राजनीति वोट बैंक की राजनीति – विशेषाधिकार की ओर April 10, 2025 / April 10, 2025 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार वक्फ बोर्ड की असलियत को सामने लाते हुये सच्चर कमेटी ने वर्ष 2006 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वक्फ की सम्पत्ति 5 लाख है जिस पर 12 हजार कराड़े की सालाना आमदनी होनी चाहिए लेकिन वक्फ बोर्ड की सालाना कमाई मात्र 163 करोड़ रूपये है। उस हिसाब से वर्तमान में […] Read more » वक्फ बोर्ड
राजनीति छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भारत के रोडमैप के कायल हुए सदस्य देश, सुशासन व विकास को मिलेगी गति April 10, 2025 / April 10, 2025 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय थाईलैंड में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भारत के रोडमैप पर सभी सदस्य देश कायल हुए। इससे सुशासन व विकास को गति मिलने के आसार बढ़ गए हैं। बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड की अध्यक्षता में बैंकाक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में गत 4 अप्रैल 2025 […] Read more » Member countries were convinced by India's roadmap in the sixth BIMSTEC summit
राजनीति पूर्वोत्तर भारत में यूनुस का ग्रेट गेम April 9, 2025 / April 9, 2025 by डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र | Leave a Comment • डॉ ब्रजेश कुमार मिश्रसहायक आचार्यश्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विदेश नीति गत्यात्मक होती है। इसमें परिवर्तन परिस्थियों के अनुरूप होता रहता है। अगर विदेश नीति में स्थायित्व जैसा कुछ है तो वह है राष्ट्रीय हित। कब, कहाँ और कैसे नीतियों में परिवर्तन किया जाएगा, यह सुनिश्चित करना विदेश नीति का प्राथमिक कर्त्तव्य […] Read more » The Great Game of Yunus in Northeast India पूर्वोत्तर भारत में यूनुस का ग्रेट गेम
राजनीति ट्रम्प के टैरिफ्स: ग्लोबल ट्रेड में भूचाल, क्या भारत के लिए छिपा है एक मौका? April 9, 2025 / April 9, 2025 by निशान्त | Leave a Comment अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की एक सिग्नेचर ने फिर दुनिया भर के व्यापार समीकरणों को हिला कर रख दिया है। 2 अप्रैल को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से ट्रम्प ने ‘लिबरेशन डे’ की घोषणा करते हुए करीब 60 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ्स लगाने का एलान किया। इस कदम ने ग्लोबल मार्केट्स में […] Read more » "Trump's tariffs: Global trade shakeup is there an opportunity hidden for India ट्रम्प के टैरिफ्स
आर्थिकी राजनीति भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति में स्टैन्स को स्थिर से उदार किया April 9, 2025 / April 9, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment दिनांक 9 अप्रेल 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की द्विमासिक बैठक में एकमत से निर्णय लेते हुए रेपो दर में 25 आधार बिंदुओं की कमी करते हुए इसे 6.25 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है एवं इस मौद्रिक नीति में स्टैन्स को स्थिर (स्टेबल) से उदार (अकोमोडेटिव) कर दिया है। इसका आश्य यह है कि आगे आने वाले समय में भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर में वृद्धि नहीं करते हुए इसे या तो स्थिर रखेगा अथवा इसमें कमी की घोषणा करेगा। भारत में मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रित करने में मिली सफलता के चलते भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यह निर्णय लिया जा सका है। हाल ही के समय में अमेरिका द्वारा अन्य देशों से आयातित वस्तुओं पर भारी भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है जिससे पूरे विश्व भर के लगभग समस्त देशों के शेयर बाजार में हाहाकार मच गया है एवं शेयर बाजार लगातार नीचे की ओर जा रहे हैं। ऐसे माहौल में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कमी करने की घोषणा एक उचित कदम ही कहा जाना चाहिए। वैसे भारत में मुद्रा स्फीति अब नियंत्रण में भी आ चुकी है एवं आगे आने वाले मानसून के दौरान भारत में सामान्य (103 प्रतिशत) बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। इस वर्ष रबी के मौसम में गेहूं की बम्पर पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है, सब्जियों एवं फलों की कीमत भारतीय बाजारों में कम हुई है, अतः कुल मिलाकर खुदरा महंगाई की दर 4 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भी वर्ष 2025-26 में भारत में मुद्रा स्फीति की दर के 4 प्रतिशत के नीचे रहने का अनुमान लगाया गया है। साथ ही, वैश्विक स्तर पर लगातार बदल रहे घटनाक्रम के चलते कच्चे तेल के दाम भी तेजी से घटे हैं और यह 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से घटकर 60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं। भारत के लिए यह बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि, इससे विनिर्माण इकाईयों की लाभप्रदता में वृद्धि होगी तथा देश में ईंधन की कीमतें कम होंगी और अंततः मुद्रा स्फीति की दर में और अधिक कमी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक के लिए इससे आगामी मौद्रिक नीति के माध्यम से रेपो दर में और अधिक कटौती करना सम्भव एवं आसान होगा। वैश्विक स्तर पर अमेरिका द्वारा छेड़े गए व्यापार युद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक विपरीत प्रभाव पड़ने की सम्भावना नहीं है और भारतीय रिजर्व बैंक के आंकलन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है और पूर्व में इसके 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था, अर्थात, अमेरिका द्वारा अपने देश में होने वाले आयात पर लगाए गए टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था पर केवल 0.2 प्रतिशत का असर होने की सम्भावना व्यक्त की गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था दरअसल निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर भी नहीं है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद का केवल लगभग 16-17 प्रतिशत भाग ही अन्य देशों को निर्यात किया जाता है। इसमें से भी अमेरिका को तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का केवल लगभग 2 प्रतिशत भाग ही निर्यात होता है। अतः ट्रम्प प्रशासन द्वारा विभिन्न देशों पर अलग अलग दर से लगाए गए टैरिफ का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नगण्य सा प्रभाव पड़ने की सम्भावना है। वैश्विक स्तर पर उक्त वर्णित समस्याओं के बीच भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई एम एफ) ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2028 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा एवं वर्ष 2025 एवं 2026 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर बनी रहेगी। पिछले 10 वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस वर्ष के अंत तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का स्तर 4.27 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा, जो भारतीय रुपए में लगभग 360 लाख करोड़ रुपए बनता है। वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2024 तक के पिछले 10 वर्षों के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दुगना हो गया है। वर्ष 2015 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 2.10 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर (रुपए 180 लाख करोड़) का था और भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 10वें क्रम पर था। वर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दुगना होकर 4.27 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने आर्थिक एवं वित्तीय क्षेत्र में कई सुधार कार्यक्रम लागू किए हैं जिससे विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में सुधार दृष्टिगोचर हुआ है। साथ ही, भारत में आधारभूत संरचना खड़ी करने के लिए केंद्र सरकार के पूंजीगत खर्च में भारी भरकम वृद्धि दर्ज हुई है। देश में विदेशी निवेश का लगातार विस्तार हो रहा है और रोजगार के अवसरों में भी अतुलनीय वृद्धि दर्ज हुई है। भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में नई इकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए उत्पादन प्रोत्साहन योजना (पी एल आई) लागू की गई है। मुद्रा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की गारंटी पर भारतीय बैकों (निजी एवं सरकारी क्षेत्र के बैकों सहित) ने 33 लाख करोड़ रुपए के ऋणों का वितरण किया है। भारत में अनियमित जलवायु परिस्थितियों के बीच भी पिछले 10 वर्षों के दौरान कृषि के क्षेत्र में विस्तार हुआ है जिससे किसानों की आय को स्थिर रखने में सफलता मिली है। साथ ही, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे नागरिकों की केंद्र सरकार ने विशेष सरकारी योजनाओं एवं सब्सिडी के माध्यम से बहुत अच्छे स्तर पर सहायता की है। इससे इस श्रेणी के कई परिवार अब मध्यम श्रेणी में आ गए हैं एवं भारत में विभिन्न उत्पादों की मांग की वृद्धि में सहायक बन रहे हैं। देश में लागू किए गए डिजीटलाईजेशन से भी भारत में किए जाने वाले लेनदेन के व्यवहारों में पारदर्शिता आई है और इससे भारत में वस्तु एवं सेवा कर एक उपलब्धि सिद्ध हुआ है। आज भारत में वस्तु एवं सेवा कर के माध्यम से लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्यक्ष कर संग्रहित हो रहा है तथा इससे देश में बुनियादी ढांचे को विकसित करने में भरपूर सहायता मिली है। भारत आज अमेरिका, चीन, जर्मनी एवं जापान के पश्चात विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ने लम्बी छलांग लगाते हुए, विश्व में 10वें से आज 5वें स्थान पर आ गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकलन के अनुसार पिछले 10 वर्षों में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 100 प्रतिशत बढ़ा है तो अमेरिका का 65.8 प्रतिशत, चीन का 75.8 प्रतिशत, जर्मनी का 43.7 प्रतिशत और जापान का केवल 1.3 प्रतिशत बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 एवं 2026 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की बनी रहेगी, इस प्रकार भारत वर्ष 2026 में जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा एवं वर्ष 2028 में जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जर्मनी, जापान एवं भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बहुत ही थोड़ा अंतर है। जापान का सकल घरेलू उत्पाद 4.4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर है, जर्मनी का सकल घरेलू उत्पाद 4.9 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर है, वहीं भारत का सकल घरेलू उत्पाद 4.3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर है। यदि भारत में आगे आने वाले वर्षों में मुद्रा स्फीति पर अंकुश कायम रहता है एवं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आगे आने वाले समय में ब्याज दरों में लगातार कमी की जाती है तो भारत अपनी आर्थिक विकास दर को 6.5 प्रतिशत से भी आगे ले जा सकने में सफल हो सकता है। अतः भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा नीति में स्टैन्स को स्थिर से उदार करने के निहितार्थ हैं। प्रहलाद सबनानी Read more » RBI changed monetary policy stance from stable to accommodative भारतीय रिजर्व बैंक
राजनीति कमजोर मोदी का मजबूत निर्णय April 9, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment उसके बाद 1995 में इस कानून को और भी अधिक मजबूत बनाकर देश विरोधी लोगों को नई ऊर्जा प्रदान की गई। देश के संविधान की मूल भावना के विपरीत जाकर एक वर्ग विशेष या संप्रदाय विशेष को उसकी धार्मिक मान्यताओं को बलवती करने के लिए प्रोत्साहित करना पूर्णतया असंवैधानिक कृत्य था। परंतु कानून बनाकर इसे […] Read more » कमजोर मोदी का मजबूत निर्णय
राजनीति प्रधानमंत्री मोदी और ‘ वटवृक्ष ‘ आरएसएस April 9, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment देश का सबसे बड़ा अराजनीतिक संगठन अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के प्रमुख शहर नागपुर से संचालित होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने के पश्चात पहली बार संघ के नागपुर स्थित कार्यालय का दौरा किया है। प्रधानमंत्री का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि इसी समय देश […] Read more » Modi and RSS Prime Minister Modi and the 'Vatvriksha' RSS प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस
राजनीति संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर सकता है! April 7, 2025 / April 7, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे वक्फ संशोधन बिल आखिरकार जोरदार हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत के साथ पारित हो गया है। इसे लेकर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने विरोध जताया था मगर सरकार ने सदनों में चर्चा करने के बाद इस पर वोटिंग करा ली, जिसमें यह कानून पास हो गया। […] Read more » वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर सकता है
राजनीति वक्फ संशोधन अधिनियम का क्रमबद्ध विकास April 7, 2025 / April 7, 2025 by गजेंद्र सिंह | Leave a Comment गजेंद्र सिंह 2 अप्रैल 2025 को, केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्ति प्रबंधन और शासन में सुधार की आवश्यकता पर एक वर्ष की गहन बहस और चर्चाओं के बाद संसद में वक्फ संशोधन अधिनियम पेश किया। 12 घंटे से अधिक के गहन विचार-विमर्श के बाद, विधेयक 288 मतों के पक्ष में और 232 मतों के विरुद्ध पारित हुआ। भारत में वक्फ शासन का विकास विभिन्न कानूनी लड़ाइयों […] Read more » Orderly Evolution of the Wakf Amendment Act वक्फ संशोधन अधिनियम का क्रमबद्ध विकास
राजनीति आपसी संवाद, जनता की जागरूकता से खत्म होगा नक्सलवाद April 7, 2025 / April 7, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हाल ही में 5 अप्रैल 2025 को दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम महोत्सव में समापन समारोह के दौरान हमारे देश के केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने यह बात कही है कि अगली चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक समाप्त हो जाएगा।इस दौरान उन्होंने बस्तर की खुशहाली की कामना की। पाठकों को बताता चलूं […] Read more » खत्म होगा नक्सलवाद
राजनीति अगले 30 सालों में बांग्लादेश में कोई हिंदू नहीं बचेगा April 7, 2025 / April 7, 2025 by डॉ.बालमुकुंद पांडेय | Leave a Comment डॉ. बालमुकुंद पांडेय भारत का पूर्वी देश बांग्लादेश 1971 में बना था। तत्कालीन नवोदित राष्ट्र (विकासशील राज्य) के रूप में बांग्लादेश ‘ धर्मनिरपेक्ष’ राज्य ( देश ) था लेकिन 1975 में तत्कालीन बांग्लादेश की सरकार( सरकार पर कट्टरपंथियों का प्रत्यक्ष एवं सेना का भी प्रभुत्व था) […] Read more » अगले 30 सालों में बांग्लादेश में कोई हिंदू नहीं बचेगा
राजनीति विधि-कानून जजों की संपत्ति का प्रकटीकरण पारदर्शिता की ओर कदम April 7, 2025 / April 7, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- न्यायपालिका पर जनता का भरोसा लोकतंत्र का अहम आधार है। न्यायिक प्रणाली में किसी संदेह की गुंजाइश नहीं रहे, इसके लिये न्यायपालिका में अधिक पारदर्शिता, जबावदेही एवं निष्पक्षता की जरूरत है, इसके लिये सर्वोच्च न्यायालय से निचली अदालतों तक के न्यायाधीशों को संपत्ति सार्वजनिक करने जैसे कदम उठाए जाने की अपेक्षा आजादी के […] Read more » Disclosure of assets of judges is a step towards transparency जजों की संपत्ति का प्रकटीकरण