सज्जन है गोट

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इधर अमिताभ बच्चन अम्बानी की बेटी की शादी में बारातियों को खाना परोसते नजर आए तो केटरिंग सर्विस वालों की बांछे खिल उठीं।लाजपत नगर का एक बंदा कह रहा था कि हम अमिताभ को अपनी बुकिंग में सलाद के टेबल पर बैठाएंगे।कोई उनसे इत्र छिड़कने का तो कोई शादी में  आइसक्रीम सर्व करने हेतु अनुबंधित करने को सोच रहा है।अमिताभ के इन सद्गुणों को देखकर आमिरखान भी उनके पीछे पीछे खाना परोस रहे हैं।अमिताभ और आमिर ये साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि वे ही हिंदुस्तान के असली ठग हैं।इन्होंने तो कमाल ही कर दिया अम्बानी की बेटी की शादी में जाते हैं और पीरामल की राजस्थानी परंपरा सज़्ज़न गोट निभाते हैं ।लोग कहते हैं कि इन लोगों ने अम्बानी को ठगने की कोशिश की तो उनके मारवाड़ी समधी ने इनका टेस्ट लिया कि मुकेश अम्बानी जो हजार करोड़ की महाभारत बना रहे हैं उसमें आमिरखान कृष्ण का,अमिताभ भीष्म पितामह का और अभिषेक के दुर्योधन के रोल का जुगाड़ कर लिया ।इन तीनों ने बड़ी सज्जनता से अपनी गोट फिट कर ली।फिल्मी पंडित हैरान हैं कि जिस आमिर खान को बीवी की सलाह पर ही इस देश में डर लगने लगता है वो सुदर्शनचक्र धारी  कृष्णबनकर इस देश की जनता को कैसे सुरक्षा का एहसास दिलाएंगे।लगता है आमिरखान ये साबित करेंगे कि वो ही ठग ऑफ हिंदुस्तान हैं।उनकी बीवी ने जरूर उनके डर को दूर करने के लिये कोई उत्पाद चुना होगा जिसे वो स्नेपडील पर बतायेंगे।

वैसे अमिताभ का मानना है कि वो फ़िल्म फ्लॉप हो गयी तो क्या हुआ वो भी ठग आफ हिंदुस्तान हैं और किस ब्रांड का कौन सा पेय पीने से ताकत आती है और डर भाग जाता है ये बताने का अधिकार सिर्फ उनका है।मगर बुरा है डर भगाने वाले इन पेय पदार्थों को बनाने वालों का जो सलमान खान से कहलवाते हैं कि डर के आगे जीत है।इधर कांग्रेस पार्टी इस बात से नाराज है कि अमिताभ ने प्रियंका गांधी के विवाह में गेट पर खड़े होकर सिर्फ मेहमानों का स्वागत क्यों किया जबकि वो पूड़ी-सब्ज़ी परोसने में भी महारत रखते हैं उधर अमर सिंह भी पछता रहे हैं कि खामखां अमिताभ से दोस्ती तोड़ ली ,उनके घर शादी-विवाह में अमिताभ से लिज्जत पापड़ बंटवाते।और अमिताभ इस ब्रांड का खुशी खुशी प्रचार करते ।

कल एक नारीवादी बता रही थीं कि गोट सज़्ज़न ही होता है चाहे ही गोट या शी गोट।वो नारीवादी दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग विशेषज्ञ थीं।वो खुद तो आईएएस नहीं बन सकीं आजकल दूसरों को बना रही हैं।कि कैसे मुखर्जीनगर में डेढ़ लाख की कोचिंग पढ़ने वाला हीगोट बड़ी सज्जनता से किसी साढ़े बारह हजार की कोचिंग पढ़ने वाली किसी शीगोट के इश्क़ में पड़कर उसे अपने यूपीएससी कोचिंग के एक्ससीलुसिव नोट्स दे देती है जिसे वो अपने पटना के प्रेमी,और आरा में मौसी के बेटे-बेटियों को और बेगूसराय में अपने पूरे मोहल्ले को बांट देती है ।और वो हीगोट, उस शीगोट से बड़ी सज्जनता से हमेशा ठगा जाता है और अंत में बेबी उसे बकरा बनाकर उसे गधे की दुलत्ती मारकर उसी के नोट्स पर आइएयस बनकर एक आईएएस से विवाह कर लेती है।अब इधर ये सज़्ज़न ज़ोचते हैं कि ये गोट हैं या गधा और फिर मुखर्जीनगर में कोचिंग पढ़ाना शुरू कर देते हैं और नए गधों की तलाश शुरू कर देते हैं।

इधर हमारे हमसाया मुल्क पाकिस्तान में अजीब वाक्आ हो गया है ,लाहौर पुलिस की वसूली से त्रस्त होकर एक बंदे ने वो राह निकाली जिसे पूरे पाकिस्तान की अवाम ने सर माथे पर बिठा रखा है।अंदाज़ा ना लगाएं साहब कि इस बार पाकिस्तानी कौन से किस्म का आतंकवाद किस तरह फैलाएंगे और कौन से नए देश से कटोरा उठा कर किस नए तरीके से भीख मांगेंगे।इस बार वो भारत से गधों की तस्करी कर रहे हैं।गुजरात से गधे मंगाए जा रहे हैं।पाकिस्तान में गधों की संख्या तिरपन लाख पार कर चुकी है।ये स्वरोजगार का अच्छा माध्यम है माल और बंदे ढोने में।ट्रैफिक पुलिस की वसूली, आरटीओ के रोजाना के वसूली से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है ये।सिपाही और चालान बुक वाले मन मसोस कर रह जाते हैं कि फाइन कैसे लगायें।इस नवाचार में पाकिस्तान ने इतनी तरक्की की अब वहां की सरकार ने गधा देखभाल केंद्र और गधों के अस्पताल खोलने शुरू कर दिए हैं।पाकिस्तान इसे अपने जम्हूरियत की जीत बताता है कि उसने अवाम के अलावा गधों के लिये भी अस्पताल खोल रखे हैं इमरान खान की इस नीति पर अवाम बिलबिला कर कहती है कि या अल्ल्लाह हम बंदे की बजाय गधे होते तो हम भी बिजली पानी अस्पताल पाते।अवाम का एक बहुत बड़ा हिस्सा वहां की जनगणना में खुद को गधा कह दर्ज करवा रहा है वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के किसी बंदे को हाफ़िज़ सईद बम फोड़ने की ट्रेनिंग देकर भारत भेजेंगे और भारत की अदालतों में जब मुकदमा चलेगा तब पाकिस्तान  यूनाइटेड नेशन में प्रस्ताव लाएगा कि हमारे गधों का मुकदमा इंसान ना सुने ये पाकिस्तानी गधों के साथ अन्याय है।भारत सरकार पाकिस्तान में गधों की बढ़ती डिमांड से बहुत खुश है उसने पाकिस्तान को संदेश भेजा है कि तस्करी की क्या ज़रूरत हम आपको गधे मुफ्त भिजवा देंगे बाघा बॉर्डर से बस शर्त ये है कि एक गधे के साथ आपको एक इंसानी गधे को लेना पड़ेगा।

पाकिस्तान में गधे जाएंगे ये सोच कर भारत के इंसानी गधे बहुत खुश हैं सबको लगता है कि इस वर्ष कुछ इंसानी गधे पाकिस्तान की यात्रा करके लौटे तो उनका  कैरियर बन गया,लेकिन वो ये नहीं जान पाए कि उनकी वजह से जिनका कैरियर बन गया ,उन्होंने उनको दुलत्ती मार दी और आखिर अब वो गधे के गधे ही रह गये।गधा भी अजीब प्राणी है  भारत मे हो या पाकिस्तान में उसे डर नहीं लगता।लेकिन जो डर रहे हैं भारत में उन्हें गधा तो माना जायेगा लेकिन उनका निर्यात पाकिस्तान हर्गिज़ नहीं किया जायेगा।क्योंकि बाउंसर की सुरक्षा में रहने वाले डरपोक गधों को पाकिस्तान ने लेने से मना कर दिया है हां अगर भारत सरकार उन्हें गोट कह दे तो पाकिस्तान बड़ी सज्जनता से लेगी।वैसे मुखर्जीनगर में गोट ऑफ द ईयर और सियासत में वैशाखनंदन ऑफ द ईयर की तलाश शुरू हो चुकी है ,वोटिंग जारी है ,मैं बैंक से होम लोन लेने गया था ।मैनेजर को पता लगा कि ये लेखक है तो उसने तुरंत फ़ाइल रिजेक्ट कर दी लेकिन चाय -पान से मेरा स्वागत करके एक शेर सुनाने का अर्ज़ किया।फ़ाइल लेकर उसे दर्दे दिल सुनायामुझ गदा को रुखसत किया देकर जो इत्र पानफांका तो टूटा नहीं हां इज़्ज़त अफजाई हुई।मैनेजर हंसते -हंसते बेहाल हो गया मैं समझ गया मैंने उससे कहा जी मैंने गदा कहा है गधा नहीं जिसका मतलब बेबस आदमी होता है ।लेकिन मैनेजर तब तक हंसता रहा जब तक मैं वहां से शर्मा कर चला ना आया।

आज सुबह से पत्नी नाराज थी।मैंने पूछा “बात है डार्लिंग”।पत्नी झलल्लाते हुए बोली “सुन लो ही गोट, जाकर ही गोट का मीट ले आओ ,कद्दू-लौकी खाकर दिमाग खराब हो गया है”।मुझे बहुत डर लगा कि कहीं बेटे के सामने ये मुझे गधा ना कह दे तो मेरी मिट्टी पलीद हो जाये वैसे कहती वो मुझे गोट है मग़र समझती गधा है।इसलिये मैं वहां से ऐसे गायब हुआ जैसे गधे के सिर से सींग।रास्ते में सामने से उसी बैंक के मैनेजर मिल गया जिसने फ्रेंच कट दाढ़ी लटका रखी थी और बिल्कुल गोट नजर आ रहा था।

उसे हंसते देखकर मैन खिसकना चाहा तो उसने ठहाका लगाते हुए पुकारा”अरे,गधा सर कैसे हैं लोन मिला आपको”। आसपास के लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे जिन्होंने गधा और कर्जदार दो विशेषण वाला प्राणी एक साथ जो देख था।।

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