एल आर गाँधी
प्यार में मशगूल ‘खान’ मियां असलम ‘धर लिए गए ….. एक कुतिया के साथ झाड़ियों में छिपे वहशीता कर रहे थे ….. हलाला करते करते हलाल कर बैठे ! मरती हुयी कुतिया की छटपटाहट को झाड़ियों में किसी ने देख लिया।
२२ वर्षीय असलम खान दो दिन पूर्व ही दिल्ली से हैदराबाद पहुंचे थे , बेचारा मज़दूरी से गुज़र बसर करता था। … केजरी की दिल्ली में गरीब का निक़ाह ना मुमकिन सा है ….. हम मजहबियों की आधी आबादी वाला हैदराबाद निकाह के लिए ज़्यादां मुफीद है ….. गरीब के लिए सबसे बड़ी दिक्कत अपने मज़हब में ही है। एक सामर्थ मुस्लिम ४-४ शादियां कर सकता है और तीन तलाक के बूते यह गिनती चाहे तो तीस तक ले जाए। इस्लाम में रखैलें उतनी रखी सकती हैं जितनी की एक शख्स की ‘कूवत ‘ हो। ऐसे में गरीब बेचारा कहाँ जाए ? झाड़ियों में ?
अब असलम मियां पर सैकुलर सरकार के क़ानून , पशुओं के साथ क्रूरता के तहत कार्रवाही होगी … सात साल तक कैद भी हो सकती है। जहाँ तक इस्लामिक क़ानून के तहत सज़ा का सवाल है , रसूल ने तो दोनों के लिए सज़ाए मौत का फरमान नाफ़िस किया था। पीड़ित पशु को मृत्यु दंड इस लिए कि ऐसे पशु का मांस खाया नहीं जा सकता !
मुस्लिम देशों में ऐसी वहशीता का बहुत प्रचलन है ….. और सुविधा के अनुरूप ही सज़ा या मज़ा का चलन है। अफगानिस्तान में एक सैनिक ने एक गधे के साथ पशुगमन किया। उसे महज़ चार दिन कैद की सज़ा मिली और छूट गया। हमारे पडोसी देश ‘पाक ‘ के पश्चिमी पंजाब ,खैबर ,पख्तूनवा ,बलोचिस्तान आदि में पशुगमन का आंम प्रचलन है …….. एक सुनसान मज़ार में दो युवक एक बकरी के साथ वहशीता करते पकडे गए …. दोनों को पीठ के नीचे १० चित्तार (जूते) की सज़ा मिली। एक अल्लाह का बंदा ‘दधी ‘ के साथ पकड़ा गया …. ५०००० हज़ार का जुरमाना इस लिए नहीं कि उसने वहशीता की , बल्कि इस लिए कि गधी वयस्क थी और सज़ा व्यभिचार
के जुर्म की थी ….. मालिक ने गधी को ऑनर मृत्यु दे दी !
पडोसी ‘पाक ‘ में यूं तो अधिकाँश पोर्न साइट्ज़ बैन हैं , मगर ऐसी साइट्ज़ सर्च करने में ‘पाक’ विश्व में नम्बर एक भी है !!!!!!!