राजनीति शख्सियत समाज साक्षात्कार बिरसा मुंडा का जीवन व उनका उलगुलान: मूलनिवासी दिवस का खंडन November 15, 2023 / November 15, 2023 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment आज हमारे बिरसा मुंडा भगवान की जयंती है। अपने जनजातीय समाज को साथ लेकर उलगुलान किया था उन्होने। उलगुलान अर्थात हल्ला बोल, क्रांति का ही एक देशज नाम। वे एक महान संस्कृतिनिष्ठ समाज सुधारक भी थे, वे संगीतज्ञ भी थे जिन्होंने सूखे कद्दू से एक वाद्ययंत्र का अविष्कार भी किया था जो अब भी बड़ा लोकप्रिय है। […] Read more » बिरसा मुंडा का जीवन व उनका उलगुलान मूलनिवासी दिवस
लेख समाज साक्षात्कार सार्थक पहल भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ November 14, 2023 / November 14, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के बीच चल रही रस्साकच्छी, रूस यूक्रेन के बीच पिछले लम्बे समय से लगातार चल रहे युद्ध एवं पिछले एक माह से भी अधिक समय से पूर्व प्रारम्भ हुए हम्मास इजराईल युद्ध के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक दिनांक 5 नवम्बर 2023, रविवार, को प्रातः 9 बजे भुज, गुजरात में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत और सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके किया। बैठक में देश भर से संघ की दृष्टि से 45 प्रांतो एवं 11 क्षेत्रों के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा कुछ विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्रियों सहित लगभग 382 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्त बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्य विस्तार के लिए बनी योजना की समीक्षा एवं संघ प्रशिक्षण अभ्यास क्रम विषयों पर विस्तार से चर्चा सम्पन्न हुई। साथ ही, परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत के विजया दशमी उदबोधन में चर्चा में आए कुछ मुख्य विषयों जैसे प्रकृति विरुद्ध जीवन शैली, जलवायु परिवर्तन का विश्व पर प्रभाव, सुरक्षा, स्व आधारित युगानुकुल नीति आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, गौ सेवा, ग्राम विकास व अन्य गतिविधियों में चल रहे प्रयासों के बारे में भी प्रतिनिधियों से जानकारी ली गई। यह बैठक 7 नवम्बर 2023 को सायंकाल 6 बजे सम्पन्न हुई। विश्व के कई देशों, विकसित देशों सहित, में सामाजिक तानाबाना ध्वस्त हो चुका है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में आज “सिंगल पेरेंट” की अवधारणा जोर पकड़ती जा रही है। लगभग 50 प्रतिशत बच्चों को अपने पिता के बारे में जानकारी ही नहीं हैं। कुटुंब अथवा परिवार में रहकर माता एवं पिता द्वारा मिलकर ही बच्चे का शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से किया जा सकता है। इन देशों में केवल माता अथवा पिता द्वारा बच्चे का लालन पालन करने से बच्चे का मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है एवं यह बच्चे उच्च स्तर की पढ़ाई के मामले में पिछड़ रहे हैं। आज अमेरिका में बहुत कम बच्चे विज्ञान एवं गणित की उच्च स्तर पर पढ़ाई कर पा रहे हैं, जिसके चलते यह बच्चे सेवा क्षेत्र में कुछ छोटे मोटे काम करते नजर आते हैं। दूसरे, भारत सहित कई देशों में विभिन्न जातियों, मत एवं पंथ के आधार पर नागरिकों को आपस में लड़ाया जा रहा है एवं समाज में आज नागरिकों के बीच आपसी भाईचारा एवं विश्वास का नितांत अभाव दिखाई दे रहा है, जिससे आज सामाजिक समरसता का अभाव स्पष्टत: दिखाई देने लगा है। साथ ही, लगभग पूरे विश्व में ही पर्यावरण को लेकर भी गम्भीर स्थिति बन गई है। विशेष रूप से विकसित देशों में नागरिकों की जीवन शैली ही इस प्रकार की बन गई है कि प्रकृति का दोहन करने के स्थान पर प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। जंगल खत्म हो रहे हैं, प्रकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिसके कारण पर्यावरण पर दबाव बन रहा है। कुछ स्थानों पर तो एक ही दिन में पूरे वर्ष भर की बारिश हो रही है तो कहीं कहीं बारिश ही नहीं हो रही है। इस प्रकार का असंतुलन वैश्विक स्तर नागरिकों के लिए गम्भीर समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। जहां तक भारत का सम्बंध है, भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे सांस्कृतिक संगठन उक्त विषयों पर गम्भीरता से विचार विमर्श करते हुए इन समस्याओं के हल हेतु प्रयास भी करते दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष 2025 में मनाने की तैयरियों में जुटा है। अपने शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने समाज के लिए आज की परिस्थितियों के संदर्भ में अति महत्वपूर्ण पांच आयामों को आग्रह पूर्वक समाज के सामने रखा है। इन आयामों को संघ के स्वयंसेवक अपने स्तर एवं शाखा के स्तर पर क्रियान्वित करेंगे, इसके बाद समाज से भी अपेक्षा की गई है कि इन आयामों को अपने स्तर पर क्रियान्वित करने में सहयोग करें। प्रथम आयाम है, समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करना। समाज में छूआछूत, जातिभेद बिलकुल नहीं होना चाहिए। भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक एक भारतीय है, फिर विभिन्न जातियों में बंटवारा क्यों? अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन स्थापित करने के लिए भारतीय नागरिकों को विभिन्न जातियों में बांटों और राज करने की नीति अपनाई थी। आज के परिप्रेक्ष्य में जब भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, तब समस्त भारतीय नागरिक आपस में विश्वास बनाए रखते हुए देश की प्रगति में अपने योगदान को बढ़ाएं ऐसी अपेक्षा भारत के प्रत्येक नागरिक से हैं। अतः जन्म आधारित किसी भी प्रकार के भेदभाव को हम समस्त भारतीयों को नहीं मानना चाहिए। इस दृष्टि से सामाजिक समरसता का आज बहुत महत्व है एवं अपने जीवन में इसे व्यवहार में लाने का गम्भीर प्रयास हमें करना चाहिए। द्वितीय आयाम है, परिवार प्रबोधन। भारत के प्रत्येक कुटुंब में भारतीय जीवन मूल्यों एवं सांस्कृतिक मूल्यों को हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपने का गम्भीर प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक भारतीय परिवार को अपने जीवन में दो कार्य आवश्यक रूप से करने चाहिए। एक तो समाज के प्रति हम कुछ सेवा के कार्य निरंतर करते रहें, और दूसरे सनातन संस्कृति और अपने धर्म की रक्षा के लिए भी हम जागरूक रहें। विशेष रूप से सौराष्ट्र और गुजरात में यह कार्य व्यापक रूप से नागरिकों द्वारा किए जा रहे हैं। परंतु, इन्हें पूरे देश में फैलाया जाना चाहिए। साथ ही यह कार्य सभी वर्गों में समस्त स्तरों पर होना चाहिए। तीसरा आयाम है, पर्यावरण की रक्षा करना। आज की विपरीत परिस्थितियों के बीच समाज के नागरिकों को बड़ी संख्या में पेड़ लगाने का कार्य हाथ में लेने की जरूरत है। साथ ही, पोलिथिन के उपयोग को बंद करने एवं पानी बचाने के लिए भी गम्भीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। यह कार्य समाज ही कर सकता है। हाल ही में राजस्थान के जोधपुर प्रांत में (भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान का लगभग एक तिहाई भाग) संघ के कार्यकर्ताओं ने 45 दिन पर्यावरण के प्रति समर्पित यात्रा सम्पन्न की है। इस यात्रा के दौरान 15 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। यह यात्रा 14000 किलोमीटर की रही है। इसी प्रकार, कर्नाटक में भी एक करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार के कार्य समाज में नागरिकों को साथ लेकर पर्यावरण की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों द्वारा अन्य स्थानों पर भी किए जाने चाहिए। चौथा आयाम है, स्वदेशी जीवन शैली। भारत को प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नागरिकों द्वारा स्व-आधारित जीवन शैली अपनाया जाना अब आवश्यक हो गया है। अपनी मातृभाषा पर गर्व करने के साथ साथ भारत में निर्मित उत्पादों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा दिया ही जाना चाहिए। स्वदेशी जीवन शैली में केवल स्थानीय वस्तुओं का उपयोग ही शामिल नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति का पालन भी इस जीवन शैली में शामिल है। अतः आज प्रत्येक भारतीय नागरिक में स्व का भाव विकसित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव विकसित हो सके। पांचवा आयाम है, नागरिक कर्तव्य। भारत आज पूरे विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है एवं विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन चुका है। इन परिस्थितियों के बीच भारतीय नागरिकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सतर्कता बरतना आवश्यक हो गया है। नागरिकों को प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का पालन करना चाहिए। भारतीय नागरिक होने के नाते हमारे संविधान के अनुसार भी कुछ कर्तव्य निर्धारित हैं। इन कर्तव्यों का निर्वहन गम्भीरता के साथ किया जाना चाहिए। इसके लिए स्वयंसेवकों को अपने स्तर पर, अपने कुटुंब के स्तर पर, अपनी शाखा के स्तर पर एवं व्यापक समाज के स्तर पर अपने अपने कर्तव्यों के अनुपालन के लिए जागृति लाना आवश्यक है। इसी प्रकार समाज में कई संस्थाएं हैं, मठ मंदिर हैं, व्यापारिक संस्थान हैं, विद्यालय हैं, अस्पताल हैं, इन समस्त संस्थाओं में भी जागृति लानी होगी ताकि समाज का प्रत्येक अंग अपने कर्तव्यों के पालन के प्रति सजग हो सके। साथ ही, विभिन्न विद्यालयों को किस प्रकार पर्यावरण गतिविधि से सम्बंधित कार्यों के लिए अपने साथ लिया जा सकता है, मठ मंदिर को किस प्रकार समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करने के उड्डेस्य से अपने साथ लिया जा सकता है, व्यापारिक संस्थान किस प्रकार स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। इन विषयों पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया जाकर पूरे समाज को ही उक्त पांचों आयामों पर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए साथ लिया जाना चाहिए। प्रहलाद सबनानी Read more »
विविधा समाज साक्षात्कार अरण्य संस्कृति के सांस्कृतिक अग्रदूत..! November 9, 2023 / November 9, 2023 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारत वर्ष के पूर्व से पश्चिम -उत्तर से दक्षिण चारों दिशाओं में निवासरत जनजातीय समाज अपनी बहुरंगी-अनूठी सांस्कृतिक विरासत से भारत एवं भारतीयता के बोध को बिखेरता हुआ ‘जनजातीय स्वत्व’ की ध्वजा लहरा रहा है। हमारा जनजातीय समाज कभी प्रकृति की लय ताल से लयबध्द होकर नृत्य एवं संगीत की थाप पर […] Read more » Cultural pioneer of forest culture
लेख समाज जीवन को आसान बनाने की उपयोगिता सोच November 7, 2023 / November 7, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर, 2023– ललित गर्ग-सरल को जटिल बनाना आम बात है लेकिन जटिल को सरल, अद्भुत रूप से सहज बनाना, यही रचनात्मकता है। इसी रचनात्मक सोच को विकसित करने के लिये विश्व उपयोगिता दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य प्रयोज्यता, प्रयोज्य इंजीनियरिंग, सार्वभौमिक प्रयोज्यता, उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजाइन और बेहतर काम करने […] Read more » World Utility Day- 10 November विश्व उपयोगिता दिवस- 10 नवम्बर
लेख शख्सियत समाज सामूहिक कीर्तन के उपासक- श्री श्री 1008 श्री हरे राम जी महाराज November 6, 2023 / November 6, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment नर्मदापुरम के महान संत की जीवनी सन् 1900 का वह दौर था जब अंग्रेजों को नर्मदाजी के मध्यपूर्व से पश्चित तक फैले विशाल पर्वत सतपुड़ा-विन्ध्याचल की उचाईयों ही नहीं अपितु नर्मदा जल की पवित्रता के दर्शन का आभास होने लगा। इस दौर में नर्मदा […] Read more » श्री श्री 1008 श्री हरे राम जी महाराज
लेख विधि-कानून विविधा समाज आवारा पशुओं का बढ़ता आतंक November 2, 2023 / November 2, 2023 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी हमारे देश का सत्ता नेतृत्व देश के आमजन की सुरक्षा की चाहे जितनी बातें करे ,अपनी तुलना स्वयंभू रूप से पश्चिमी देशों से करने लगे और इसी मुग़ालते में स्वयं को विश्व गुरु भी बताने लग जाये परन्तु हक़ीक़त तो यह है कि हमारे देश में किसी भी साधारण व्यक्ति चाहे वह बच्चा […] Read more »
लेख समाज सार्थक पहल अब मासिक धर्म चक्र तक पर असर डाल रहा है वायु प्रदूषण October 30, 2023 / October 30, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राखी गंगवार सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन अमेरिका में एमोरी यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बचपन में वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने और लड़कियों को पहली बार मासिक धर्म होने की उम्र के बीच एक संबंध पाया है। यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है […] Read more » मासिक धर्म चक्र तक पर असर डाल रहा है वायु प्रदूषण
राजनीति समाज क्या लोकतंत्र के हित में है नौकरशाहों का चुनाव लड़ना? October 25, 2023 / October 25, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- पांच राज्यों के विधानसभा एवं अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अनेक प्रशासनिक अधिकारी राजनीति में आने के लिये अपने पदों से इस्तिफा दे रहे हैं। इन प्रशासनिक अधिकारियों को नौकरशाही की तुलना में राजनीति इतनी लुभावनी क्यों लग रही है, क्यों राजनीति के प्रति इन नौकरशाहों में आकर्षण बढ़ […] Read more » Is it in the interest of democracy for bureaucrats to contest elections?
महिला-जगत लेख समाज सशक्त नारी समृद्ध होता उत्तर-प्रदेश October 25, 2023 / October 25, 2023 by ऋचा सिंह | Leave a Comment ऋचा सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार मिशन शक्ति फेज 4 का प्रारंभ शक्ति वंदन कार्यक्रम के साथ कर रही है । महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वावलंबन के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाने एवं जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर महिलाओं, बालिकाओं से वार्ता […] Read more » Uttar Pradesh becomes prosperous with strong women सशक्त नारी समृद्ध होता उत्तर-प्रदेश
लेख विविधा समाज संबंधों के बीच पिसते खून के रिश्ते October 10, 2023 / October 10, 2023 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment आज हम में से बहुतों के लिए खून के रिश्तों का कोई महत्त्व नहीं। ऐसे लोग संबंधों को महत्त्व देने लगे हैं। और आश्चर्य की बात ये कि ऐसा उन लोगों के बीच भी होने लगा है जिनका रिश्ता पावनता के साथ आपस में जोड़ा गया है। वैसे तो हमारे सामाजिक संबंधों और सगे रिश्तों […] Read more » Blood relations between relations संबंधों के बीच पिसते खून के रिश्ते
राजनीति समाज कट्टरपंथियों की असहिष्णुता का शिकार अहमदिया मुसलमान October 9, 2023 / October 9, 2023 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जून 2022 में लगे एक पुस्तक मेले में जाने का अवसर मिला। यहाँ […] Read more » Ahmadiyya Muslims victims of intolerance Ahmadiyya Muslims victims of intolerance of fundamentalists
कविता समाज ज़ुल्म का शिकार क्यों हैं लड़कियां ? October 6, 2023 / October 6, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment सिमरन कुमारीमुजफ्फरपुर, बिहार क्यों अपने सपनों को पूरा ना कर पाए लड़कियां?क्यों मर्यादा की जंजीरों में बांध के रखी जाए लड़कियां?क्यों अपनी उड़ानों को ना भर पाए लड़कियां?क्यों घुट-घुट कर घर में रहती है लड़कियां?क्यों चारदीवारी के भीतर दम तोड़ देती हैं लड़कियां?क्यों अपनी मर्जी का कुछ ना कर पाए लड़कियां?क्यों अपने ही घर में […] Read more » Why are girls victims of oppression