ईश निंदा के बहाने दूसरे धर्म के ईश्वर की बेअदबी करना

—विनय कुमार विनायक
तुम अपने ईश की निंदा
और धार्मिक किताब की बेअदबी के बहाने
करते हो दूसरे धर्म के देवी देवताओं की
मूर्तियों की तोड़फोड़ व निर्दोष लोगों की हत्या!

क्या तुम ऐसा करके पराए धर्म के
ईश्वर रब खुदा के साथ बेअदबी नहीं कर रहे हो?

आखिर तुम इतने बर्वर क्यों हो जाते हो
और निरीह अल्पसंख्यक लोगों का कत्लेआम मचाते हो?

कैसे हैं तुम्हारे ईश्वर रब खुदा और धर्मग्रंथ
जो तुम्हें प्रेरित करते हैं ऐसे दुष्कर्म करने के लिए?

तुम कैसे दुष्कर्मी कायर जन समूह हो
जो लाचार स्त्री-पुरुष, बालक-वृद्ध की हत्या करते हो?

ऐसे पाशविक तो पशु भी नहीं होते अपनी जाति के प्रति
कुछ तो सोचो कैसे तुम्हें माफ करेंगे खुदा
कयामत की रात जो पूरी कायनात के हैं इकलौता पिता!

तुम अपने बहुसंख्यक पाशविक घेरे में घेरकर
जब सारे विधर्मी अल्पसंख्यकों की खात्मा कर डालोगे
तो फिर तुम किसकी हत्या करोगे अभ्यस्त हत्यारे?

आदमी के खून के प्यासे हो चुके दरिंदे
इरादतन हत्या, मार-काट में लिप्त हो चुके दुष्कर्मी
अपनों की इस खूनी कौम से सलामती कैसे करोगे?
किस मुंह से उस खुदा बाप को पुकारोगे
जिनके वंश को तुम बेरहमी से संहार कर रहे हो?

आखिर कबतक खुदा व आसमानी किताब के बहाने
जीते जागते निरीह इंसानों की हत्या करते रहोगे?

आखिर कबतक अपनी नापाक हरकतों से
अपने पाक खुदा व मजहब को बदनाम करते रहोगे?
आखिर कबतक मजहबी आड़ में कुत्सित काम करोगे?

आखिर क्यों ऐसी बर्बरता पे खामोश रहते दूसरे मुल्क?
आतंकवादियों के लिए चिल्लाते ढ़ोगी मानवाधिकारवादी?
क्या उनकी जाति विरादरी के नहीं हैं पीड़ित समुदाय?

जो हिन्दुत्व की कोख से निकले विधर्मी बने
सबसे अधिक जाहिलाना हरकत वही आज करते
अरब के इस्लामी उलेमा और रोम के लोग ऐसे नहीं होते
जैसे भारत पाक बांग्लादेश अफगान के मजहबी होते!

हिन्दू से जो मजहब बदले उन्हें रब का ज्ञान नहीं
खुद खुदा बन जाते खुदा की पहचान नहीं
नुक्ता की हेर फेर से जब खुदा जुदा हो जाता
तो अरबी फारसी रोमन में लिखी किताब क्या समझोगे!

हिन्दू तुम्हारा मूल है, तुम हिन्दुत्व को समझ लो,
हिन्दुत्व में हिंसा नहीं हिन्दुत्व में ही सबका हित,
हिन्दुत्व में ही है ईश्वर रब खुदा की सही व्याख्या,
हिन्दुत्व समझोगे तो मानवतावादी बनोगे आतंकी नहीं!

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