राजनीति सार्थक पहल उत्तरप्रदेश: कैसे बना भारत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था December 21, 2023 / December 21, 2023 by शिवेश प्रताप सिंह | Leave a Comment शिवेश प्रताप योगी ने कभी बीमारू माने जाने वाले उत्तर प्रदेश को विकास की दौड़ में अग्रणी स्थान पर ला खड़ा किया है। विश्लेषण मंच एसओआईसी के अनुसार सेंसेक्स तथा क्रेडिट लियोनिस सिक्योरिटीज एशिया आधारित रिपोर्ट्स के हिसाब से देश की जीडीपी में हिस्सेदारी के मामले में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर आ गया है। यह […] Read more » उत्तरप्रदेश
लेख समाज साक्षात्कार सार्थक पहल भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए प्रयासरत है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ November 14, 2023 / November 14, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के बीच चल रही रस्साकच्छी, रूस यूक्रेन के बीच पिछले लम्बे समय से लगातार चल रहे युद्ध एवं पिछले एक माह से भी अधिक समय से पूर्व प्रारम्भ हुए हम्मास इजराईल युद्ध के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक दिनांक 5 नवम्बर 2023, रविवार, को प्रातः 9 बजे भुज, गुजरात में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारम्भ परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत और सर कार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबाले ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित करके किया। बैठक में देश भर से संघ की दृष्टि से 45 प्रांतो एवं 11 क्षेत्रों के माननीय संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य तथा कुछ विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्रियों सहित लगभग 382 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उक्त बैठक में संघ शताब्दी की दृष्टि से कार्य विस्तार के लिए बनी योजना की समीक्षा एवं संघ प्रशिक्षण अभ्यास क्रम विषयों पर विस्तार से चर्चा सम्पन्न हुई। साथ ही, परम पूज्य सर संघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत के विजया दशमी उदबोधन में चर्चा में आए कुछ मुख्य विषयों जैसे प्रकृति विरुद्ध जीवन शैली, जलवायु परिवर्तन का विश्व पर प्रभाव, सुरक्षा, स्व आधारित युगानुकुल नीति आदि विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, गौ सेवा, ग्राम विकास व अन्य गतिविधियों में चल रहे प्रयासों के बारे में भी प्रतिनिधियों से जानकारी ली गई। यह बैठक 7 नवम्बर 2023 को सायंकाल 6 बजे सम्पन्न हुई। विश्व के कई देशों, विकसित देशों सहित, में सामाजिक तानाबाना ध्वस्त हो चुका है। अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में आज “सिंगल पेरेंट” की अवधारणा जोर पकड़ती जा रही है। लगभग 50 प्रतिशत बच्चों को अपने पिता के बारे में जानकारी ही नहीं हैं। कुटुंब अथवा परिवार में रहकर माता एवं पिता द्वारा मिलकर ही बच्चे का शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से किया जा सकता है। इन देशों में केवल माता अथवा पिता द्वारा बच्चे का लालन पालन करने से बच्चे का मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है एवं यह बच्चे उच्च स्तर की पढ़ाई के मामले में पिछड़ रहे हैं। आज अमेरिका में बहुत कम बच्चे विज्ञान एवं गणित की उच्च स्तर पर पढ़ाई कर पा रहे हैं, जिसके चलते यह बच्चे सेवा क्षेत्र में कुछ छोटे मोटे काम करते नजर आते हैं। दूसरे, भारत सहित कई देशों में विभिन्न जातियों, मत एवं पंथ के आधार पर नागरिकों को आपस में लड़ाया जा रहा है एवं समाज में आज नागरिकों के बीच आपसी भाईचारा एवं विश्वास का नितांत अभाव दिखाई दे रहा है, जिससे आज सामाजिक समरसता का अभाव स्पष्टत: दिखाई देने लगा है। साथ ही, लगभग पूरे विश्व में ही पर्यावरण को लेकर भी गम्भीर स्थिति बन गई है। विशेष रूप से विकसित देशों में नागरिकों की जीवन शैली ही इस प्रकार की बन गई है कि प्रकृति का दोहन करने के स्थान पर प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। जंगल खत्म हो रहे हैं, प्रकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिसके कारण पर्यावरण पर दबाव बन रहा है। कुछ स्थानों पर तो एक ही दिन में पूरे वर्ष भर की बारिश हो रही है तो कहीं कहीं बारिश ही नहीं हो रही है। इस प्रकार का असंतुलन वैश्विक स्तर नागरिकों के लिए गम्भीर समस्याएं उत्पन्न कर रहा है। जहां तक भारत का सम्बंध है, भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे सांस्कृतिक संगठन उक्त विषयों पर गम्भीरता से विचार विमर्श करते हुए इन समस्याओं के हल हेतु प्रयास भी करते दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष 2025 में मनाने की तैयरियों में जुटा है। अपने शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने समाज के लिए आज की परिस्थितियों के संदर्भ में अति महत्वपूर्ण पांच आयामों को आग्रह पूर्वक समाज के सामने रखा है। इन आयामों को संघ के स्वयंसेवक अपने स्तर एवं शाखा के स्तर पर क्रियान्वित करेंगे, इसके बाद समाज से भी अपेक्षा की गई है कि इन आयामों को अपने स्तर पर क्रियान्वित करने में सहयोग करें। प्रथम आयाम है, समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करना। समाज में छूआछूत, जातिभेद बिलकुल नहीं होना चाहिए। भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक एक भारतीय है, फिर विभिन्न जातियों में बंटवारा क्यों? अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन स्थापित करने के लिए भारतीय नागरिकों को विभिन्न जातियों में बांटों और राज करने की नीति अपनाई थी। आज के परिप्रेक्ष्य में जब भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है, तब समस्त भारतीय नागरिक आपस में विश्वास बनाए रखते हुए देश की प्रगति में अपने योगदान को बढ़ाएं ऐसी अपेक्षा भारत के प्रत्येक नागरिक से हैं। अतः जन्म आधारित किसी भी प्रकार के भेदभाव को हम समस्त भारतीयों को नहीं मानना चाहिए। इस दृष्टि से सामाजिक समरसता का आज बहुत महत्व है एवं अपने जीवन में इसे व्यवहार में लाने का गम्भीर प्रयास हमें करना चाहिए। द्वितीय आयाम है, परिवार प्रबोधन। भारत के प्रत्येक कुटुंब में भारतीय जीवन मूल्यों एवं सांस्कृतिक मूल्यों को हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को सौंपने का गम्भीर प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक भारतीय परिवार को अपने जीवन में दो कार्य आवश्यक रूप से करने चाहिए। एक तो समाज के प्रति हम कुछ सेवा के कार्य निरंतर करते रहें, और दूसरे सनातन संस्कृति और अपने धर्म की रक्षा के लिए भी हम जागरूक रहें। विशेष रूप से सौराष्ट्र और गुजरात में यह कार्य व्यापक रूप से नागरिकों द्वारा किए जा रहे हैं। परंतु, इन्हें पूरे देश में फैलाया जाना चाहिए। साथ ही यह कार्य सभी वर्गों में समस्त स्तरों पर होना चाहिए। तीसरा आयाम है, पर्यावरण की रक्षा करना। आज की विपरीत परिस्थितियों के बीच समाज के नागरिकों को बड़ी संख्या में पेड़ लगाने का कार्य हाथ में लेने की जरूरत है। साथ ही, पोलिथिन के उपयोग को बंद करने एवं पानी बचाने के लिए भी गम्भीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। यह कार्य समाज ही कर सकता है। हाल ही में राजस्थान के जोधपुर प्रांत में (भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान का लगभग एक तिहाई भाग) संघ के कार्यकर्ताओं ने 45 दिन पर्यावरण के प्रति समर्पित यात्रा सम्पन्न की है। इस यात्रा के दौरान 15 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। यह यात्रा 14000 किलोमीटर की रही है। इसी प्रकार, कर्नाटक में भी एक करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार के कार्य समाज में नागरिकों को साथ लेकर पर्यावरण की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों द्वारा अन्य स्थानों पर भी किए जाने चाहिए। चौथा आयाम है, स्वदेशी जीवन शैली। भारत को प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नागरिकों द्वारा स्व-आधारित जीवन शैली अपनाया जाना अब आवश्यक हो गया है। अपनी मातृभाषा पर गर्व करने के साथ साथ भारत में निर्मित उत्पादों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा दिया ही जाना चाहिए। स्वदेशी जीवन शैली में केवल स्थानीय वस्तुओं का उपयोग ही शामिल नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति का पालन भी इस जीवन शैली में शामिल है। अतः आज प्रत्येक भारतीय नागरिक में स्व का भाव विकसित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव विकसित हो सके। पांचवा आयाम है, नागरिक कर्तव्य। भारत आज पूरे विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है एवं विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन चुका है। इन परिस्थितियों के बीच भारतीय नागरिकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सतर्कता बरतना आवश्यक हो गया है। नागरिकों को प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का पालन करना चाहिए। भारतीय नागरिक होने के नाते हमारे संविधान के अनुसार भी कुछ कर्तव्य निर्धारित हैं। इन कर्तव्यों का निर्वहन गम्भीरता के साथ किया जाना चाहिए। इसके लिए स्वयंसेवकों को अपने स्तर पर, अपने कुटुंब के स्तर पर, अपनी शाखा के स्तर पर एवं व्यापक समाज के स्तर पर अपने अपने कर्तव्यों के अनुपालन के लिए जागृति लाना आवश्यक है। इसी प्रकार समाज में कई संस्थाएं हैं, मठ मंदिर हैं, व्यापारिक संस्थान हैं, विद्यालय हैं, अस्पताल हैं, इन समस्त संस्थाओं में भी जागृति लानी होगी ताकि समाज का प्रत्येक अंग अपने कर्तव्यों के पालन के प्रति सजग हो सके। साथ ही, विभिन्न विद्यालयों को किस प्रकार पर्यावरण गतिविधि से सम्बंधित कार्यों के लिए अपने साथ लिया जा सकता है, मठ मंदिर को किस प्रकार समाज में सामाजिक समरसता स्थापित करने के उड्डेस्य से अपने साथ लिया जा सकता है, व्यापारिक संस्थान किस प्रकार स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। इन विषयों पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया जाकर पूरे समाज को ही उक्त पांचों आयामों पर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए साथ लिया जाना चाहिए। प्रहलाद सबनानी Read more »
लेख सार्थक पहल कृषि एवं पशुपालन में विशेष पहचान रखने वाला सरहदी गांव मंगनाड October 30, 2023 / October 30, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment भारती देवीपुंछ, जम्मू हर एक व्यक्ति या स्थान अपनी विशेष पहचान रखता है. चाहे वह पहचान छोटी हो या बड़ी. ऐसा कोई स्थान नहीं है जिसकी अपनी कोई न कोई विशेषता ना हो. कुछ स्थान अपनी सुंदरता के लिए विशेष पहचान रखते हैं, कुछ खानपान के लिए, वहीं कुछ अपने पहनावे के लिए जाने जाते […] Read more » a border village with special identity in agriculture and animal husbandry. Manganad
लेख समाज सार्थक पहल अब मासिक धर्म चक्र तक पर असर डाल रहा है वायु प्रदूषण October 30, 2023 / October 30, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राखी गंगवार सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन अमेरिका में एमोरी यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बचपन में वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने और लड़कियों को पहली बार मासिक धर्म होने की उम्र के बीच एक संबंध पाया है। यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है […] Read more » मासिक धर्म चक्र तक पर असर डाल रहा है वायु प्रदूषण
लेख सार्थक पहल भारत पहुँचने वाला है भूजल कमी के टिपिंग पॉइंट पर, जल संरक्षण में दिव्यांग बच्चे निभा सकते हैं निर्णायक भूमिका October 30, 2023 / October 30, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment दीपमाला पाण्डेय जल जीवन है। यह पढ़ने में बेहद आम सी बात लग सकती है लेकिन बड़ी गहरी बात है। हमारा शरीर 70 प्रतिशत पानी से बना है। हमारी पृथ्वी पर उसी अनुपात में पानी है। बिना खाने के हम फिर भी रह सकते हैं, लेकिन बिना पानी के हमारा जीना कुछ ही समय में मुश्किल […] Read more » children with disabilities can play a decisive role in water conservation. India is about to reach the tipping point of groundwater depletion
महिला-जगत लेख शख्सियत सार्थक पहल महिलाएं पीड़ित नहीं, परिवर्तन की अग्रदूत बन रही हैं October 19, 2023 / October 19, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment महिलाओं ने अक्सर लचीलेपन और परिवर्तन के कार्यों का नेतृत्व किया है. उन्होंने एक साथ दो युद्ध मोर्चा, आपदाओं और लैंगिक सामाजिक प्रतिबंधों का मुकाबला किया है. ऐसे में परिवर्तनकर्ताओं के रूप में उनकी उपलब्धियों का पता लगाना, उजागर करना और दोहराना महत्वपूर्ण हो जाता है, न कि निष्क्रिय प्राप्तकर्ता के रूप में उनकी पहचान […] Read more » gayatri devi jal yoddha
मनोरंजन शख्सियत समाज साक्षात्कार सार्थक पहल राजस्थान और देश के महानगरों में सरकार के सूचना केन्द्रों को मूर्त रूप देने की अवधारणा के सूत्रधार थे कमल किशोर जैन October 5, 2023 / October 5, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -गोपेंद्र नाथ भट्ट – लम्बा कद ,बड़ा ललाट,बुलन्द आवाज़,आँखों पर चश्मा और अपने गौर वर्ण के साथ हमेशा हँसमुख रहने वाले तथा बिन्दास अन्दाज़ एवं बेबाक़ी से अपनी बात रखने वाले स्वर्गीय कमल किशोर जैन का बहु आयामी और प्रतिभा सम्पन्न तथाआसाधारण व्यक्तित्व हर किसी को आकर्षित करता था। प्रिय जन उन्हें भैईयाजी के नाम […] Read more » कमल किशोर जैन
लेख समाज साक्षात्कार सार्थक पहल मुस्कान है सेहत एवं समृद्धि का अनमोल उपहार October 5, 2023 / October 5, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व मुस्कान दिवस- 6 अक्टूबर, 2023– ललित गर्ग- प्रत्येक अक्टूबर के पहले शुक्रवार को यानी इस वर्ष 6 अक्टूबर को विश्व मुस्कान दिवस है। आज मनाए जाने वाले विश्व मुस्कान दिवस के पीछे वॉर्सेस्टर, मैसाचुसेट्स के एक अमेरिकी वाणिज्यिक कलाकार हार्वे बॉल के दिमाग की उपज थी। प्रतिष्ठित स्माइली फेस 1963 में उनके द्वारा बनाया […] Read more » मुस्कान है सेहत एवं समृद्धि का अनमोल उपहार विश्व मुस्कान दिवस- 6 अक्टूबर
लेख सार्थक पहल स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भर बनती महिलाएं September 22, 2023 / September 22, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment स्नेहाबीकानेर, राजस्थान देश की नई संसद भवन ने नारी शक्ति को नमन करते हुए सबसे पहले महिला आरक्षण बिल को पास किया है. दरअसल महिलाओं विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आज़ादी के बाद से ही कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती रही हैं. इसमें स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की […] Read more » स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भर बनती महिलाएं
लेख सार्थक पहल इस डैशबोर्ड पर मिलेंगे देश की इलेक्ट्रिक गाड़ियों के सभी आंकड़े September 8, 2023 / September 8, 2023 by निशान्त | Leave a Comment देश के वाहन बाजार में इलेक्ट्रिक गाडि़यों (ईवी) की पैठ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में क्लाइमेट थिंकटैंक ‘क्लाइमेट ट्रेंड्स’ ने ‘क्लाइमेट डॉट’ के साथ मिलकर आज ‘ईवी डैशबोर्ड’ जारी किया। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने इसको जारी करते हुए कहा की – यह अनोखा डैशबोर्ड सरकार के ‘वाहन’ पोर्टल की मदद से […] Read more »
लेख शख्सियत सार्थक पहल पूर्णा नगरी में जन्मा आदित्य का चन्द्रयान 3 में योगदान August 24, 2023 / August 24, 2023 by रामकिशोर पंवार | Leave a Comment बैतूल, उसने बचपन में जब चांद को देखा था तब उसकी नानी – दादी की सुनी कहानी उसे याद थी। उसे दादी – नानी की कहानी में बताया गया था कि कोसो दूर चंदा मामा रहते है। चंदा मामा की कहानी और जिस नदी के किनारे उसका जन्म हुआ उस नदी का भी चांद से […] Read more » वैज्ञानिक डॉ. आदित्य बारस्कर
लेख शख्सियत समाज साक्षात्कार सार्थक पहल स्वामी लक्ष्मणानंद बलिदान दिवस : अविस्मर्णीय धर्म यौद्धा की गाथा August 22, 2023 / August 22, 2023 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी आज स्वामी लक्ष्मणानंद जी का बलिदान दिवस है. स्वामी जी भारत में धर्मांतरण के विरुद्ध एक मशाल थे. भारत में कन्वर्जन ने हमारे प्रतिमान नष्ट किए, हमारी परंपराओं को बाधित किया, हमारे समाज की दशा-दिशा बदली और इसके कारण ही न जाने कितने हिंदुओं का नरसंहार हुआ और न जाने कितने महापुरुषों ने […] Read more »