विविधा सिनेमा हिन्दुस्तान के रूह को तलाशती फिल्म “धरम संकट में” April 15, 2015 by जावेद अनीस | 1 Comment on हिन्दुस्तान के रूह को तलाशती फिल्म “धरम संकट में” जावेद अनीस भारत एक धर्मान्ध देश है,यहाँ धार्मिक जीवन को बहुत गंभीरता से स्वीकार किया जाता है, लेकिन भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत विविधतापूर्ण एकता है, यह जमीन अलग अलग सामाजिक समूहों, संस्कृतियों और सभ्यताओं की संगम स्थाली रही है, और यही इस देश की ताकत भी रही है. आजादी और बंटवारे के […] Read more » hindi movie dharam sankat mein धरम संकट में
समाज सिनेमा समाज को दिशाहीन करतीं हिंसा मुक्त फिल्म January 31, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 2 Comments on समाज को दिशाहीन करतीं हिंसा मुक्त फिल्म सुरेश हिन्दुस्थानी कहते हैं भारतीय फिल्मों का समाज जीवन पर गहरा असर होता है, आज कई युवा तो केवल फिल्मों से आकर्षित होकर उसकी तरफ कदम बढ़ाने को आतुर दिखाई देते हैं। केवल चमक दमक और हिंसा मुक्त फिल्में ही आज समाज के सामने दिखाई जा रही हैं, जो समाजानुकूल नहीं कही जा सकतीं। वर्तमान […] Read more » समाज को दिशाहीन करतीं हिंसा मुक्त फिल्म
सिनेमा मजहब के नाम पर हो रहे धंधे, सियासत और अन्धविश्वास को लेकर सवाल है “पीके” January 12, 2015 / January 12, 2015 by जावेद अनीस | 2 Comments on मजहब के नाम पर हो रहे धंधे, सियासत और अन्धविश्वास को लेकर सवाल है “पीके” जावेद अनीस राजकुमार हिरानी के फिल्मों का अलग ही मिजाज होता है, वे विलक्षण रूप से भेड़–चाल से अलग नज़र आते हैं, और ऐसा भी नहीं होता है कि वे अलग लीक पर चलते हुए सिनेमा के मूल उद्देश्य ‘मनोरंजन’ को नज़रअंदाज करते हों,बल्कि उनकी फिल्में तो आम मसाला फिल्मों से ज्यादा मनोरंजक होती हैं. […] Read more » पीके
सिनेमा फिल्म PK के आमिर खान से कुछ सवाल January 3, 2015 / January 3, 2015 by पंडित दयानंद शास्त्री | 4 Comments on फिल्म PK के आमिर खान से कुछ सवाल फिल्म PK के आमिर खान से कुछ सवाल और अगर आपके पास सवालो के जवाब हे तो दीजियेगा, अन्यथा आमिर खान तक पहुँचाने में मदद कीजियेगा:—- 1. अगर गाय को घास खिलाने से धर्म होता हो या नहीं लेकिन उसका पेट जरूर भरता है लेकिन अपने धर्म गुरु के कहने से आप तो बकरे को […] Read more » आमिर खान से कुछ सवाल फिल्म PK के
सिनेमा फिल्म या मक्कारी? January 2, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 4 Comments on फिल्म या मक्कारी? आमिर,राजकुमार हिरानी की पिके ! हिंदुत्व से कशीदेकारी भरी कमीनगी कर ली,आमिर और हिरानी ने,पीके के माध्यम से! सेंसर बोर्ड देश-काल–परिस्थिति का जानकार नहीं बल्कि सुदूर मरुस्थली-खाड़ी या यूरोपीय पृष्ठभूमि का दलाल हैं?! यदि कोई अनपढ़, अशिक्षित, किसी कट्टर मदरसे से निकला हुआ या तालिबानी शिविरों में रहा हुआ कोई मुस्लिम युवा किसी अन्य के […] Read more » pk
सिनेमा पीके : हिन्दू आस्था पर आघात January 2, 2015 / January 3, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कहा जाता है कि हिन्दी फिल्मों में केवल हिन्दू देवी देवताओं का सरेआम अपमान किया जाता है, इसके विपरीत किसी भी फिल्म निर्माता में इस बात की हिम्मत दिखाई नहीं देती कि वह इस प्रकार का फिल्मांकन मुस्लिम और ईसाई समाज के लिए करे। फिल्म पीके में एक बार फिर हिन्दू देवी देवताओं […] Read more » पीके हिन्दू आस्था पर आघात
सिनेमा पीके फिल्म का विरोध, आखिर क्यों? January 2, 2015 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 5 Comments on पीके फिल्म का विरोध, आखिर क्यों? सुप्रसिद्ध फिल्मी नायक आमिर खान अभिनीत की “पीके” फिल्म से पाखंडी और ढोंगी धर्म के ठेकेदारों की दुकानों की नींव हिल रही हैं। इस कारण ऐसे लोग पगला से गये हैं और उलजुलूल बयान जारी करके आमिर खान का विरोध करते हुए समाज में मुस्लिमों के प्रति नफरत पैदा कर रहे हैं। इस दुश्चक्र […] Read more » पीके फिल्म का विरोध पीके फिल्म का विरोध आखिर क्यों?
सिनेमा ‘‘पीके’’ से प्यार January 2, 2015 / January 2, 2015 by विजन कुमार पाण्डेय | Leave a Comment एक ही दिन में आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ को दो राजनेताओं का प्यार मिल गया। वे हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेद्र फड़नवीस। अखिलेश यादव ने इस फिल्म को राज्य में टैक्स-फ्री होने का ऐलान कर दिया है। अब इनको देखकर बिहार में भी यह फिल्म टैक्स-फ्री हो […] Read more » पीके
सिनेमा जो करेगा, सो भरेगा, तू काहे होत उदास December 31, 2014 / December 31, 2014 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 2 Comments on जो करेगा, सो भरेगा, तू काहे होत उदास पीके फिल्म डा. अरविन्द कुमार सिंह इस लेख को लिखने के पूर्व, मैं इस बात की उद्घोषणा करना जरूरी समझता हूॅ कि मैने पीके फिल्म देखी है। ऐसा इस लिये की लेख के बीच में आपके जेहन में ऐसा सवाल उठ सकता है। ठीक उस टीवी एंकर की तरह जिसके पास जब कोई सवाल […] Read more » पीके फिल्म
शख्सियत सिनेमा बहुत याद आओगे काका December 30, 2014 / December 30, 2014 by हर्षवर्धन पान्डे | Leave a Comment 29 दिसंबर सुपर स्टार राजेश खन्ना जन्मतिथि पर विशेष हर्षवर्धन पाण्डे “ बाबू मोशाय हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है | कौन कब कहाँ उठेगा कोई नहीं जानता ” यह संवाद बानगी भर है | सत्तर के दशक को याद करें | ऋषिकेश मुखर्जी ने पहली बार जिन्दगी और मौत […] Read more » birth anniversary of Rajesh Khanna राजेश खन्ना जन्मतिथि सुपर स्टार राजेश खन्ना
सिनेमा क्या ‘खान्स ‘ ही शेष बचे हैं जो हिन्दुओं को ये समझाये कि उनका धर्म कैसा है ? December 28, 2014 / December 28, 2014 by श्रीराम तिवारी | 8 Comments on क्या ‘खान्स ‘ ही शेष बचे हैं जो हिन्दुओं को ये समझाये कि उनका धर्म कैसा है ? इन दिनों कोई ‘पी के’ नाम की फिल्म आई है। मुझे अभी तक इस फिल्म को देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है । वैसे भी में केवल ‘कला’ फिल्मे ही देखना पसंद करता हूँ। बीस -पच्चीस साल से किसी सिनेमाँ घर गया ही नहीं । किन्तु मनोरंजन चेलंस पर कभी -कभार कोई आधी -अधूरी फिल्म अवश्य देख लिया […] Read more »
सिनेमा PK का संदेश December 24, 2014 by अनुज अग्रवाल | 8 Comments on PK का संदेश लोग PK देख आये हैं | मल्टीप्लेक्स में 300 रुपये खर्च कर कह रहे हैं कि हाय रे आमिर ने महादेव का अपमान कर दिया | हिन्दू धर्म की ऐसे बुराई की वैसे बुराई की | हम एसी फिल्म का विरोध करते हैं | अरे भाई विरोध उसे कहते हैं जिसमे सामने वाले को भी […] Read more »