राजनीति राम ही सच्ची स्वतंत्रता है January 17, 2025 / January 17, 2025 by डॉ .सुधाकर कुमार मिश्रा | Leave a Comment डॉ.सुधाकर कुमार मिश्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ( आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत का बयान राजनीतिक गलियारे , खासकर विपक्षी खेमें को रास नहीं आ रहा है। विपक्षी खेमें को राजनीतिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक स्वतंत्रता का मूलभूत बौद्धिक विमर्श समझ में नहीं आ रहा हैं । राजनीतिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक स्वतंत्रता […] Read more » राम
राजनीति राहुल की हताशा-निराशा कांग्रेस को डुबो रही है January 17, 2025 / January 17, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी राहुल गांधी जब बोलते हैं तो लगता है कि बहुत विचार करने के बाद गंभीरता से बोल रहे हैं लेकिन उनके बयान कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाते हैं। आजकल बोलते समय उनके चेहरे से उनकी हताशा-निराशा की झलक देखने को मिल रही है क्योंकि उनके चेहरे पर बेवजह का गुस्सा नजर आता है। अकसर देखा गया है कि उनके बयान कांग्रेस को ही भारी पड़ते हैं लेकिन कांग्रेसी उनके बयान का विरोध नहीं कर पाते। वास्तव में कांग्रेस के नेताओं के लिए समस्या यह है कि राहुल गांधी जो बोलते हैं वो पार्टी की सोच और विचारधारा मानी जाती है । यही कारण है कि कांग्रेस के नेता राहुल के बयानों को दूसरा रूप देने की कोशिश करते हैं और उनके शब्दों की नई-नई परिभाषा निकालते हैं । 15 जनवरी को कांग्रेस को नया मुख्यालय मिला है और उसके उद्घाटन पर राहुल गांधी बयान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई सिर्फ भाजपा और संघ से नहीं है बल्कि उनकी लड़ाई भारतीय स्टेट से है । उन्होंने यह बयान बहुत गंभीरता से दिया है इसलिये इसे भूलवश मुंह से निकली हुई बात नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा धीरे-धीरे पूरी व्यवस्था पर कब्जा कर रही है इसलिए उनकी लड़ाई भारतीय स्टेट से है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले कई बार वो विदेशी धरती पर इससे मिलता-जुलता बयान दे चुके हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि भारत में हालात बहुत खराब हैं । उन्होंने कहा था कि भाजपा ने पूरे देश में केरोसिन डाला हुआ है. एक छोटी सी चिंगारी से आग भड़क सकती है। वास्तव में जब आदमी निराश हो जाता है तो वो नकारात्मकता से भर जाता है और उसे सब तरफ सिवाये बर्बादी के कुछ नजर नहीं आता । उसे लगता है कि अब कुछ अच्छा होने वाला नहीं है क्योंकि उसके साथ कुछ अच्छा नहीं हो रहा होता है। राहुल गांधी कांग्रेस के सबसे बुरे दौर के नेता हैं लेकिन इस दौर को लाने के लिए वो पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हैं। यूपीए सरकार के कारनामों के कारण 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों तक सीमित हो गई थी। इसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस के सहयोगी दलों द्वारा किया गया भ्र्ष्टाचार था जिस पर गठबंधन सरकार होने के कारण सरकार काबू नहीं कर पाई थी । दूसरी बदकिस्मती राहुल गांधी की यह रही कि उनका सामना राजनीति के दो धुरंधर खिलाड़ी मोदी-शाह की जोड़ी से हो रहा है । मोदी जी का कुशल नेतृत्व और शाह का राजनीतिक प्रबंधन कांग्रेस को बहुत भारी पड़ रहा है। कांग्रेस की कमजोरी के लिए सिर्फ कांग्रेस का नेतृत्व ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि भाजपा के वर्तमान नेतृत्व का रणनीतिक कौशल भी है। भारतीय राजनीति के इतिहास में कांग्रेस को ऐसी चुनौती का सामना कभी नहीं करना पड़ा है। भारतीय जनता में राजनीतिक जागरूकता बढ़ती जा रही है जिसके कारण उसकी उम्मीदों पर खरा उतरना राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए बहुत मुश्किल होता जा रहा है। राहुल गांधी की समस्या सिर्फ भाजपा नहीं है बल्कि दूसरे विपक्षी दल भी उनके लिए बड़ी समस्या बन गए हैं। कहने को तो गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के साथ हैं लेकिन वो सिर्फ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ खड़े हैं। वास्तव में विपक्षी दल कांग्रेस के उतने ही बड़े विरोधी हैं जितने वो भाजपा के हैं बल्कि कहना चाहिए कि वो भाजपा से ज्यादा कांग्रेस के विरोधी हैं। विपक्षी दल चाहते हैं कि कांग्रेस अपने प्रभाव क्षेत्र में उन्हें जगह बनाने का मौका दे लेकिन वो उनके प्रभाव क्षेत्र से दूर रहे । राहुल गांधी के सामने ऐसी समस्या है जिसका सामना कांग्रेस को पहली बार करना पड़ रहा है। उन्हें यह फैसला करना है कि वो पहले भाजपा से लड़े या अपने ही सहयोगी दलों से लड़े । ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने यह फैसला कर लिया है कि उन्हें विपक्षी दलों से अपना वोटबैंक वापिस पाना है । 2024 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस को यह संकेत मिला है कि उसका मुस्लिम और दलित वोट बैंक उसके पास वापिस लौट रहा है । कांग्रेस मुस्लिम वोटबैंक पाने के लिए मुस्लिम तुष्टिकरण से आगे बढ़कर हिन्दू विरोध की राजनीति की ओर चल पड़ी है। वास्तव में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर पूरा विपक्ष चल रहा है इसलिये सिर्फ इस नीति पर चलकर मुस्लिमों को कांग्रेस से जोड़ना आसान नहीं लग रहा है । राहुल गांधी को लगता है कि वो अगर हिन्दू विरोध की राजनीति करेंगे तो मुस्लिम उनके साथ जुड़ सकते हैं। राहुल गांधी को लगता है कि मुस्लिमों को लुभाने के लिए देश का विरोध भी किया जाए तो बेहतर परिणाम हासिल हो सकते हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी लड़ाई इंडियन स्टेट के साथ है । कांग्रेस समर्थक इस बयान का बचाव यह कहकर कर रहे हैं कि इंडियन स्टेट से उनका मतलब भारत सरकार है और भारत सरकार का मतलब मोदी सरकार है। राजनीति शास्त्र के अनुसार लोकतंत्र में स्टेट का मतलब सिर्फ सरकार नहीं होता है बल्कि पूरी सरकारी व्यवस्था होती है। इस सरकारी व्यवस्था में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका शामिल हैं। इंडियन स्टेट में भारत का संविधान भी शामिल है जिसे राहुल गांधी खतरे में बताते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि क्या वो खुद ही संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस देश की पूरी व्यवस्था संविधान के अनुसार ही चल रही है, जो व्यक्ति व्यवस्था से लड़ने का दावा करता है, इसका मतलब है कि वो संविधान को खत्म करना चाहता है। माओवादी, नक्सलवादी, आतंकवादी और अलगाववादी इंडियन स्टेट से लड़ने का दावा करते हैं और वो लोग संविधान को नहीं मानते हैं। अपने बयान से राहुल गांधी उनके साथ खड़े हो गए हैं। इंडियन स्टेट में भारतीय सेना, पुलिस और पूरी नौकरशाही आती है जिसमें हमारे देश के युवा काम कर रहे हैं। इंडियन स्टेट में सारे राज्य और उनकी पूरी व्यवस्था आती है, जिसमें कांग्रेस और विपक्षी दलों की सरकारें भी शामिल हैं। कांग्रेस के नेता और समर्थक इतनी सी बात नहीं समझ रहे हैं कि राहुल गांधी देश विरोधी बनते जा रहे हैं। मुस्लिमों को कांग्रेस के साथ लाने के चक्कर में राहुल गांधी धर्म विरोधी होने के बाद देश विरोधी बनते जा रहे हैं। राहुल गांधी सोचते हैं कि भाजपा सत्ता में होने के कारण पूरी व्यवस्था पर काबिज होती जा रही है तो व्यवस्था को ही खत्म कर दिया जाए । वो भूल गए हैं कि कांग्रेस ने 55 साल देश पर राज किया है और पूरी व्यवस्था उसके कब्जे में थी, इसके बावजूद भाजपा से उसे सत्ता से हटाने में कामयाब रही । इस देश की जनता संवैधानिक तरीके से अपने हक हासिल करती है और व्यवस्था से भी लड़ती है लेकिन व्यवस्था परिवर्तन की बात नहीं करती है। आज़ादी की लड़ाई के दौरान भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इंडियन स्टेट से लड़ने की बात नहीं की बल्कि वो ब्रिटिश शासन से लड़ने की बात करते थे। एक लोकतांत्रिक देश में स्टेट से लड़ने का मतलब सिर्फ सरकार से लड़ना नहीं होता बल्कि देश की जनता से भी लड़ना होता है क्योंकि सरकार जनता द्वारा ही चुनी गई होती है। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि क्या वो देश की जनता से लड़ने जा रहे हैं। अगर देश में किसी तानाशाह की सरकार होती तो स्टेट से लड़ना सही हो सकता था लेकिन किसी लोकतांत्रिक देश में संवैधानिक व्यबस्था के तहत जनता द्वारा चुनी गई सरकार से सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ा जा सकता है। राहुल गांधी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि अगर इंडियन स्टेट से लड़ रहे होते तो वो चुनाव नहीं लड़ सकते थे । स्टेट से लड़ने का दावा करने वाले नक्सलवादी, आतंकवादी और माओवादी चुनाव नहीं लड़ते हैं। राहुल गांधी सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा शासन करने राजनीतिक पार्टी के नेता हैं. उन्हें स्टेट से नहीं लड़ना है बल्कि विपक्षी पार्टी से लड़ना है। राजेश कुमार पासी Read more » Rahul's frustration and disappointment are sinking the Congress. राहुल की हताशा-निराशा
राजनीति पांच साला सरकार चुनें, फ्री स्कीम ठुकराएं January 17, 2025 / January 17, 2025 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार वरिष्ठ पत्रकार इस समय देश के कई राज्यों की सरकार अंगद के पैर तरह जम गई हैं। एक लंबे समय तक सत्ता में रहने से निरंकुशता आ जाती है, जो दिख रही है। भ्रष्टाचार की परते लगातार खुलती रही है लेकिन इस समय जिस व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आ रहा है, वह […] Read more » पांच साला सरकार
राजनीति कांग्रेस की इंडिया से लडाई की घोषणा January 17, 2025 / January 17, 2025 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment – कुलदीप चन्द अग्निहोत्री राहुल गान्धी भारतीय संसद में विपक्ष के नेता हैं । वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भी नेता हैं । वैसे लोकलाज के लिए कर्नाटक के एक वयोवृद्ध व्यक्ति मल्लिकार्जुन जी को अध्यक्ष के रूप में घोषित किया हुआ है लेकिन सभी जानते हैं के ‘लोकलाज’ के बाद असली अध्यक्ष राहुल गान्धी […] Read more » कांग्रेस की इंडिया से लडाई की घोषणा
राजनीति विश्ववार्ता अफ़गानिस्तान के साथ भारत के जुड़ाव और तालिबान January 17, 2025 / January 17, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment अफ़गानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है। भारत ने अब तक केवल तालिबान को अलग-थलग करने पर ध्यान केंद्रित किया है। हालाँकि, एक सीमा के बाद, यह विकल्प कम लाभ देगा, क्योंकि कई अन्य देश अब तालिबान से जुड़ना शुरू कर रहे हैं और […] Read more »
राजनीति संसार का विनाश और विश्व नेता January 17, 2025 / January 17, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हर शाख पे उल्लू बैठा है कहने की आवश्यकता नहीं है कि अंजामे गुलिस्ताँ क्या होगा? क्योंकि इन लोगों के हाथ परमाणु शक्ति लगी हुई है, जिससे वह आज चाहे एक-दूसरे को नाटक करते हुए डराने की कोशिश कर रहे हों, पर कल जब इनका प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से संसार विनाश की भट्टी […] Read more » destruction of the world and world leader संसार का विनाश
राजनीति कश्यप ऋषि के साथ कश्मीर को जोड़ने का गृहमंत्री का संकेत January 16, 2025 / January 16, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment जम्मू और कश्मीर शब्दों का जोड़ा भी अत्यंत प्राचीन काल से है। जिसे आज हम जम्मू क्षेत्र कहते हैं, यह कभी जंबूद्वीप हुआ करता था। संपूर्ण यूरोप और एशिया का नाम जंबूद्वीप था । आज जिस जम्मू को हम देखते हैं वह समझो यूरोप और एशिया नाम के दो महासागरों की एक छोटी सी तलैया […] Read more » कश्यप ऋषि के साथ कश्मीर को जोड़ने का गृहमंत्री का संकेत
राजनीति विधि-कानून साइबर ठगी से खाता खाली होने पर कैसे मिले कानूनी मदद! January 16, 2025 / January 16, 2025 by डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट | Leave a Comment डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट आजकल के हाई प्रोफाइल ठग एपीके फाइल के माध्यम से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इस प्रक्रिया में ओटीपी शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ती। इधर आपने एपीके फाइल को इंस्टॉल किया और उधर आपका अकाउंट खाली हो जाएगा। मध्यप्रदेश के रीवा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। […] Read more » साइबर ठगी साइबर ठगी से खाता खाली होने पर कानूनी मदद!
मीडिया राजनीति विश्ववार्ता मेटा की माफी से सोशल मीडिया मंचों को सख्त सन्देश January 16, 2025 / January 16, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- फेसबुक के लिये भारत एक संभावनाओं भरा बड़ा बाजार होने के बावजूद उसकी भारत के प्रति सोच भ्रामक, विवादास्पद एवं नकारात्मक रही है। फेसबुक और मेटा भारत के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और फेकन्यूज को लेकर विवादों में घिरती रही हैं। हाल ही में मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग एक बार फिर […] Read more » मेटा की माफी
राजनीति क़ृषि की ठोस नीति हल्दी आयोग January 16, 2025 / January 16, 2025 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में हल्दी बोर्ड के गठन की घोषणा की है। गंगा रेड्डी को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे हल्दी की उन्नतशील खेती में किसानों को जहाँ मदद मिलेगी दूसरी तरफ वैश्विक बाजार पर भारत का […] Read more » Solid policy of agriculture Turmeric Commission क़ृषि की ठोस नीति हल्दी आयोग हल्दी आयोग
राजनीति क्या हैं लॉस एंजेलिस की भयावह आग के संकेत ? January 15, 2025 / January 15, 2025 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी विश्व का सर्व शक्तिशाली देश अमेरिका इन दिनों गोया प्राकृतिक प्रलय की चपेट में है। एक ओर तो मध्य अमेरिका में आये भीषण बर्फ़ीले तूफ़ान से क़रीब 6 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। कई प्रांतों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार यह तूफ़ान बीते एक दशक का सबसे ख़तरनाक तूफ़ान […] Read more » terrible fire in Los Angeles What are the signs of the terrible fire in Los Angeles
राजनीति विश्ववार्ता भारत के लिये खतरा है पाक-बांग्लादेश की नजदीकियां January 15, 2025 / January 15, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से लगातार भारत विरोधी गतिविधियों एवं कारगुजारियों एवं षडयंत्रों में संलग्न है, लगता है पाकिस्तान के शह पर बांग्लादेश का भारत विरोधी रवैया बढ़ रहा है। बांग्लादेश में लगातार भारत विरोधी मुहिम व अल्पसंख्यक हिन्दुओं एवं हिन्दू धर्मस्थलों पर हिंसक हमलों […] Read more » Pak-Bangladesh closeness is a threat to India पाक-बांग्लादेश की नजदीकियां