धर्म-अध्यात्म समाज दलित स्त्रियों के उत्थान में महर्षि दयानन्द का योगदान July 11, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द ने अपने जीवनकाल में देश में सर्वांगीण क्रान्ति की थी। वर्णाश्रम व्यवस्था में आये प्रदुषण को उन्होंने दूर किया। उन्होंने समाज में व्यवहृत जन्मना वर्णाश्रम वा जाति-व्यवस्था के दोषों को वेदों एवं वैदिक साहित्य के आधार पर युक्ति व तर्क के आधार पर व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत किया जो महाभारतकाल से पूर्व वैदिक […] Read more » दलित स्त्रियों के उत्थान महर्षि दयानन्द का योगदान
विविधा समाज विनाश की ओर बढ़ती मानवता July 11, 2015 / July 16, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | 1 Comment on विनाश की ओर बढ़ती मानवता 11 तारीख को मनाए जाने वाले विश्व जनसंख्या दिवस पर अनिल कुमार पाण्डेय विश्व जनसंख्या दिवस कोई साधारण दिवस नहीं, बल्कि सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। विश्व में सुपर सोनिक गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। ये बात […] Read more » विश्व जनसंख्या दिवस
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख समाज आचार्य शंकर का ऐतिहासिक योगदान July 11, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 10 Comments on आचार्य शंकर का ऐतिहासिक योगदान —– डॉ. मधुसूदन (एक ) “हिमालय का प्रवास” पुस्तक। “हिमालय नो (का) प्रवास” नामक गुजराती पुस्तक के लेखक, काका कालेलकर के, आदि-शंकराचार्य की प्रशंसा में लिखे, शब्दों ने ध्यान खींचा। वें आदि शंकराचार्य को असामान्य ऐतिहासिक व्यक्तित्व मानते हैं। वें कहते हैं। ===================== **शंकराचार्य धर्म के क्षेत्र में समुद्रगुप्त और नेपोलियन थे; **प्रबंधन में, राजा […] Read more » आचार्य शंकर
राजनीति समाज अच्छे दिन की कल्पना और सामाजिक विद्रूपताएं July 8, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on अच्छे दिन की कल्पना और सामाजिक विद्रूपताएं घनश्याम भारतीय- प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेन्द्र मोदी ने जिस अच्छे दिन की कल्पना की थी और देश वासियों को उसके सपने दिखाये थे उन्हें साकार होने में सामाजिक विदू्रपताएं बाधक बनी हुई है। जिन्हें दूर किये बिना अच्छे दिन की कल्पना बेमानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्तियो की एक लम्बी श्रृंखला से बनने वाला […] Read more » सामाजिक विद्रूपताएं
विविधा समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज July 8, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज घनश्याम भारतीय भारत गांवो का देश है, क्योंकि देश की अधिकांश आबादी गांवो में बसती है। इसलिए गांवो और ग्रामीणो की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रयास तो किये जा रहे है परन्तु वह परिणाम सामने नही आ पा रहा है जो आना चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि […] Read more » जर्जर समाज जीवन का पुनर्मूल्यांकन
समाज अभेद्य सुरक्षा घेरा देता है माता-पिता का सान्निध्य June 28, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment जो लोग माता-पिता को सिर्फ इंसानी देह मानते हैं वे सारे के सारे लोग भ्रमों, शंकाओं और मूर्खताओं में जी रहे हैं। माता-पिता स्रष्टा हैं और धरती के वे देवता हैं जिनका जितना अधिक सान्निध्य हमें प्राप्त होता है उतने दिन हमारे जीवन के स्वर्णकाल से कम नहीं हैं। जब तक माता-पिता का संरक्षण और […] Read more » अभेद्य सुरक्षा घेरा माता-पिता का सान्निध्य
विविधा समाज संतान को देकर जाएं June 20, 2015 / July 20, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव 1 हम अपने माता पिता होने का दायित्व बड़ी कुशलता से निभाते हैं। अपने बच्चे को योग्यतम शिक्षा और ज्ञान देकर समाज में सम्मान के साथ रहने के लिए उसे उचित मार्ग दर्शन देते हैं। जिसके आधार पर वह अपनी योग्यता से वो सब कुछ अर्जित करने की क्षमता और सामर्थ्य […] Read more » ’’एक संतान’’ Featured give your child relationships इकलौती संतान को सम्पूर्ण पारिवारिक सम्बन्ध संतान को देकर जाएं
विविधा समाज माता-पिता सावधान ! June 19, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on माता-पिता सावधान ! जीवधारियों में शायद मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसके बच्चे की परवरिश सबसे अलग व संघर्षपूर्ण है | पहले माता बच्चे को नौ महीने अपनी कोख में पालती है उसके उपरान्त जब बच्चा सूर्य की रोशनी देखता है तो माता-पिता के लिए उसका सरंक्षण व पालन-पोषण चुनौती भरा होता है | पहले माता-पिता के आमतौर […] Read more » new generation the defect in uppbringing of new generation माता पिता
समाज गजेंदर सिंह की मौत का मामला May 3, 2015 by जगमोहन ठाकन | Leave a Comment ढोल पीट बाज़ार में , टी आर पी हुआ किसान आज हर कोई टी आर पी बढाने के चक्कर में पड़ा हुआ है . मीडिया चाहता है कि हर पल का लाइव चित्रण परोसा जाये . नेता चाहता है कि हर समय मीडिया व जनता में केवल उसी की चर्चा हो और हर चर्चा में […] Read more » Featured गजेंदर सिंह की मौत गजेंदर सिंह की मौत का मामला
समाज कब सुधरेगें? May 1, 2015 / May 1, 2015 by रवि श्रीवास्तव | 1 Comment on कब सुधरेगें? महिलाओं के लिए कानून और सशक्तिकरण की बात समाज में रह रहकर उठती रहती हैं। समाज में महिलाओं को पुरूष के बराबर अधिकार है। समाज में हर रोज कही न कही महिला उत्पीड़न का मामला आता रहता है। देश में महिलाओं को देवी का रूप माना जाता है। आज उसी देवी पर हर दिन अत्याचार […] Read more » Featured कब सुधरेगें?
शख्सियत समाज भारतमाता को सर्वस्व समर्पित करने वाले अनन्य देशभक्त वीर सावरकर April 27, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment जब हम देशभक्त महापुरूषों को याद करते हैं तो उनमें से एक अग्रणीय नाम वीर विनायक दामोदर सावरकर जी का आता है। सावरकर जी ने देश भक्ति के एक नहीं अनेको ऐसे कार्य किये जिससे यह देश हमेशा के लिए उनका ऋणी है। वह श्रद्धेय माता राधा बाई धन्य है जिसने वीर सावरकर जी जैसी […] Read more » Featured देशभक्त वीर सावरकर भारतमाता को सर्वस्व समर्पित वीर सावरकर
महत्वपूर्ण लेख समाज प्रवासी भारतीयों में घटती शांत प्रक्रिया। April 24, 2015 / April 24, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 12 Comments on प्रवासी भारतीयों में घटती शांत प्रक्रिया। डॉ. मधुसूदन ***अमरिकन भारतीय समाज की एक शांत प्रक्रिया। ***स्वतंत्रता, स्वच्छंदता, और स्वैराचार का फल। ***मिलियन डालर पाए, पर संतान खोए। ***व्यक्ति स्वातंत्र्य व्यक्ति को अलग कर देता है। ***इत्यादि आगे पढें। (१) अमरिका निवासी भारतीय समाज में, एक शांत प्रक्रिया उभरते देख रहा हूँ। यह शान्त, मौन और धीमी प्रक्रिया है। और दिन प्रति […] Read more » Featured प्रवासी भारतीयों में घटती शांत प्रक्रिया भारतीय युवा स्वतंत्रता को स्वच्छंदता में परिवर्तित