कविता आरक्षण या सरक्षण April 13, 2018 / April 13, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नारी ने नर को जन्म दिया नर ने उस को बाजार दिया जब चाहा उसका रेप किया जब चाहा उसको मार दिया ये नेता नहीं,नारी पिशाच है जो नारी का शोषण करते है अपनी काम वासना पूरी कर पिता को जेल भिजवाते है ये कैसी हमारी पुलिस व्यवस्था है जहाँ नेताओ को संरक्षण मिलता है […] Read more » Featured आरक्षण चीफ मिनिस्टर नारी नारी पिशाच रेप
कविता आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? April 11, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? आर के रस्तोगी क्यों लड़ते हो आरक्षण के मुद्दे पर ? असली मुद्दे पर क्यों नहीं लड़ते हो ? असली मुद्दा आरक्षण नहीं है जिसके की लिए तुम लड़ते हो असली मुद्दा सत्ता की लोलुपता है जिसके लिए आपस में लड़ते हो छोडो ये सत्ता की लोलुपता क्यों देश को तुम बर्बाद करते हो ? […] Read more » Featured आरक्षण गरीबी जातियों देश वासियों मुद्दा संविधान
कविता अगर 19 का चुनाव जीतना है प्रिये ! April 9, 2018 / April 9, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment तुम चली आ आना मेरे पास प्रिये भले ही दुश्मनी रही हो कभी हमारी पार्टी के दर खुले है हमेशा तुम्हारे लिए भले ही साईकिल में पंचर हो जाये प्रिये ! पक्का पंचर लगवा दूंगा, सुनो तो प्रिये ! गददी पर बैठा कर संसद ले जाऊँगा तुझे ये साईकिल तुम्हारी है तुम्हारी रहेगी प्रिये ! […] Read more » Featured गठबंधन पंक्चर प्रधानमंत्री मोदी साईकिल हाथी
कविता नायक से खलनायक बने है सलमान April 6, 2018 / April 6, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment ज्योही कोर्ट ने दिया अपना फरमान नायक से खलनायक बने है सलमान पांच साल की सजा मिली है उसको अब कैसे काटेगे उसको श्री सलमान आज की रात वे जेल में बितायेंगे कैसे एक कम्बल में वे सो पायेंगे पर मिला साथी आसाराम उनको उसके साथ वे अपनी रात बितायेंगे बीस साल में देश बदल […] Read more » Featured काले हिरण जेल जोधपुर सलामन खान हम साथ साथ हैं
कविता न मै बीजेपी का प्रवक्ता April 5, 2018 / April 6, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment न मै बीजेपी का प्रवक्ता न मै कांग्रेस का प्रवक्ता मै तो बिलकुल निष्पक्ष हूँ सही बात को हमेशा लिखता न मै सत्ता का भूखा न मै कुर्सी का भूखा मै तो केवल एक कवि हूँ जो केवल तालियों का भूखा जो मेरे मस्तिष्क में आता उसे सच्चाई से मै कहता कलम मेरी बनी है […] Read more » Featured कवि कांग्रेस चमचा तालियों देश बीजेपी भक्ति
कविता माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन April 5, 2018 by आर के रस्तोगी | 3 Comments on माया अखिलेश का सत्ता के लिए मिलन आर के रस्तोगी जो कभी दुश्मन थे,आज सत्ता के लिए मिलन हो रहा आज अखिलेश माया का चुनाव के लिए मिलन हो रहा क्या ये दोनों का मिलन भविष्य में,क्या कोई गुल खिलायेगा ? सन २०१९ का आने वाला चुनाव क्या इनको सत्ता दिलायेगा ? जो कभी परछाई के दुश्मन थे,आज एक दूजे के गले […] Read more » Featured अखिलेश यादव जनता दलित दुश्मनी भारत बंद मामता मायावती सुप्रीम कोर्ट सोनिया
कविता सत्तर साल का आरक्षण हो गया,कब तक इसे गोद खिलाओगे ? April 4, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी आरक्षण को अब बंद करो,कब तक इसे और आगे बढाओगे ? सत्तर साल का आरक्षण हो गया,कब तक इसे गोद खिलाओगे ? जाति का आधार है ये क्यों,गरीबी का आधार क्यों नहीं ? सवर्ण जाति जो गरीब है,उसको आरक्षण मिलता क्यों नहीं ? प्रतिभाओं का हनन हो रहा,सरकार उसकी जिम्मेदार क्यों नहीं […] Read more » featuerd आन्दोलन आरक्षण गरीबी गुंडा-गर्दी सत्तर साल सुप्रीम कोर्ट
कविता साहित्य प्रतिभाओ को मत काटो, आरक्षण की तलवारो से April 3, 2018 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on प्रतिभाओ को मत काटो, आरक्षण की तलवारो से राजपूत भी मचल उठेंगे,भुजबल के हथियारों से प्रतिभाओ को काटो आरक्षण की तलवारो से निर्धन ब्राह्मण वंश,एक दिन परशुराम बन जायेगा अपने घर के दीपक से,अपना घर ही जल जायेगा भडक उठा अगर गृह युद्ध,भूकम्प भयानक आयेगा आरक्षण वादी नेताओ का,सर्वस्व मिटाके जायेगा अभी सभंल जाओ मित्रो,इस स्वार्थ भरे प्यार से प्रतिभाओ को मत काटो,आरक्षण […] Read more » Featured आरक्षण की तलवार प्रतिभाओ से मत काटो
कविता साहित्य पुन्य के नाम पर ढकोसले पर असली पुन्य क्या है समझो ? March 31, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment घर में माँ-बाप को झिडकी देते फिर भी वे तुमको आशीर्वाद देते मंदिर में मूर्ति के आगे गिड़गिड़ाते मूक है वे कुछ बोल नहीं पाते मंदिर के बाहर भिखारी खड़े है मंदिर के अंदर भक्त खड़े है फर्क है केवल तुम दोनों में भिखारी तुमसे,तुम भगवान से दोनों ही माँगने के लिए खड़े है ठण्ड […] Read more » ढकोसले
कविता अनेको ग्रह इस ब्रहमांड में March 31, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अनेको ग्रह इस ब्रहमांड में,तब भी आपस में मिलकर रहते है इस पृथ्वी ग्रह के प्राणी,क्यों आपस में लड़ते झगड़ते है आपस में ये एक दूजे की परिक्रमा भी करते रहते है नहीं किसी से टकराते अपने रास्ते पर चलते रहते है नहीं शांति इस भू के प्राणी को,एटम बम बनाने में लगे हुए अपना […] Read more » ब्रहमांड
कविता साहित्य देखा नहीं अभी तक तुमको March 30, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment देखा नहीं अभी तक तुमको पर रोज तुमको याद करते तुम में क्या कशिश है जो रोज तुमको याद करते देखा नहीं हाथ अभी तुम्हारा पर उसकी रेखा हम पढ़ लेते स्पर्श नहीं किया बदन को पर उसकी सुगंध सूंघ लेते है कोई पूर्व जन्म का बंधन जो हम रोज ऐसा करते ये है दो […] Read more » देखा नहीं अभी तक तुमको
कविता मै बड़ा भई,मै बड़ा March 30, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मै बड़ा भई,मै बड़ा सब कहते है मै बड़ा इसी बात को लेकर देवताओ में युद्ध छिड़ा पहले सबसे पावन गंगा बोली, मै तो सबके पापो को धोती अपने जल से निर्मल बनाती गंगोत्री से गंगा सागर तक जाती उनके पापो को अपने संग ले जाती इसलिय मै तो सबसे बड़ी मेरे आगे कोई नही […] Read more » Featured मै बड़ा भई