दादी का संदूक !
स्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ !कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !!बैठे-बैठे जब कभी, आता…
स्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ !कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !!बैठे-बैठे जब कभी, आता…
—विनय कुमार विनायकराम नहीं तो हम नहींराम ईश्वर से कम नहीं!राम नाम के जपने सेहोती…
—विनय कुमार विनायकचेहरे पे अहं, मन में बहम,कहां गया तेरा वो भोलापन,कुछ तो चीन्हे-चीन्हे से…
—विनय कुमार विनायकज्ञान तो आ गया, पर विवेक अधर में,ऐसे पातक का उद्धार कहां है…
—विनय कुमार विनायकज्ञान गुनने से,जीव गुणसूत्र ही बहुगुणित हो जाता हैस्व अंतर्मन में!करो सद्गुणों का…
आज भाईयों को मरने मारने की,जो बात करे उसे भाईचारा कहते! क्या भाई कभी भी…
—–विनय कुमार विनायकनारी तुम वामांगी!कदम-कदम की सहचरी नर कीन पीछे,न आगे,बायीं ओर चलोसुदिन-दुर्दिन में भी…
—विनय कुमार विनायककुर्सी मिली है तो अच्छा काम करना,कुर्सी मिली है तो मनुष्य बनके रहना,कुर्सी…
—विनय कुमार विनायकहिन्दू ऐसे होतेजो सबको शुभकामना देते! हिन्दू मन का ताना-बाना,हिन्दू का संपूर्ण आशियाना,हिन्दुत्व…
—विनय कुमार विनायकक्या कहें सन दो हजार बीस का हाल,कम हंसाया,खूब रुलाया, जीना मुहाल! नव…
नया साल आया है, नया सवेरा लाया है, हर घर में खुशियों का मौसम छाया…
—विनय कुमार विनायक ये अपना नववर्ष नहीं है, अबतक कोई हर्ष नहीं है! कोविड19 से…