मीडिया विविधा परम्पराएँ प्रसारणकी (4) आपात काल February 9, 2016 by बी एन गोयल | 2 Comments on परम्पराएँ प्रसारणकी (4) आपात काल बी एन गोयल इस से पहली कड़ी में आपात काल के दौरान सह सचिव आर एन प्रसाद और चटर्जी साब कीबात चीत के अंश थे. आज बात करते हैं इस की पृष्ठ भूमि की – 25 जून 1975 को आपातकाल लागु होने से देश का एक तरह से नक्शा ही बदल गया था.सत्ता और सुरक्षा […] Read more » आपात काल परम्पराएँ प्रसारणकी
मीडिया विविधा शख्सियत परम्पराएँ प्रसारण की February 2, 2016 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल एकसमय ऐसा था जब सामाजिक औरसांस्कृतिकदृष्टि से आकाशवाणी के स्टेशन डायरेक्टरकोएक सम्मानित उच्च पदासीन अधिकारी माना जाता था. इन का मान सम्मान था. प्रादेशिक केन्द्रों जैसे लखनऊ, अहमदाबाद, चेन्नई(मद्रास), मुंबई, पटनाआदि के निदेशक प्रदेश के सभी सरकारी (राज्यपाल अथवा मुख्य मंत्री द्वारा आयोजित) समारोह में एक नियम और प्रोटोकोल के अनुसार निमंत्रित […] Read more » Featured परम्पराएँ प्रसारण की
मीडिया विविधा देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ? January 24, 2016 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 7 Comments on देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ? डा. अरविन्द कुमार सिंह ऽ कश्मीर में भारत का झण्डा जलाया जाता है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ? ऽ भारत विरोधी नारे लगाये जाते है – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ? ऽ भारत माता डायन है – आजम खान – अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ? ऽ विधान सभा में नेताजी अश्लील […] Read more » Featured अभिव्यक्ति की आजादी देश में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है ?\
मीडिया मन की बंद खिड़की January 18, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार मेरी सवालिया बेटी के आज एक और सवाल ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। उसका मासूम सा सवाल था कि क्या चाय पीने से दिल की दूरियां खत्म हो जाती है? सवाल गहरा था और एकाएक जवाब देना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था लेकिन मेरा संकट यह था कि तत्काल जवाब नहीं […] Read more »
मीडिया विविधा भारत में ई-जर्नलिज्म का विकास January 17, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान भारत जैसे विकासशील देश में, बड़े शहरों और जिला स्तर तक तो इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन आज भी गांव-देहातों में रहने वाले करोड़ों लोग इससे वंचित हैं। भारत में तेजी से फैलते इंटरनेट के जाल के बावजूद भी ज्यादातर जनसंख्या इंटरनेट सुविधाओं से दूर है। सवा अरब की आबादी वाले भारत […] Read more » development of e journalism e journalism Featured rise of e journalism भारत में ई-जर्नलिज्म का विकास
जन-जागरण मीडिया विविधा साक्षात्कार नरेन्द्र यादव की तकनीकि एमटीएनएल के लिये नजीर बन गयी January 5, 2016 by अरूण पाण्डेय | 3 Comments on नरेन्द्र यादव की तकनीकि एमटीएनएल के लिये नजीर बन गयी ज्यादा समय नही कुछ महीनों पहले की बात है, हर कोई एमटीएनएल के लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शन से अपना पीछा छुडाने में लगा था । कारण था कि कभी फोन खराब है, तो कभी लाइन खराब है , कभी तार टूट गया है , बार बार जाने पर कहा जाता था कि अपना तार लेकर आओ […] Read more » Featured Narendra Yadav of MTNL एमटीएनएल नरेन्द्र यादव नरेन्द्र यादव की तकनीकि
मीडिया विविधा कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़ January 3, 2016 / January 3, 2016 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़ तनवीर जाफ़री मीडिया को समाज का दर्पण माना जाता है। हमारे भारतीय लोकतंत्र मे तो इसे गैर संवैधानिक तरीक़े से ही सही परंतु इसकी विश्वसनीयता तथा जि़म्मेदारी के आधार पर इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की संज्ञा से नवाज़ा गया है। अख़बारों में छपने वाली खबरें अथवा रेडियो या टीवी पर प्रसारित होने वाले समाचार […] Read more » Featured कर्तव्यों व जि़म्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़
मीडिया विविधा सार्थक पहल “काये मेडम जो टूटर का होत ?” December 26, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on “काये मेडम जो टूटर का होत ?” कीर्ति दीक्षित “काये मेडम जो टूटर का होतकि ? सुनत हैं इसे पिरधान मंत्री लौ सुन लेत ?” पिछले दिनों बुंदेलखंड के गाँव में कुछ खबरें कवर करने गई हुई थी l किसानों से बात कर ही रही थी कि पीछे से आये इस सवाल ने मेरे ध्यान को उस तरफ खीचा , मैंने […] Read more » “काये मेडम जो टूटर का होत ?” Featured
मीडिया राजनीति पापी है ‘प’……पॉलिटिक्स, पुलिस और प्रेस December 26, 2015 by हिमांशु तिवारी आत्मीय | Leave a Comment नियम को तोड़ना है तो लाल और नीली बत्ती पर्याप्त है, तराजू वाली देवी को धता साबित करने के लिए गाड़ी में पुलिस लिखवा लीजिए, सूबे में अपनी औकात दिखानी है तो उत्तर प्रदेश सरकार को गाड़ी की नंबर प्लेट से चिपका लीजिए, बाकी टैक्सी हो या फिर ऑटो का सफर पुलिसिया वर्दी फ्री में […] Read more » Featured पापी है ‘प’……पॉलिटिक्स पुलिस और प्रेस
मीडिया राजनीति संतुलन खोते लोकतंत्र के स्तंभ December 19, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक हमारी लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के चार स्तंभ हैं। विधानपालिका यानी संसद, कार्यपालिका यानी सरकार, न्यायपालिका यानी अदालत और खबरपालिका यानी अखबार और टीवी-रेडियो चैनल! क्या ये चारों स्तंभ अपना-अपना काम सही-सही कर रहे हैं? ये सब काम तो कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनके काम-काज में कोई बुनियादी कमी […] Read more » Featured संतुलन खोते लोकतंत्र के स्तंभ
मीडिया इंटर्नशिप का कहर December 14, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कालेज के सेमेस्टर खत्म होने से पहले ही सभी को इंटर्न की चिंता होने लगती है। फिर चाहे वह किसी भी क्षेत्र का विद्यार्थी हो उसे इंटर्न की चिंता सताने लगती है। सेमेस्टर के अंतिम दिनों में जब परीक्षा का भूत हमारे सर पर सवार होता है तो ऐसे में इंटर्न का भी आतंक हमें […] Read more » इंटर्नशिप का कहर
मीडिया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर… December 13, 2015 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर… तनवीर जाफ़री मानवाधिकारों संबंधित अनेक बिंदुओं में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी एक प्रमुख बिंदु है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया भी जाना चाहिए। किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जहां कहीं लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं होती उस व्यवस्था को तानाशाही व्यवस्था माना जाता है। परंतु इसी […] Read more » Featured अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता