व्यंग्य व्यंग्य: तिहाड़ मंत्रिमंडल July 16, 2011 / December 8, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on व्यंग्य: तिहाड़ मंत्रिमंडल विजय कुमार लिखने-पढ़ने का स्वभाव होने से कई लाभ हैं, तो कई नुकसान भी हैं। मोहल्ले-पड़ोस में किसी बच्चे को कोई निबन्ध लिखना हो या किसी वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना हो, तो उसके अभिभावक अपना सिर खपाने की बजाय उसे मेरे पास भेज देते हैं। कल भी ऐसा ही हुआ। बाल की खाल निकालने […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार
व्यंग्य बात की बात में से बात July 14, 2011 / December 8, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 2 Comments on बात की बात में से बात पंडित सुरेश नीरव बातों की महिमा न्यारी है। बात की बात में से बात निकल आती है। असली बात पर कोई पते की बात नहीं करता मगर बात निकलती है तो बिना बात ही बहुत दूर तक चली जाती है। और बिना रुके चलती ही चली जाती है। कश्मीर के मुद्दे पर पिछले साठ साल […] Read more »
व्यंग्य हादसों के उत्सव July 12, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव कौन चाहता है कि वो कभी-कभी हादसे की चपेट में आए। मगर हादसे भी आदमी के मन की परवाह कब करते हैं। उनका जब मन होता है,जहां मन होता है,जिस पदार्थ,वस्तु या शख्स पर मन होता है उसे अपनी चपेट में लेकर उसे अनुग्रहीत कर देते हैं। वैसे भी हादसों के लिए […] Read more » Accidents उत्सव हादसों
व्यंग्य LIFE MISERABLE हुई, INCREASING है RATE। July 12, 2011 / December 9, 2011 by श्यामल सुमन | 2 Comments on LIFE MISERABLE हुई, INCREASING है RATE। श्यामल सुमन LIFE MISERABLE हुई, INCREASING है RATE। GODOWN में GRAIN है, PEOPLE EMPTY पेट।। JOURNEY हो जब TRAIN से, FEAR होता साथ। होगा ACCIDENT कब, मिले DEATH से हाथ।। इक LEADER SPEECH का, दूजा करे OPPOSE। दिखती UNITY जहाँ, PAY से अधिक PRAPOSE।। आज CORRUPTION के प्रति, कही न दिखती HATE। […] Read more »
व्यंग्य साउथ के राजा की मंडी July 9, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 2 Comments on साउथ के राजा की मंडी पंडित सुरेश नीरव बहुत समय पहले की बात है। भरतखंडे,जंबूद्वीपे, आर्यावर्ते दक्षिण में दयानिधान,भक्तवत्सल करुणानिधान नानके एक राजा हुए। राजा की कार्यकुशलता का ही चमत्कार था कि राज्य की कुल संपत्ति से कई गुना ज्यादा खुद राज़ा की संपत्ति थी। और अपनी संपत्ति को कैसे बढ़ाया जाए राजा इसी फिक्र में रात-रातभर जागता और दिन-दिनभर […] Read more » vyangya
व्यंग्य भ्रष्टाचार मिटाना ही होगा July 7, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव भ्रष्टाचार मिटाना ही होगा। देश को भ्रष्टाचार से जब तक मुक्त नहीं कराया जाएगा तब तक देश तरक्की नहीं कर पाएगा। भ्रष्टाचार हटाओ समिति की बैटक में चंपालालजी बोल रहे थे। आज चंपालालजी-जैसे देश के हर जागरुक नागरिक की चिंता भ्रष्टाचार हटाने की है। चंपालालजी उससे अछूते कैसे रह सकते हैं। और […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार
व्यंग्य व्यंग्य/ इंडियन साहब इन यमलोक July 6, 2011 / December 9, 2011 by अशोक गौतम | Leave a Comment अशोक गौतम यमलोक के परलोक निर्माण विभाग मंडल दो में कार्यरत इंजिनियर कौशल साहब रिटायर हुए तो वहां पर इंजिनियर का पद रिक्त हो गया। ब्रह्मांडीय मंदी के चलते न चाहते हुए भी यमराज ने निर्णय लिया कि क्यों न प्रतिनियुक्ति पर जंबूद्वीप भारत खंड से इंजिनियर बुला लिया जाए और उन्होंने भारत खंडे सरकार […] Read more »
आर्थिकी व्यंग्य हास्य-व्यंग्य/चवन्नी की मौत पर July 5, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on हास्य-व्यंग्य/चवन्नी की मौत पर पंडित सुरेश नीरव मैं और मेरे जैसे देश के तमाम चवन्नी छाप आजकल भयानक राष्ट्रीय सदमें में हैं। सरकार ने अचानक चवन्नी की नस्ल को खत्म करने का जो जघन्य पराक्रम किया है उसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। और इतिहास-वितिहास से हमें क्या लेना-देना। हम कोई हिस्ट्रीशीटर हैं क्या। हां, हम चवन्नीछाप लोग जरूर […] Read more » Chavanni चवन्नी
व्यंग्य वो भगवान से भी बड़ा है… July 4, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव आज के दौर का सबसे ताकतवर प्राणी-दलाल है। सतयुग के जंगलों में जो शौर्य कभी डायनासौर का हुआ करता था कलयुग के सभ्य समाज में वही जलवा दलाल का है। इस प्रजाति के जीव की आज यत्र-तत्र-सर्वत्र पूजा होती है। यह किसी पद पर नहीं होता मगर नाना प्रकार के पद इसके […] Read more » God दलाल
व्यंग्य जय हो बदलीराम की July 2, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव समाज सेवी बदलीरामजी के नागरिक अभिनंदन का धुआंधार जलसा बड़े जोर-शोर से आज संपन्न हुआ। शहर के स्थानीय लोग इसे जिले स्तर का कोमनवेल्थ गेम मान रहे हैं। सारा प्रशासन शासन के कंधे-से-कंधा मिलाकर बदलीरामजी के सम्मान सर्कस को सफल बनाने में जुटा रहा। बदलीरामजी का पराक्रम है ही कुछ ऐसी डिजायन […] Read more » जय हो बदलीराम की
व्यंग्य लाइट दा मामला July 2, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव लाइट के मामले को कभी लाइटली नहीं लेना चाहिए। खासकर के यूपी और बिहार के लोगों को। क्योंकि उनके लिए तो लाइट से ज्यादा सीरीयस मामला कोई और होता ही नहीं है। कई-कई दिनों बाद लाइट के दर्शम होते हैं। और होते हैं तो एक दिन में कई-कई ये कोई दिल्ली मुंबई […] Read more » लाइट दा मामला
व्यंग्य हास्य व्यंग्य-सम्मान की ठरक July 2, 2011 / December 9, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment पंडित सुरेश नीरव सम्मान की ठरक एक ऐसी सनातन ठरक है जिससे आदमी कभी मुक्त नहीं हो पाता है। उसे जिंदा रहते तो क्या मरणोपरांत भी सम्मान की ललक बनी रहती है। और इसे पाने के लिए न्नहा-सा आदमी नाना प्रकार के जुगाड़ करता है। वह हर क्षण-हर पल यही सूंघता रहता है कि उसे […] Read more »