गजल गजल:नसीब-राघवेन्द्र कुमार ‘राघव’ June 11, 2012 / June 10, 2012 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | Leave a Comment तू नहीं, बेवफा नसीब मेरा | मैं पा सका न तुझको, क्या कुसूर तेरा | तू बेवफा नहीं, बेवफा नसीब मेरा | दिल की किताब को शायद मैंने पढ़ा नहीं था | न राँझा मिला था हीर को न मजनू लैला से मिला था | इन प्यार के किस्सों में न बांधा किसी ने सेहरा […] Read more » gazal by raghavendra गजल:नसीब गजल:नसीब-राघवेन्द्र कुमार 'राघव'
गजल हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे….. June 11, 2012 / June 10, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी ऐसा मसलों का हल बताये कोई, के ग़रीबों को ना सताये कोई। मुंसिफ़ों तक पहुंच है मुजरिम की, जुर्म से कैसे बाज़ आये कोई। ज़ालिमों को सज़ा भी दो ऐसी, दिल किसी का ना फिर दुखाये कोई। हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे , वो नई चाल चल ना जाये […] Read more » gazal by iqbal hindustani हाथ दुश्मन का थाम लूं कैसे
गजल गजल:इंसां से ही डर रहा है इंसान इन दिनों….. June 5, 2012 / June 4, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी जिनका उसूल ना कोई ईमान इन दिनों, वो ही तो बन रहे हैं सुल्तान इन दिनों। बच्चो ने उसके जब से दौलत कमाई है, अपने ही घर में मां है मेहमान इन दिनों। रिश्ते हमारे खून के किस काम आयेंगे, भाई पे भाई कर रहा एहसान इन दिनों। दौलत रही […] Read more » गजल:इंसां से ही डर रहा है इंसान इन दिनों
गजल गजल:आप हम से मिले जिंदगी की तरह-इक़बाल हिंदुस्तानी May 31, 2012 / May 31, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment खिल उठी जिंदगी फिर कली की तरह, आप हम से मिले जिंदगी की तरह। जब उसे पा लिया हम ने चाहा जिसे, ग़म भी लगने लगे खुशी की तरह। ख़ास अंदाज़ हैं अपने जीने के भी, दुश्मनी भी जो की दोस्ती की तरह। चैन मिल पायेगा मेरे दिल को तभी, मुझ पे […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल:आप हम से मिले जिंदगी की तरह-इक़बाल हिंदुस्तानी
गजल गजल:दीपक-श्यामल सुमन May 28, 2012 / May 26, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment जिन्दगी में इश्क का इक सिलसिला चलता रहा लोग कहते रोग है फिर दिल में क्यों पलता रहा आँधियाँ थीं तेज उस पर तेल भी था कम यहाँ बन के दीपक इस जहाँ में अनवरत जलता रहा इस तरह पानी हुआ कम दुनियाँ में, इन्सान में दोपहर के बाद सूरज जिस तरह ढ़लता […] Read more » gazal deepak by Shyamal Suman गजल:दीपक गजल:दीपक-श्यामल सुमन गजल:श्यामल सुमन
गजल गजल:पहलू-श्यामल सुमन May 28, 2012 / May 26, 2012 by श्यामल सुमन | 2 Comments on गजल:पहलू-श्यामल सुमन मुस्कुरा के हाल कहता पर कहानी और है जिन्दगी के फलसफे की तर्जुमानी और है जिन्दगी कहते हैं बचपन से बुढ़ापे का सफर लुत्फ तो हर दौर का है पर जवानी और है हौसला टूटे कभी न स्वप्न भी देखो नया जिन्दगी है इक हकीकत जिन्दगानी और है ख्वाब से हटकर हकीकत […] Read more » gazal by shyamal suman गजल:पहलू गजल:पहलू-श्यामल सुमन गजल:श्यामल सुमन
गजल गजल:इंसानियत-श्यामल सुमन May 27, 2012 / May 26, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment इंसानियत ही मज़हब सबको बताते हैं देते हैं दग़ा आकर इनायत जताते हैं उसने जो पूछा हमसे क्या हाल चाल है लाखों हैं बोझ ग़म के पर मुसकुराते हैं मजबूरियों से मेरी उनकी निकल पड़ी लेकर के कुछ न कुछ फिर रस्ता दिखाते हैं खाकर के सूखी रोटी लहू बूँद भर बना […] Read more » gazal by shyamal suman गजल:इंसानियत गजल:इंसानियत-श्यामल सुमन गजल:श्यामल सुमन
गजल गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम May 22, 2012 / May 22, 2012 by हिमकर श्याम | 3 Comments on गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम जहां तक हुआ खुद को बहलाते रहे गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे छूटती रही ख़ुशियों की डोर हाथों से वक़्त हमें, हम उसे आजमाते रहे राहों में न सही हौसलों में दम है बस क़दम दर क़दम हम उठाते रहे आरज़ू थी जो दिल की रह गयी दिल में हादसे दर […] Read more » gazal by himkar shyam गजल:गीत ज़िन्दगी के हम गुनगुनाते रहे-हिमकर श्याम गजल:हिमकर श्याम
गजल गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी May 20, 2012 / May 20, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 6 Comments on गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती…..इक़बाल हिंदुस्तानी महनती ग़रीबों को देवता बना देना, कुदरती वसाइल पर सबका हक़ लिखा देना। लोग जिनके ज़हनों को रहनुमा चलाते हैं, अब भी वो गुलामी में जी रहे बता देना। सच को सच बताने की क़ीमतें जो चाहते हैं, उनकी खुद की क़ीमत भी माथे पर लिखा देना। जुल्म और हक़तल्फ़ी ख़ामोशी से […] Read more » .इक़बाल हिंदुस्तानी gazal by iqbal hindustani गजल-खूं बहाके दंगों में जन्नतें नहीं मिलती.....इक़बाल हिंदुस्तानी
गजल गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी May 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment आये दिन गिरने लगीं जब गुलशनों में बिजलियां, अब संभलकर उड़ रही हैं गुलशनों में तितलियां। उनके कपड़ों की नुमाइश का सबब बनती हैं जो, मुफलिसों की जान ले लेती हैं वो ही सर्दियां। रहबरी जज़्बात की काबू रखो ये जुर्म है, राख़ में तब्दील हो जाती हैं पल में बसितयां। इस […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल-इकबाल हिंदुस्तानी गजल-भेंट मज़दूरों की क्यों लेती बताओ चिमनियां-इकबाल हिंदुस्तानी
गजल गजल-दुश्मनों के दुश्मनों का दोस्त बन-इकबाल हिंदुस्तानी May 16, 2012 / May 16, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment शुक्र है मौसम सुहाना हो गया, उनके आने का बहाना हो गया। तुम इसे चाहे कोर्इ भी नाम दो, मुल्क गै़रों का निशाना हो गया। हो हुकूमत पांच दिन तो ठीक है, राज बरसों का पुराना हो गया। बात कुछ भी हो विदेशी हाथ है, यह तो नाकामी छिपाना हो गया। […] Read more » gazal by iqbal hindustani गजल-दुश्मनों के दुश्मनों का दोस्त बन-इकबाल हिंदुस्तानी
गजल गज़ल:रिश्तों में प्यार का व्यापार नहीं होता– सत्येंद्र गुप्ता May 13, 2012 / May 13, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | 1 Comment on गज़ल:रिश्तों में प्यार का व्यापार नहीं होता– सत्येंद्र गुप्ता रिश्तों में प्यार का व्यापार नहीं होता तराजू से तौलकर भी तो प्यार नहीं होता। दिल की ज़ागीर को मैं कैसे लुटा दूं हर कोई चाहत का हक़दार नहीं होता। उजाड़ शब की तन्हाई का आलम न पूछिए मरने का तब भी तो इंतज़ार नहीं होता। चमकते थे दरो-दीवार कभी मेरे घर के भी अब […] Read more » gazal by satendra gupta गज़ल:रिश्तों में प्यार का व्यापार नहीं होता– सत्येंद्र गुप्ता