सिनेमा एक ऑल-राउंडर एक्टर हैं कार्तिक आर्यन April 17, 2025 / April 17, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर नई पीढ़ी के आइकन के रूप में अपनी जगह पक्की कर चुके एक्टर कार्तिक आर्यन की तेजी से बढ़ती पॉपुलैरिटी गजब की है। लगता है कि जैसे इन दिनों वह अपने करियर में सफलता का आसमान छूने के लिए निकल पड़े हैं। पिछले साल अपनी फिल्मों के जरिये उन्होंने साबित किया कि वह सिर्फ एक स्टार […] Read more » Kartik Aaryan is an all-rounder actor कार्तिक आर्यन
सिनेमा हर बार तारीफ बटोर ले जाते हैं सोहम शाह April 10, 2025 / April 10, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर 15 जून, 1983 को राजस्थान के श्रीगंगानगर के एक साधारण परिवार में जन्मे अभिनेता और निर्माता सोहम शाह एक्टिंग में आने से पहले रियल एस्टेट का बिज़नेस करते थे लेकिन मनोज बाजपेयी को सिल्वर स्क्रीन पर देखने के बाद कहीं न कहीं उनके मन में एक्टर बनने का ख्याल आया। अपने इसी ख्वाब को पूरा करने के […] Read more » Soham Shah gets praise every time सोहम शाह
मनोरंजन सिनेमा भारत कुमार को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि: मनोज कुमार – एक युग, एक विचार, एक भावना April 6, 2025 / April 6, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment “है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ भारत का रहने वाला हूँ भारत की बात सुनाता हूँ” -प्रियंका सौरभ जब भी भारतभूमि से जुड़ी फिल्मों और कलाकारों की बात होती है, तो एक नाम स्वाभाविक रूप से मन में आता है – मनोज कुमार। यह नाम सिर्फ एक अभिनेता का […] Read more » मनोज कुमार
मनोरंजन सिनेमा कसमें वादे प्यार वफ़ा सब, बातें हैं बातों का क्या… April 6, 2025 / April 6, 2025 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment श्रद्धांजलि– मनोज कुमार सुशील कुमार ‘नवीन’ सही अर्थों में वो भारतवासी थे। जीवनपर्यंत भारत और भारतीय संस्कृति की ही बातें उन्होंने प्रत्येक देशवासी को बताई। मेरे देश की धरती सोना उगले से राष्ट्र की दूर तलक तक पहचान बनवाने में उनका स्वर्णिम योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। ये दुनिया एक नंबरी तो मैं दस नंबरी से मैदान ए जंग में अपना अलग ही रुतबा उन्होंने बरकरार रखा। यहां तक अबके बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे का वादा पूरी निष्ठा से निभाकर भारत मां के उपकार को चुकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। जीवन चलने का नाम कहकर क्रांति की अलख जगाना कोई इनसे ही सीखे। मेरा रंग दे बसंती चोला कहकर शहीद होने वाले इस भारत कुमार को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। भले ही दीवानों से ये मत पूछो, दीवानों पे क्या गुजरी है कहकर अपने हुए पराये का दर्द देकर चले गए, फिर भी पत्थर के सनम तुम्हें हमने खुदा माना। माना बस यही अपराध है बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं। पर तुम्हें हरियाली और रास्ता इतना भाएगा कि इस बात का जरा भी अहसास नहीं होने दिया। हमें यह बोलकर कि घर बसाकर देखो, कभी अपना बनाकर देखो खुद का सन्यासी बन क्या हिमालय की गोद में जाना उचित है। रोटी कपड़ा और मकान की जीवन में सार्थकता का अहसास जिस तरह से तुमने कराया, वैसा और कोई आदमी चाहे हाथ में रेशमी रूमाल लेकर घूमता फिरे। पूनम की रात में कलयुग की रामायण दिखाकर वो कौन थी का यादगार सस्पेंस उत्तर दक्षिण, पूरब और पश्चिम में सदा बना रहेगा। आप भी सोच रहे होंगे कि मास्टरजी का दिमाग आज बन्ना गया है कि बेसिरपैर की बातें करे जा रहे हैं। आपका सोचना बिल्कुल वाजिब भी है कि व्यंग्य के साथ गांभीर्य का सदा तड़का लगाने वाले मास्टरजी आज अलग ही मूड में है। विषय से न भटकते हुए सीधे मुद्दे पर आ जाते हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्रीज में अपना अलग मुकाम रखने वाले एकमात्र भारत कुमार की उपाधि को सही अर्थों में शिरोधार्य करने वाले अभिनेता, निर्देशक मनोज कुमार जी आज नहीं रहे। हिन्दुस्तान ही क्या विदेशों तक उनकी फैन फॉलोइंग अपने आप में रिकॉर्ड है। राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को अपनी फिल्मों के माध्यम से उन्होंने सदैव अग्रणी रखा। इस बात का उदाहरण आप इसी बात से लगा सकते हां कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी के एक कथन से उन्होंने किसान और जवान को केंद्र में रखकर उपकार फिल्म बनाई। क्रांति के माध्यम से अंग्रेजी गुलामी की दासता को चित्रण कर प्रत्येक देशवासी को झकझोर कर रख दिया। संगीत के तो क्या कहने। 15 अगस्त हो या 26 जनवरी, उपकार, क्रांति, शहीद आदि फिल्मों के गीत तन मन में रोमांच भर देते हैं। उनके बारे में जितना लिखा जाए, जितना सुना जाए, उतना ही कम रहेगा। एक बेहतर भारतीय अभिनेता तो थे ही, इसके साथ-साथ उच्च कोटि के फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, गीतकार और संपादक भी थे। जिस कार्य को शुरू किया उसमें क्या नफा होगा क्या नुकसान, इस बात की परवाह उन्होंने कभी नहीं की। जो एक बार ठान लिया, उसे करने के लिए वो हद से गुजरने से गुरेज नहीं करते थे।कई बार नुकसान भी हुआ पर उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। अपनी अलग पहचान बनाई। जब तक काम किया सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हिंदी सिनेमा में उनके काम को सदा याद किया जायेगा। भारतीय सिनेमा और कला में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 1992 में पद्म श्री और 2015 में सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ। फिल्म इंडस्ट्रीज में कभी न भुलाए जाने वाले मनोज कुमार जी को उन्हीं की एक फिल्म शोर के गीत से नमन। दो पल के जीवन से इक उम्र चुरानी है ज़िंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है। लेखक; सुशील कुमार ‘नवीन‘, Read more » मनोज कुमार
मनोरंजन सिनेमा करियर के सबसे अच्छे दौर से गुजर रहे हैं जॉन अब्राहम April 3, 2025 / April 3, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर जॉन अब्राहम के पिता केरल के एक मलयाली सीरियन ईसाई जबकि मां गुजरात से ताल्लुक रखने वाली ईरानी हैं । जॉन की स्कूलिंग मुंबई के बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से हुई । स्कूलिंग पूरी होने के बाद जॉन ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जॉन ने फिल्मों में आने के पहले […] Read more » John Abraham is going through the best phase of his career जॉन अब्राहम
मनोरंजन सिनेमा किस्मत की धनी हैं परिणीति चोपड़ा April 2, 2025 / April 2, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर 22 अक्टूबर 1988 को पैदा हुई, प्रियंका चोपड़ा की कजिन परिणीति चोपड़ा, न तो प्रियंका की तरह खूबसूरत हैं और न ही उनकी गिनती, प्रियंका की तरह कामयाब एक्ट्रेस के तौर पर होती है। लेकिन मानना होगा कि परिणीति, जिसका शाब्दिक अर्थ ही डेस्टिनी होता है, किस्मत की बेहद धनी है। अपनी किस्मत के बल पर, उन्हें फिल्मों में काम मिलता रहा है […] Read more » Parineeti Chopra is very lucky परिणीति चोपड़ा
मनोरंजन सिनेमा विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी हिट ‘छावा’ March 27, 2025 / March 27, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर लक्ष्मण उतेकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘छावा’ (2025) में विक्की कौशल को छत्रपति संभाजी महाराज उर्फ छावा ऐतिहासिक किरदार निभाने का मौका मिला। फिल्म की पूरी कहानी विक्की कौशल के इसी किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है। कुछ दृश्यों को छोड़ दें तो दर्शकों के एक बड़े वर्ग को विक्की कौशल ज्यादातर दृश्यों में […] Read more » विक्की कौशल
मनोरंजन सिनेमा थिएटर : दशा, दिशा एवं संभावना March 26, 2025 / March 26, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment विश्व थिएटर दिवस (27 मार्च) डॉ घनश्याम बादल एक समय था जब थिएटर न केवल मनोरंजन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम ही नहीं अब समाज का दर्पण भी था और विभिन्न नाटकों के माध्यम से समसामयिक मुद्दों को प्रस्तुत करता था मगर आज विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं फिल्म जगत तथा सोशल मीडिया के बढ़ते वर्चस्व […] Read more » Direction and Possibility Theatre: Condition विश्व थिएटर दिवस (
मनोरंजन सिनेमा एक्टर से प्रोडयूसर बने राजकुमार राव March 20, 2025 / March 20, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर 31 अगस्त 1984 को हरियाणा के गुड़गांव में पैदा हुए एक्टर राजकुमार राव एक्टर बनने का सपना लिए पहली बार साल 2008 में मुंबई आए थे। स्ट्रगल के एक लंबे दौर से गुजरते हुए उन्होंने फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से हर किसी का दिल जीता है। राजकुमार राव आज मेनस्ट्रीम में शामिल एक्टर हैं। जिस तरह उन्होंने […] Read more » Rajkumar Rao turned from actor to producer राजकुमार राव
सिनेमा डिजिटल डेब्यू की तैयारियों में जुटे हैं अक्षय खन्ना March 18, 2025 / March 18, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर 28 मार्च 1975 को जन्में एक्टर अक्षय खन्ना की शुरुआती पढ़ाई बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल, बाबुलनाथ में हुई। इसके बाद उन्होंने लॉरेंस स्कूल, लवडेल, ऊटी से 12वीं किया और मुंबई लौट आए। उन्होंने अपने पिता से फिल्मों में करियर बनाने की इच्छा जाहिर कर दी। 1997 में विनोद खन्ना ने अक्षय के लिए फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ का निर्माण किया। इस फिल्म को पंकज पाराशर ने […] Read more » akshay khanna अक्षय खन्ना
मनोरंजन सिनेमा करियर से खुश हैं सान्या मल्होत्रा March 17, 2025 / March 17, 2025 by सुभाष शिरढोनकर | Leave a Comment सुभाष शिरढोनकर नितेश तिवारी व्दारा निर्देशित आमिर खान स्टारर फिल्म ’दंगल’ (2016) के साथ एक्टिंग कैरियर की शुरूआत करने वाली मशहूर एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा नेचुरल अदाकारी के जरिए अपने किरदारों में ढलने के लिए मशहूर हैं। आज उनकी गिनती बॉलीवुड की मोस्ट टैलेंटेड एक्ट्रेसेस में होती है। सान्या मल्होत्रा अब तक ’पटाखा’ (2018) ’बधाई हो’ (2018) ’फोटोग्राफ’ (2019) ’शकुंतला […] Read more » सान्या मल्होत्रा
मनोरंजन सिनेमा द स्टोरीटेलर: कला और बाज़ार के बीच का संघर्ष February 18, 2025 / February 24, 2025 by कल्पना पांडे | Leave a Comment – कल्पना पांडे सत्यजित राय की कहानी ‘गल्पो बोलिये तरिणी खुरो’ पर आधारित अनंत महादेवन की फ़िल्म ‘द स्टोरीटेलर’ (2025) असली मेहनत और पूँजीवाद के बीच के संघर्ष को केंद्र में रखती है। इस फ़िल्म में दो बिल्कुल विपरीत व्यक्तित्वों की कहानी है। एक तारिणी बंद्योपाध्याय (परेश रावल) है, जो एक वृद्ध बंगाली कहानी कहने वाला है, जिनके विचारों […] Read more » द स्टोरीटेलर