प्रवक्ता डॉट कॉम के चार साल पूरे

आज प्रवक्ता डॉट कॉम के चार साल पूरे हो गए। 16 अक्टूबर 2008 को इसकी शुरूआत हुई थी।

उद्देश्य था-

इंटरनेट पर राष्ट्रभाषा समृद्ध हो, हिंदी में विचार-विमर्श हो।

लगभग पांच सौ लेखक इस मंच से जुड़ चुके हैं, अब तक 6000 से अधिक लेख हम प्रकाशित कर चुके हैं।

hypestat.com के अनुसार-

Daily Visits:4,877

Daily Pageviews:44,382

Alexa Rank:78,843

गत कुछ वर्षों में कई वेबसाइटें बनीं, उनकी धमाकेदार शुरूआत हुई, उसे जोर-शोर से प्रचारित किया गया, भारतीय धर्म और परंपरा का मजाक उड़ाकर वह चर्चित हुईं लेकिन कुछ ही समय बाद या तो उस वेबसाइट का अस्तित्व खतरे में पड़ गया या फिर वह आगे चलकर प्रभावहीन हो गईं। प्रवक्‍ता ने यह साबित किया है कि स्‍वस्‍थ सामग्री के बूते भी आगे बढ़ सकते हैं।

‘प्रवक्ता’ को पाठकों और लेखकों का अपार सहयोग मिला, यही कारण रहा कि हम निरंतरता कायम रख सकें। विषयवस्तु और गुणवत्ता का हमने हमेशा ख्याल रखा फिर भी ऐसा लग सकता है कि कुछ लेख साधारण स्तर के रहे लेकिन हमारा मानना है कि हर व्यक्ति श्रेष्ठ है और उसके पास कुछ मौलिक है, इसलिए अनेक बार हमने पाठकों के विचार प्रकाशित किए।

दो सूचनाएं हैं: 

(1)

  • प्रवक्ता के संपादकीय कार्यालय का नवीकरण हुआ है। नए उपकरणों से सन्नद्ध हमारे सहयोगी अब प्रवक्ता पर नियमित और बेहतर तरीके से सामग्री को प्रस्तुत करेंगे।

संपादकीय कार्यालय का पता है:

51, रानी झांसी मार्ग, झंडेवाला, पहाड़गंज, नई दिल्ली-110055

दूरभाष:

(2)

  • वेबमीडिया वैकल्पिक मीडिया का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। लेकिन भारत में अभी इसका समुचित विकास नहीं हुआ है। आर्थिक प्रारूप का अभाव है। गूगल द्वारा भारतीय भाषाओं के साथ भेदभाव जारी है। वेबमीडिया की आचारसंहिता नहीं बनी है। वेब पत्रकारों को सरकारों द्वारा अधिमान्यता नहीं मिल रही है। वेब पत्रकारों पर हमले बढ़ रहे हैं। कोई संगठन या मंच नहीं है।

उपयुक्त बिंदुओं के आलोक में हमने आज नई दिल्ली में ‘वेब संपादक स्नेह मिलन एवं परिचर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया है।

प्रवक्ता के चार वर्ष पूरे हुए हैं। गत चार वर्षों की निरंतरता के लिए इसके प्रबंधक श्री भारत भूषण, सुधी पाठकों एवं विज्ञ लेखकगण के प्रति आभार।

आप सबसे निर्मम आलोचना की अपेक्षाओं के साथ- 

आपका,

संजीव कुमार सिन्हा

संपादक

प्रवक्ता डॉट कॉम

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संजीव कुमार सिन्‍हा
2 जनवरी, 1978 को पुपरी, बिहार में जन्म। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक कला और गुरू जंभेश्वर विश्वविद्यालय से जनसंचार में स्नातकोत्तर की डिग्रियां हासिल कीं। दर्जन भर पुस्तकों का संपादन। राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर नियमित लेखन। पेंटिंग का शौक। छात्र आंदोलन में एक दशक तक सक्रिय। जनांदोलनों में बराबर भागीदारी। मोबाइल न. 9868964804 संप्रति: संपादक, प्रवक्‍ता डॉट कॉम

20 COMMENTS

  1. प्रवक्ता के शानदार, गौरवपूर्ण व सफल चार वर्ष पूरे करने पर हार्दिक बधाई. इसका श्रेय संपादक और प्रवक्ता टीम को जाता है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके इसे स्तरीय पत्रिका बनाया है. यह एक अनूठी उपलब्धि है. प्रवक्ता ने वह काम कर दिखाया, जो किसी दूसरी वेब पत्रिका के लिए असामान्य सी बात है. इसके खूबसूरत भविष्य के लिए मेरी अनंत,अशेष शुभकामनाएँ.

  2. बहुत ही उपयोगी और पठनीय सामग्री पढने को हमें मिली है…मिलती रहेगी…सराहनीय है आपके प्रयत्न और कोशिशें …शुभ-कामनाएं दिल से…

  3. ====>राष्ट्रभाषा समृद्ध हो, हिंदी में विचार-विमर्श हो।<====
    जैसे जैसे प्रवक्ता सफलता के शिखर चढता रहेगा,
    (१) विरोधक किसी न किसी छद्म रूपमें–
    (२) लेखक या आलोचक टिप्पणीकार का चोला पहन –
    (३) प्रारंभ में स्तुति प्रशंसा युक्त लेखन से विश्वास सम्पादन कर-
    (४) धन-मान-सत्कार इत्यादि का भी आयोजन कर-
    (५)अंत में आपको प्रवंचना देंगे। प्रवक्ता को भी ऊंची बोली का प्रस्ताव होगा।
    साम्प्रत संसार के इतिहास (रीसेंट हिस्ट्री) का अवलोकन दिखा देगा, कि, संचार माध्यम पहले बिक जाते हैं, देश उस के पश्चात। भारत ने तो अनुभव ही कर लिया है।
    —भारत का समाचार तंत्र, प्रायः १० वर्ष पहले बिका था, परिणामतः "भ्रष्टाचार का भास्मासुर" आपकी दृष्टि समक्ष है।
    चौकन्ना रहना है आपने।
    आदर्श परम्परा को टिकाने के लिए भी -संपादन किया जाना चाहिए। छपती हुयी सामग्री से भी आपका स्तर आंका जाता है। टिप्पणियों से भी कुछ मात्रामें स्तर का मूल्यांकन होता ही है।
    -चार वर्ष की सफलताएं, वर्धमान चंद्र कला की भाँति प्रवक्ता बढता रहे।
    आप का समर्पित योगदान, और कटिबद्धता पारदर्शी रूपसे प्रवक्ता में व्यक्त हो ही जाती है।
    बहुत बहुत बहुत बधाई

  4. प्रवक्ता के संपादक और सहयोगियों को हार्दिक बधाई.
    prakash chandalia
    Editor- Rashtriya Mahanagar, Kolkata

  5. प्रवक्ता के संपादक और उनके सहयोगियों को हार्दिक बधाई.

  6. चरखा परिवार की ओर से प्रवक्ता के संपादक श्री संजीव कुमार सिन्हा जी को हार्दिक बधाई. चार वर्षों में उनके कठिन मेहनत और लगन के कारण ही आज प्रवक्ता सबसे अधिक पसंदीदा वेब पत्रिका का स्थान प्राप्त कर चुका है…….
    शम्स तमन्ना
    सह संपादक
    चरखा
    मो. 09350461877
    http://www.charkha.org

  7. प्रवक्ता.कॉम के सृजनहार को चार साल पूरे होने पर क्रांतिकारी अभिवादन.
    धर्म,राजनीति,भाषा,ब्याकरण,शिल्प का बेहतरीन मंच है आपका प्रवक्ता.कॉम.
    देश की ,विदेश की सामाजिक,आर्थिक,राजनैतिक और ऐतिहासिक परिद्र्ष्टियों का न केवल सम दृश्टि से आकलन किया गया बल्कि नित नई ऊँचाइयों को छूने की उमंग प्रवक्ता.कॉम के सम्पादकों /प्रबंधकों में परवान चढ़ती रही.अपनी अपार सफलताओं के वावजूद किसी तरह का दर्प या अहंकार आप में नहीं दिखा …साधुवाद….बधाई…..

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