राजनीति सुशासन के मूल्यांकन की आवाज को सुनें November 6, 2020 / November 6, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-सत्ता एवं समाज को विनम्र करने का हथियार मुद्दे या लाॅबी नहीं, पद या शोभा नहीं, ईमानदारी है और सुशासन है। और यह सब प्राप्त करने के लिए ईमानदारी के साथ सौदा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह भी एक सच्चाई है कि राष्ट्र, सरकार, समाज, संस्था व संविधान ईमानदारी से चलते हैं, न […] Read more » Voice of good governance evaluation सुशासन के मूल्यांकन की आवाज
राजनीति ब्लैक हार्टेड महबूबा November 6, 2020 / November 6, 2020 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment श्याम सुंदर भाटिया कश्मीर की फ़िज़ा बदली-बदली सी है। हवा जहरीली है। शब्द कठोर हैं। सूबे के नजरबंद नेताओं को भले ही आजाद कर दिया गया हो, लेकिन उनके मंसूबे बेहद खतरनाक हैं। इनमें महबूबा मुफ़्ती खूब आग उगल रही हैं। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद सूबे में तेजी से बहाल हो […] Read more » ब्लैक हार्टेड महबूबा
राजनीति आपातकाल की पुनरावृत्ति November 6, 2020 / November 6, 2020 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। उसके राजनीतिक, सामाजिक और तात्कालिक कारण क्या थे, यह बहुत लंबा विषय है और फिलहाल प्रसंग भी नहीं है, लेकिन उसके बाद आपातकाल एक मुहावरा बन गया। हम उसी मुहावरे की भाषा में बात कर रहे हैं। जब भी […] Read more » Recurrence of emergency रिपब्लिक टीवी चैनल वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी
राजनीति रोजगार का सुनहरा स्वप्न कैसे साकार होगा? November 3, 2020 / November 3, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-बिहार के चुनाव का सबसे प्रभावी एवं चमत्कारी मुद्दा रोजगार बन रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने माहौल की नजाकत को समझते हुए अपने संकल्प पत्र में 19 लाख रोजगार देने का वायदा किया है, जब से यह संकल्प-पत्र चुनावी समरांगण में आया है, बिहार के चुनावी माहौल का रंग ही बदल गया है। […] Read more » golden dream of employment How will the golden dream of employment come true? रोजगार का सुनहरा स्वप्न
आर्थिकी राजनीति अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने के संकेत November 3, 2020 / November 3, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ी खबरों ने फिलहाल थोड़ी राहत भले ही दी है, लेकिन खतरा टला नहीं है, इसके संकेत भी साफ है। जहां तक समाज एवं अर्थव्यवस्था पर पड़े इसके असर का मामला है, अभी इन सबसे उबरने में काफी समय लग सकता है। विशेषतः भारत की अर्थ-व्यवस्था तो पहले से […] Read more » signs-of-the-economy-coming-back-on-track अर्थव्यवस्था
आर्थिकी राजनीति भारतीय अर्थव्यवस्था में हो सकती है V आकार की बहाली November 3, 2020 / November 3, 2020 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अर्थशास्त्र में V आकार की बहाली से आश्य यह है कि जिस तेज़ी से अर्थव्यवस्था में ढलान देखने में आया था उतनी ही तेज़ी से अर्थव्यवस्था में वापिस बहाली देखने को मिलेगी। पूरे विश्व में कोरोना वायरस महामारी के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई थीं। भारत भी इस प्रभाव से अछूता नहीं रहा था। […] Read more » V shape can be restored in Indian economy भारतीय अर्थव्यवस्था
राजनीति समाज लव जिहाद और राणा जैसे बयान दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करते है। November 3, 2020 / November 3, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment रात हलाला नेक है, उठते नहीं सवाल ! राम नाम की दक्षिणा,पर क्यों कटे बवाल !!लव जिहाद और राणा जैसे बयान दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करते है। यह किसी एक राज्य, देश या समुदायों तक सीमित नही बल्कि विश्व्यापी समस्या बनता जा रहा है और इस कुचक्र का शिकार मासूम लड़कियां ही नहीं […] Read more » love jihad Statements like Love Jihad and Rana create hatred between the two communities. लव जिहाद और राणा
आर्थिकी राजनीति ग़रीबी रेखा को पुनर्निर्धारित करने का समय अब आ गया है November 2, 2020 / November 2, 2020 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत में ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे लोगों की संख्या में भारी कमी देखने में तो आई है परंतु क्या उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा एवं मकान की सुविधायें ठीक तरीक़े से उपलब्ध हो पा रही हैं एवं क्या सरकार द्वारा इन मदों पर उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को ग़रीबी आंकने का पैमाने […] Read more » reschedule the poverty line The time has come to reschedule the poverty line ग़रीबी रेखा को पुनर्निर्धारित
राजनीति ये ‘चिराग़’ कोई चिराग़ है,न जला हुआ न बुझा हुआ ? November 2, 2020 / November 2, 2020 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment Read more » चिराग़
राजनीति पाक ने कराया था पुलवामा आतंकी हमला November 1, 2020 / November 7, 2020 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले का सच आखिरकार पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी ने पाक की भरी संसद में उगल दिया। घमंड में इतराते चौधरी ने कहा कि ‘पुलवामा हमला प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में किया गया था। यह पाक की बड़ी कामयाबी थी।’ जबकि आर्थिक प्रतिबंधों […] Read more » Pak had done the Pulwama terror attack पुलवामा आतंकी हमला बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक
राजनीति लगातार महंगे होते चुनावों की त्रासदी! October 31, 2020 / October 31, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-चुनाव जनतंत्र की जीवनी शक्ति है। यह राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिम्ब होता है। जनतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को बनाए रखने के लिए चुनाव की स्वस्थता, पारदर्शिता और उसकी शुद्धि अनिवार्य है। चुनाव की प्रक्रिया गलत होने पर लोकतंत्र की जड़े खोखली होती चली जाती हैं। चुनाव प्रक्रिया महंगी एवं धन के वर्चस्व वाली होने […] Read more » election getting costlier The tragedy of elections becoming increasingly expensive! लगातार महंगे होते चुनाव
राजनीति शख्सियत सदैव सादगी भरा रहा सरदार पटेल का जीवन October 31, 2020 / November 2, 2020 by श्वेता गोयल | Leave a Comment सरदार पटेल जयंती (31 अक्तूबर) पर विशेष – श्वेता गोयल 31 अक्तूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में एक किसान परिवार में जन्मे सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री और पहले उप-प्रधानमंत्री थे। उन्होंने गांधी जी के साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनके जीवन से जुड़े अनेक […] Read more » सरदार पटेल का जीवन सादगी भरा रहा सरदार पटेल का जीवन