भ्रष्टाचार पर गिरी गाजः यह है योगी राज।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह की कार्यशैली अपनाई है वह प्रशंसा के योग्य है। यदि
यही कार्यशैली पहले की सरकारों ने ईमानदारी के साथ अपनाई होती तो आज ऐसी जटिल
समस्या न आती। बड़ा से बड़ा भ्रष्टाचार राजनीति की क्षत्र-छाया में फलता फूतता रहा
अधिकारी एवं राजनेताओं की मिली भगत से खुले रूप में नंगा नाच किया जाता रहा और देश
की जनता अपनी खुली हुई आँखों से लाचारी के साथ निहारती रही। क्योंकि, सिस्टम की बेबसी
ने जनता के पैर में बेड़ी, हाथों में हथकड़ी और मुँह पर ताला लगा दिया था। कितना अनर्थ हो
रहा था जिसको शब्दों के माध्यम से समेट पाना असंभव है। क्योंकि, एक ईमानदार व्यक्ति
अपनी निराशा भरी आँखो से निहारता रहता था और भ्रष्टाचारी उसका हक उसके हाथों से छीन
लेते थे। बेचारा ईमानदार आदमी अपना मुँह भी खोलने का साहस नहीं जुटा पा रहा था क्योंकि,
पूरा का पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार की दल-दल में डूब चुका था। शीर्ष से लेकर शून्य तक सभी
का एक जैसा चाल, चरित्र और चेहरा हो गया था। भ्रष्टाचार के अडिग प्रमाण यह हैं कि आय
से अधिक संम्पत्ति कहाँ से और कैसे अर्जित हो जाती है इसका कौन सा मंत्र है जोकि कुछ
अधिकारी एवं नेताओं ने सिद्ध कर रखा है। यदि वास्तव में कोई ऐसा मंत्र है तो संबन्धित
व्यक्तियों को उस मंत्र को सार्वजनिक कर देना चाहिए की उस मंत्र के माध्यम से जनता का
लाभ हो सके। यह त्रासदी दूर हो सके। बेरोजगारी, भुखमरी, किसानों की आत्म-हत्याएं रुक
सकें। सभी व्यक्ति खुशहाल हो सकें। आश्चर्य का विषय यह है कि ऐसा कौन सा मंत्र है जिससे
कुछ अधिकारी एवं नेता अपनी आय से सैकड़ों गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने में सफल हो
जाते हैं। अब इसी मंत्र को खोजने हेतु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कड़े कदम उठाए
हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों के कार्यकाल में हुईं कई भर्तियों और
योजनाओं की जांच शुरू कराई और अब कार्रवाई दिखने लगी है। योगी ने 2017 के विधानसभा
चुनाव से पहले ‘न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार-अबकी बार भाजपा सरकार’ का नारा जो दिया था वह
नारा अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। क्योंकि, भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता ने इसी नारे को
पसंद करते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। शपथ लेने के बाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों के कार्यकाल में हुईं कई भर्तियों और योजनाओं
की जांच शुरू कराई थी अब जिन-जिन विभागों की जाँचे पूरी हो गई हैं उन सभी विभागों के
दोषियों पर कार्यवाही होनी आरंभ हो गई है यह उसी का परिणाम है जोकि अब जनता के
सामने आ रहा है।
अवगत करा दें कि पशुधन प्रसार अधिकारी भर्ती घोटाले में पशुपालन विभाग के निदेशक
समेत छह बड़े अफसरों को निलंबित किया गया है। इससे पहले सपा सरकार में हुई चकबंदी
लेखपालों की भर्ती में अपर संचालक चकबंदी को पुलिस ने गिरफ्तार किया ऐसा करना योगी
सरकार बड़ा कदम था। यह गिरफ्तारी मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद ही हुई। कृषि उत्पादन
आयुक्त की उच्चस्तरीय जांच में लेखपाल भर्ती के फर्जीवाड़े का राजफाश हुआ था। प्रारंभिक
जांच में गड़बड़ी मिलने पर सरकार ने चकबंदी और तत्कालीन अपर संचालक चकबंदी को
निलंबित कर दिया था। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद ही उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक में
सहायक प्रबंधकों की भर्ती में एमडी निलंबित किये गये थे। अब जांच प्रक्रिया पूरी होने बाद
सहायक प्रबंधकों की बर्खास्तगी का निर्देश भी योगी सरकार के द्वारा जारी कर दिया गया। यह
भर्ती पिछली सरकार में हुई थी। इस तरह ताबड़तोड़ हो रही कार्रवाई का साफ संकेत है कि
सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र पर अमल करते हुए सभी बिन्दुओं पर तेजी के साथ
गम्भीरता पूर्वक सख्ती के साथ कार्य कर रही है। कानूनी कार्रवाई के द्वारा पाप के पचड़े को
साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने फिर एक बार कहा कि जो
भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में संलिप्त पाया जाएगा अर्थात जो भी दोषी होगा
चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो, उन सबकी जगह जेल होगी। इससे इतर और कुछ नहीं।
ज्ञात हो कि सरकारी मशीनरी के द्वारा किए गए पाप को साफ करने के लिए सफाई
अभियान चल रहा है। प्रदेश में माध्यमिक, उच्च प्राविधिक शिक्षा की या कोई भी प्रतियोगी

परीक्षा हो, पारदर्शिता और पूरी ईमानदारी दिखनी चाहिए। ऐसा योगी सरकार का आदेश है। योगी
ने प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस सरकार में युवाओं के साथ नाइंसाफी
नहीं होगी, मैंने सभी विभागों के अध्यक्षों को बुलाकर स्पष्ट रूप से कह दिया है कि किसी भी
युवा को नियुक्ति में धांधली के चलते परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश में
माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा हो अथवा अन्य कोई प्रतियोगी परीक्षा हो परन्तु, सभी में पूर्ण
रूप से पारदर्शिता तथा संपूर्ण रूप से ईमानदारी दिखनी चाहिए। प्रदेश के युवाओं और आमजन
को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके हक एवं अधिकार पर कोई भी व्यक्ति डकैती
नहीं डाल पाएगा।
एलटी ग्रेड की परीक्षा में एक दागी फर्म को पेपर छापने के लिए देने, परीक्षा नियंत्रक और
दागी फर्म के संबंध और उसके बीच में लेनदेन की जो शिकायतें मिली थी, उसकी जांच के बाद
जो तथ्य सामने आए उसके आधार पर भी बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रेस के मालिक और परीक्षा
नियंत्रक को गिरफ्तार भी किया गया है। जो भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार करेगा
उससे यह सरकार कठोरता के साथ निपटेगी।
अतः भ्रष्टाचारियों को इस बात को अपने हृदय के अंदर के बैठा लेना चाहिए की यदि
सूचना मिली तो तुरंत जाँच के आदेश दिए जाएंगे। और जाँच पूर्ण होने के बाद यदि संलिप्तता
पाई गई तो कठोर से कठोर कार्यवाही होगी। कितनी ही बड़ी पहुँच वाला व्यक्ति क्यों न हो
परन्तु किए हुए पाप का परिणाम उसे निश्चित ही भुगतना पड़ेगा। यदि कार्यवाही से बचना
चाहते हैं तो पारदर्शिता एवं ईमानदारी के साथ कार्य करना पड़ेगा। वर्तमान योगी सरकार ने
भ्रष्टाचार में लगे हुए सभी अधिकारियों की सूची बनाने का निर्देश दिया है। कि ऐसे सभी
अधिकारियों को चिन्हित किया जाए साथ ही जितने भी अधिकारी संलिप्त पाए जाएं उन सभी
को कार्य मुक्त किया जाए। अब इसी दिशा में बड़ी ही तीव्रता के साथ कार्य हो रहा है जिसका
रूप देखा जा सकता है। कई अधिकारी अवकाशमुक्त के घेरे की चपेट में आ गए हैं। जिसके
लिए उन अधिकारियों की कार्य शैली स्वयं जिम्मेदार है।
राजनीतिज्ञ विश्लेषक।

(सज्जाद हैदर)

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