज बन गया […] Read more »
जन-जागरण विधि-कानून दूध की शुद्धता को बचाने हेतु अदालती संज्ञान December 9, 2013 / December 9, 2013 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक गत् कई दशकों से अपने ही देशवासियों को नकली व मिलावटी खाद्य पदार्थ परोसते आ रहे हैं। और इस गोरखधंधे से होने वाली अपनी काली कमाई को मानवता के यह दुश्मन मां लक्ष्मी की कृपा मानते हैं। मिलावटखोरों का यह कारोबार जहां अन्य और कई प्रकार की खाद्य […] Read more » दूध की शुद्धता को बचाने हेतु अदालती संज्ञान