कविता मेरे जाने से पहले।। September 28, 2021 / September 28, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment थाम लो हाथ यार, मेरे जाने से पहले ।बोलो करते हो प्यार, मेरे जाने से पहले।। प्यार करते हो हमसे फिर भी क्यों छुपाते होनजर मिला के नजर हमसे क्यों चुराते होकर लो दीदार यार, मेरे जाने से पहलेबोलो करते हो प्यार मेरे जाने से पहले ।। चला गया तो फिर ना लौट के मैं […] Read more » मेरे जाने से पहले।।
कविता बड़े ही अच्छे होते हैं हुनर वाले लोग September 24, 2021 / September 24, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबड़े ही अच्छे होते हैं हुनर वाले लोग,बड़े ही सच्चे होते हैं हुनर वाले लोग! हुनरमंद अपने हुनर के दम पर जीते,हुनर वाले अपने हुनर पे कुर्बान होते! हुनर बाज झूठे व दगाबाज नहीं होते,हुनर बाज मानवता की आवाज होते! हुनर वाले हुनर के लिए समर्पित होते,वे अपने हुनर स्वदेश को अर्पित करते! […] Read more » very good people with skills बड़े ही अच्छे होते हैं हुनर वाले लोग
कविता शकुनि मामा पाशा फेंको ना September 23, 2021 / September 23, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकशकुनि मामा पाशा फेंको ना,अपने गांधार जाकर देखो ना,गांधार में आज भी कुटिलताजस की तस पैरों को फैलाई! तुम्हारी एक बहन गांधारी नेदोनों आंख में पट्टी बांधी थी,आज तुम्हारी सारी बहू-बेटियांफिर से आंखों में पट्टी बंधाई! शकुनि मामा पाशा फेंको ना,अपने गांधार जाकर देखो ना,तुम्हारे पाशों की मनहूसियतआज भी गांधार में वैसे छाई! […] Read more » Shakuni Mama Pasha Throw Na शकुनि मामा पाशा फेंको ना
कविता व्यंग्य राहुल की रामलीला September 23, 2021 / September 23, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment राहुल धरे है राम का रूप,कौशल्या किसे बनायेगे ?सोनिया जी तो घर में,कौशल्या उन्हें ही बनायेगे। लक्ष्मण जी किसकी नाक काटेगे सूपनखा किसे बनायेगे ?कांग्रेस की नाक कटेगी,या राहुल अपनी नाक कटवायेंगे। राहुल जी तो अभी तक कुवाँरे है,सीता बिन कैसे बन जायेगे ?गठबंधन में काफी सीता है,किसी एक को ब्याह कर ले जायेगे। कैकयी […] Read more » Rahul's Ramleela राहुल की रामलीला
कविता अगर तू नही है,जिंदगी में खालीपन रह जायेगा, September 22, 2021 / September 22, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अगर तू नही है,जिंदगी में खालीपन रह जायेगा,दूर तक तन्हाइयों का,एक सिलसिला रह जायेगा। सुबह भी होगी,सूरज भी निकलेगा हर रोज,पर ये तेरा फूल,हमेशा अधखिला रह जायेगा। लहरे भी उठेगी समंदर में,ज्वार भाटा भी आयेगा,मेरी जिंदगी में आकर,ये जलजला रह जायेगा। चांद निकलेगा आसमां में बिजली भी चमकेगी,पर बादल का आसमां में सिलसिला रह जायेगा। […] Read more » अगर तू नही है जिंदगी में खालीपन रह जायेगा
कविता एक मानव ही पशुता का अनुसरण करते September 22, 2021 / September 22, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजब भी किसी ने गाया जिंदगी के गाने,तब-तब कुछ कुत्ते शुरू करते हैं रिरियाने! लेकिन क्या ऐसे में बंद कर दोगे बंधुवर,छेड़ना इंसानियत व सद्भावना के तराने! कुत्ते की नियति है कि वह कुत्ता ही होता,कभी हो सकता नहीं है, इंसानों के जैसा! लेकिन इंसान की बिरादरी सुरक्षित रखेगीकुत्ते की प्रजाति, भले ही […] Read more » a human follows animalism एक मानव ही पशुता का अनुसरण करते
कविता अपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए September 20, 2021 / September 20, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमित्र कुटुम्ब भले हो ना होअपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए! मित्र कुटुम्ब घरों में मिलतेअपरिचित हर चौक चौराहे पर मिलते! मित्र कुटुम्ब के बगैर रह सकतेपर अपरिचित के बगैर नहीं रह सकते! जब हम किसी यात्रा पर होतेतब अपरिचित चेहरे ही काम आते! चाहे हो स्टैंड के आटो रिक्शा, गाड़ी वालेचाहे हो […] Read more » Unfamiliar faces should be good अपरिचित चेहरों को भले होने चाहिए
कविता भारतवर्ष को अखंड बनाएंगे September 20, 2021 / September 20, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजाति-वर्ण व्यवस्था को तोड़ेंगे,हम हिन्दू मिल जुलकर रहेंगे,धर्म सुधार अभियान चलाएंगे,समस्त बुराई से मुख मोड़ेंगे! हिमाद्रि से कन्याकुमारी तक,हम हिन्दू भाईयों को जोड़ेंगे,हम स्वजनों को नहीं छोड़ेंगे,मातृजाति को शिक्षित करेंगे! हम तिलक दहेज नहीं लेंगे,पराए धन से परहेज़ करेंगे,बहन बेटियों के परिणय में,तन-मन-धन से मदद करेंगे! हम मृत्यु भोज प्रथा रोकेंगे,मृतक परिवारों के […] Read more » भारतवर्ष को अखंड बनाएंगे
कविता तुम कैसे हिन्दू हो? September 19, 2021 / September 19, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतुम कैसे हिन्दू हो?हिन्दुत्व की कुछ भी पहचान नहीं,तुमने शिखा को रखना छोड़ दिया,तुमने उपनयन से मुख मोड़ लिया,तुम मंदिर उपासना को नहीं जाते हो! तुम कैसे हिन्दू हो?तुमने धोती पगड़ी को छोड़ दिया,तुमने तिलक से नाता तोड़ लिया,तुम सोलह संस्कार तक भूल गए,तुम कड़ा कलावा भी त्याग दिए हो! तुम कैसे हिन्दू […] Read more » how are you hindu तुम कैसे हिन्दू हो?
कविता संस्कृत है संस्कृति की भाषा September 16, 2021 / September 16, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकजब बोली जाती है भाषा,तब भाषा हो जाती सम्भाषण,जब लिपीवद्ध नही की जातीतब भाषा हो जाती है बोली! भाषा होती भाष्य, जब बांध दिया जाताव्याकरण की रुढ़ी मेंभाषा हो जाती रुढ़ और गूढ़ भीसंस्कृत जैसी जिसे बोली नहीं जाती,उद्धरण और उदाहरण हो जाती! भाषा समेटे रखती है संस्कृति को,संस्कृति को जानना हैतो बचाए […] Read more » Sanskrit is the language of culture संस्कृत है संस्कृति की भाषा
कविता शायद ,अब तुमको मेरी जरुरत नहीं September 16, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment शायद ,अब तुमको मेरी जरुरत नहींक्या करीने से महफ़िल सजी आपकीफिर क्यों रहमत नहीं है अजी आपकीआँखों का है धोखा या धोखा मिट रहाखो गया है चैन ,सुकून मिलता नहींहुस्नवालों में होती है ,चाहत नहींफिर भी इनके बिना ,दिल को राहत नहींतू जानती है बिन तेरे ,दम घुटता मेराशायद अब तुमको मेरी जरुरत नहीं ||अश्क […] Read more » अब तुमको मेरी जरुरत नहीं
कविता मुझसे नहीं होगा।। September 16, 2021 / September 16, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment करूं झूठ को स्वीकार ये मुझसे नहीं होगासच को करूं धिक्कार ये मुझसे नहीं होगा ।सिक्कों से तौल दो मुझे या दो रियासतेंकर लूं मैं अहंकार ये मुझसे नहीं होगा ।। हो गर न सामने से अपनेपन का इशाराअपना करूं अधिकार ये मुझसे नहीं होगा ।लेना जो चाहते हैं मुझसे जिंदगी मेरीकरूं उन पे जां […] Read more » I will not. मुझसे नहीं होगा