समाज बुंदेलखंड के सन्दर्भ में- बदहाली में पलायन September 19, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मध्यप्रदेश के छतरपुर के अकोना गांव के गुरवा अहिरवार आज अपनी कच्ची झोंपड़ी में अपनी बुजुर्ग पत्नी और तीन नातियों के साथ रह रहे हैं। उनके दो बेटे और बहू रोजगार की तलाश में जुलाई में ही दिल्ली जा चुके हैं। बुंदेलखण्ड के इस इलाके के किसी भी बस अड्डे और रेल्वे स्टेशन पर आपको […] Read more » Bundelkhand बुंदेलखंड
धर्म-अध्यात्म समाज सेक्स चर्चा (भाग -3) September 18, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 11 Comments on सेक्स चर्चा (भाग -3) हम जीवन के मूल तत्व ' काम ' अर्थात 'सेक्स' के ऊपर विभिन्न विचारकों और अपने विचार को आपके समक्ष रखेंगे . काम का जीवन में क्या उपयोगिता है ? सेक्स जिसे हमने बेहद जटिल ,रहस्यमयी ,घृणात्मक बना रखा है उसकी बात करने से हमें घबराहट क्यों होती है ? क्यों हमारा मन सेक्स में चौबीस घंटे लिप्त रहने के बाद भी उससे बचने का दिखावा करता है Read more » Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Sex in Life Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स चर्चा
प्रवक्ता न्यूज़ समाज कलक्टर का अप्रत्यक्ष ब्यान ; कंधमाल के दंगों के पीछे धर्मांतरण की भूमिका हो सकती है September 17, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 1 Comment on कलक्टर का अप्रत्यक्ष ब्यान ; कंधमाल के दंगों के पीछे धर्मांतरण की भूमिका हो सकती है कंधमाल में पिछले साल हुए दंगों के मामले में जांच कर रहे न्यायिक आयोग को पूर्व जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि 2004 से 2007 के बीच धर्मांतरण के मामले आधिकारिक तौर पर दर्ज दो मामलों से ज्यादा थे। वहां धर्मातरण के कई मामले थे, लेकिन कुछ ही जानकारी जिला प्रशासन को मिली। कंधमाल में विहिप नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद बड़े स्तर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। Read more » Hinduism कंधमाल धर्मांतरण नरेंद्र मोदी विहिप हिन्दुत्व
समाज ‘लव जिहाद’ September 17, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on ‘लव जिहाद’ अपने जीवन के 17 बसन्त देख चुकी श्रुति (काल्पनिक नाम) को यह नहीं मालूम था कि जो युवक विद्यालय जाते समय रास्ते में मिलता रहा और वे एक दूसरे के काफी नजदीक आ गये थे वह उससे प्रेम नहीं करता है बल्कि पूर्वांचल में चल रहे लव जिहाद का एक जेहादी है और वह उसे […] Read more » 'लव जिहाद' Love Jehad
समाज उठो और श्रेष्ठता के लिए युद्ध करो September 9, 2009 / December 26, 2011 by रामस्वरूप रावतसरे | 4 Comments on उठो और श्रेष्ठता के लिए युद्ध करो महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था, दोनों तरफ सेनायें खड़ी थी। श्री कृष्ण भगवान ने अर्जुन के रथ को रणभूमि के मध्य में खड़ा किया और अर्जुन से युद्ध के लिए पांचजन्य का उद्घोष करने के लिए कहा। अर्जुन ने दूर तक नजर पसार कर देखा, दोनों तरफ उसके परिजन एवं प्रजाजन ही खड़े […] Read more » War युद्ध
समाज दिल्ली का दर्द August 24, 2009 / December 27, 2011 by पुनीता सिंह | 2 Comments on दिल्ली का दर्द शुक्रवार की वारिस और लम्बे जाम में दिल्ली वालों को सरकारी दावों का असली रुप देखने को मिला।जलभराव का नजारा भंयकर था। एक घन्टे की वारिश में ये हाल था सोचिये मानसून की अच्छी बरसात शायद दिल्ली को डुबो कर ही रख देती। गाडी बन्द कर कुदरत के कहर के थमनें और ट्रेफिक खुलने के […] Read more » Delhi दिल्ली
समाज ये कैसी आज़ादी है? – सुरभी August 18, 2009 / December 27, 2011 by सुरभी | 4 Comments on ये कैसी आज़ादी है? – सुरभी हमने आज़ादी की ६२वीं सालगीरह भी मना ली.पर क्या हम सही मायने में आज़ाद हैं? ये कैसी आज़ादी है की आज अपने देश का कोई भी बच्चा १० मिनट शुद्ध हिन्दी में बात भी नहीं कर सकता . देश की विधी व्यवस्था आज भी अंग्रेजों के मुताबीक चल रही है. जब हम आज़ादी के पचासवीं […] Read more » Freedom आज़ादी
समाज एक दिन की देशभक्ति – हिमांशु डबराल August 18, 2009 / December 27, 2011 by हिमांशु डबराल | 2 Comments on एक दिन की देशभक्ति – हिमांशु डबराल आप सोच रहे होगें कि ये एक दिन की देशभक्ति क्या है? ये वो है जो आपके और हमारे अन्दर 15 अगस्त के दिन पैदा होती है और इसी दिन गायब हो जाती है। जी हाँ हम लोग अब एक दिन के देशभक्त बनकर रह गये है। एक समय था जब हर व्यक्ति के अन्दर […] Read more » Patriotism देशभक्ति
प्रवक्ता न्यूज़ व्यंग्य समाज बुद्ध सेक्स के पहरेदार के रूप में August 17, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | 3 Comments on बुद्ध सेक्स के पहरेदार के रूप में मैं लाफिंग बुद्धा से वाकिफ़ नही था। दिल्ली में मुलाकात हुई, एक माल मे सजे हुए थे। मैने सोचा धर्म का बाज़ार बुद्ध से कैसे सुशोभित हो रहा है। वह तो आकांक्षाओं को लगाम देने पर जोड़ देते थे और बाज़ार आकांक्षाओं पर आश्रित व्यवस्था है। बाज़ार एक कदम आगे बढ़ कर फ्यूचर ट्रेडिंग की […] Read more » Laughing Buddha मीडिया मॉनिटर
समाज नदियाँ मांग रही जिंदगानी – रामकुमार ‘विद्यार्थी’ August 3, 2009 / December 27, 2011 by रामकुमार विद्यार्थी | Leave a Comment ‘ग्लोबल स्ट्रीम फलोज’ नामक हालिया अध्ययन में नदियों में घटते जल स्तर के लिए जलवायु परिवर्तन के अलावा बांधों व नहरों को जिम्मेदार बताया गया है। इधर म.प्र. में नर्मदा जल भोपाल लाने की लंबी पाईपलाइन योजना तथा बिजली उत्पादन के नाम पर 183 बांधों की योजना पर काम चल रहा है। यह सब हो […] Read more » River नदियाँ
समाज देश सेवा मॆं हमारी भागीदारी August 1, 2009 / December 27, 2011 by पुनीता सिंह | 2 Comments on देश सेवा मॆं हमारी भागीदारी स्वतंत्रता दिवस नज़दीक आते ही भव्य तैयारियाँ शुरु हो जाती है। आजादी के इस पर्व पर झंडा फहरा कर,शहीदों की मज़ारों पर फ़ूल चढा कर हम अपने देश प्रेम का प्रर्द्शन करते है। प्रश्न उठता है- आप देश के लिये क्या कर रहे है? एक बधांबधाया जवाब सामने आता है- हम तो आम आदमी है […] Read more » Country service देश सेवा
समाज आधी आबादी का कड़वा सच July 27, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on आधी आबादी का कड़वा सच एक जमाना हुआ करता था जब शिक्षा केवल लड़कों के लिए थी । विद्यालय जाना तो दूर घर की दहलीज के भीतर ही घुट-घुट कर जीना ही लड़कियों की नियति बन कर रह गई थी । Read more » Population आबादी