बुजुर्ग एक अमूल्य धन

0
120

सभी मित्रों को नमस्कार 

?

 कैसे हैं आप सभी.? उम्मीद है आप सभी खुश होंगे । आज के शुरूआती लेख में मै पूर्वजो में संचित बहुमूल्य अकूत ज्ञान एवं उनसे बात का एक अंश साझा कर रहा हूँ। …. हर शनिवार की भांति आज भी मै अपने दादा – दादी से मिलने पहुँचा , पूर्व की तरह जैसे ही उन्होने मुझे देखा उनके चेहरे प्रफुलित हो गये। हो भी क्यो ना ..उनका अपनापन जो दिख गया था। यही अमिट जुडाव है जो मुझे उनसे मिलने के लिए हर पल लालायित करता है । हाल चाल पूछा ही गया था कि उसके तुरंत बाद दादी ने बड़ी व्याकुलता से अपने पैरों के दर्द के बारे में मुझे बताया , मैंने उनसे यह बुढ़ापे का स्वाभाविक गुण बताया , उनकी प्रतिक्रिया ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया कि यह सब हाल के वर्षों में दूषित सब्जियों एवं खानपान का परिणाम है साथ ही उन्होंने इस पर आज की पीढ़ी पर पड़ने वाले स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणामों पर एक-एक करके विस्तृत विवरण सामने रख दिया एवं लगे हाथ अस्तित्व विहीन हो चुके मोटे अनाजों ( ज्वार, बाजरा की रोटी) एवं शुद्धता से की जाने वाली कृषि का संपूर्ण विवरण समझा दिया। इसके पूर्व भी जब भी मैं दादा दादी के साथ बैठता तब भी ऐसे ज्ञान संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां जिसमें संयुक्त परिवारों का टूटकर एकल परिवारों में होना, विविध पर्यावरणीय मुद्दों, वर्तमान पीढियो में अनुशासन का स्तर ,वर्तमान शिक्षा की स्थिति, ब्रह्मांडकीय नक्षत्रों की जानकारियां ,घर परिवार का आपस में जुड़ाव, समाज के लोगों का आपसी प्रतिदिन बैठक में भाग लेना, दिनों दिन बढ़ता तकनीकी विज्ञान का परिणाम आदि विविध शामिल हैं का विस्तृत महत्वता के बारे में बतलाया था। आज इस अंश को साझा करने की आवश्यकता आपसे इसलिए पड़ रही है कि कुछ दिन पूर्व ही अपने क्षेत्र स्थित वृद्धाश्रम में पहुंचा था । जिसमें कई बुजुर्गों की स्थिति बहुत ही कष्टदायी पीड़ा दे रही थी यह तो एक वृद्ध आश्रम था जिसमें कुछ हद तक साथियों की मौजूदगी आंतरिक संतुष्टता दे रही थी। लेकिन आज के भौतिकता वादी युग में शहरों एवं कस्बों में हजारों ऐसे बुजुर्ग हैं जो अपने बच्चों द्वारा तिरस्कृत एकल जीवन जी रहे हैं शायद आप भी उनकी इस मार्मिकता रूपी  नीरसता को महसूस कर पा रहे होंगे। अतः संपूर्ण भावी पीढ़ी को उनके परंपरागत ज्ञान, अपने बच्चों के प्रति उनका अथाह प्रेम ,आपके साथ रहने की उनकी इच्छा, उनकी नितांतता एवं उनकी आयु संबंधी स्थिति को समझने की महती आवश्यकता है सच में बुजुर्ग एक अमूल्य धन है जो अपने बच्चों को हर समय नई दिशा प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। अतः आइये हम और आप सभी हमेशा की तरह इस अमूल्य धन को सम्बल प्रदान करें ।धन्यवाद .. नाम संदीप सिंह ,पता-कपसेठी कर्वी चित्रकूट उत्तर प्रदेश 210205

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here