हेडलाइंस टुडे के खिलाफ संघ का जोरदार प्रदर्शन

विडियोकॉन टॉवर से आँखों देखी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को टीवी टुडे समूह से जुडे़ न्यूज चैनल आज तक एवं हेडलाइंस टुडे और एक अंग्रेजी समाचार पत्र मेल टुडे के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। संघ कार्यकर्ताओं ने आज तक और हेडलाइंस टुडे को हिंदू विरोधी चैनल बताते हुए चैनलों के खिलाफ अपने रोष का लोकतांत्रिक ढंग से प्रदर्शन किया।

विडियोकॉन टॉवर के प्रवेश द्वार में घुसते समय हुई धक्का-मुक्की और पुलिस के साथ झड़प की घटना को छोड़कर प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा। किसी भी कार्यकर्ता के हाथ में न तो डण्डे थे और न ही लाठियां। निहत्थे सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने टीवी टुडे समूह के समाचार चैनलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली के प्रांत संघचालक श्री रमेश प्रकाश, सह प्रांत संघचालक श्री श्यामसुंदर अग्रवाल के नेतृत्व में करीब एक हजार कार्यकर्ताओं के जुलूस ने सायंकाल विडियोकॉन टावर स्थित हेडलाइंस टुडे के कार्यालय के भूतल स्थित मुख्यद्वार के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी शुरू की। कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखीं थीं जिन पर चैनल विरोधी नारे लिखे हुए थे।

‘हेडलाइंस टुडे हाय-हाय’, वंदे मातरम, भारत माता की जय, आर.एस.एस का अपमान- नहीं सहेगा हिंदुस्तान आदि नारे लगाते हुए कार्यकर्ता विडियोकॉन टावर के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर सायंकाल करीब 5 बजे के आस-पास एकत्रित होना शुरू हुए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, संघ ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की सूचना पहले से ही स्थानीय पुलिस प्रशासन और हेडलाइंस टुडे के संपादकीय विभाग को दे रखी थी।

मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर अभी प्रदर्शन चल ही रहा था कि तकरीबन 5.30 बजे सायंकाल लगभग हजार की संख्या में लोग जुलूस की शक्ल में विडियोकॉन टावर की ओर बढ़े। इस जुलूस में शामिल लोगों में कुछ लोग बहुत आक्रोशित थे। उनका कहना था कि हेडलाइंस टुडे राष्ट्र समर्पित संगठन आर.एस.एस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है। उसके वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आतंकवाद से जोड़ना पूरी तरह से निराधार है।

भीड़ में शामिल कुछ लोग हेडलाइंस टुडे के संपादक से मिलकर शिकायत दर्ज कराने की मांग करने लगे। वहां उपस्थित आर.एस.एस के वरिष्ठ लोगों ने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, हमें यहां केवल धरना देना है। लेकिन भीड़ में शामिल लगभग 40-50 लोगों का समूह वरिष्ठ लोगों की अनदेखी करता हुआ मुख्य द्वार के भीतर घुसने का प्रयास करने लगा।

चूंकि विडियोकॉन टॉवर लगभग तेरह मंजिला ऊंची इमारत है। इस इमारत में न केवल आज तक, हेडलाइंस टुडे, मेल टुडे, दिल्ली आज तक का कार्यालय है वरन् आईडीबीआई, आईसीआईसीआई जैसे प्रतिष्ठित बैंक समेत दर्जनों अन्य अर्ध सरकारी, गैर सरकारी दफ्तर भी इस तेरह मंजिला भवन में स्थित हैं। आज तक और हेडलाइंस टुडे का दफ्तर भवन की चौथी मंजिल, पांचवी, छठी, बारहवीं और तेरहवीं मंजिल पर स्थित हैं।

भीड़ में शामिल लोगों की बातचीत और हाव-भाव से स्पष्ट दिख रहा था कि उन्हें इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी कि आज तक अथवा हेडलाइंस टुडे का कार्यालय टॉवर के किस तल (फ्लोर) पर है। दूसरे विडियोकॉन टॉवर के प्रबंधन ने एहतियातन ऊपर जाने वाली सभी लिफ्ट को पहले ही बंद कर दिया था। यही कारण है कि मुख्य प्रवेश द्वार के अंदर घुसने के बाद उन्हें यह भी नहीं समझ आया कि वे क्या करें।

ऊपर जाने के लिए लिफ्ट की सुविधा बंद होने के कारण आवेशित कार्यकर्ताओं का दल वापस लौटने को बाध्य हो गया। लौटते समय भूतल पर स्थित स्वागत टेबल, टी स्टॉल और आईडीबीआई बैंक आदि दफ्तरों से जुड़े सूचना पट आदि धक्का-मुक्की में बिखर गए। एक उग्र व्यक्ति ने टी स्टॉल पर रखे गए झाडू या कहें वाइपर को हवा में उछाला। लेकिन तत्काल संघ के कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं जिसमें मुकेश कुमार, सह प्रांत कार्यवाह प्रमुख थे, ने उस व्यक्ति को डांटकर बाहर निकाल दिया। एक-आध मिनट के अंदर ही सभी लोगों को संघ के वरिष्ठों ने समझा-बुझाकर मुख्य द्वार से बाहर निकाल दिया। इस मध्य उपस्थित पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। जाहिर है कि संघ के बड़े-बुजुर्गों की उपस्थिति ने मामले को ज्यादा बिगड़ने नहीं दिया।

भगदड़ और बेतरतीबी का यह समूचा माज़रा कुछ मिनटों में ही निपट गया। लेकिन हेडलाइंस टुडे के खिलाफ गुस्से का इज़हार मुख्य द्वार के बाहर ज़ारी रहा। सैंकड़ों लोग धरने पर बैठ गए जिन्हें प्रांत संघचालक श्री रमेश प्रकाश ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें किसी प्रकार से हिंसक या अराजक प्रदर्शन नहीं करना है। हमारा प्रतीकात्मक विरोध हेडलाइंस टुडे के खिलाफ आज सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है लेकिन यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ किन्हीं पूर्वाग्रहों और राजनीतिक षडयंत्र के अन्तर्गत इसी प्रकार से दुष्प्रचार अभियान चलता रहा तो संघ के कार्यकर्ता लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रखेंगे और आवश्यकता पड़ी तो ऐसे हिन्दू विरोधी समाचार चैनलों के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। धरने को प्रांत प्रचार प्रमुख रविंद्र बंसल, प्रांत कार्यवाह विजय कुमार, सह कार्यवाह मुकेश कुमार ने भी संबोधित किया।

बाद में कार्यकर्ताओं ने समूचे विडियोकॉन टॉवर को मानव श्रृंखला बनाकर घेरने की कोशिश भी की लेकिन भारी पुलिस बल आ जाने के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। फिर भी विडियोकॉन टॉवर के अगल-बगल दोनों तरफ कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। इस बीच एसीपी पुष्पेंद्र कुमार के द्वारा कुछ कार्यकर्तोओं को अपशब्द बोले जाने से कार्यकर्ता पुनः उग्र हो गए। दोनों ओर से भीषण गरमा-गरमी शुरू हो गई। पुलिस ने नारेबाजी कर रहे अनेक कार्यकर्ताओं को जबरन खींचकर अपने कब्जे में ले लिया और लाठियां पटकनी शुरू कर दी। इस लाठी-पटक में अनेक कार्यकर्ताओं की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की और चार कार्यकर्ताओं को पकड़कर विडियोकॉन टॉवर के अंदर अपनी गिरफ्त में ले लिया।

इस संवाददाता ने अपने कानों से एसीपी पुष्पेंद्र कुमार को यह कहते सुना- “सालों को बीच से काटो।…जितने मिलें…उठाकर बंद करो…।” कुछ पुलिस कांस्टेबल यह कहते हुए आने-जाने वालों की धरपकड़ करने लगे “…अरे बंद करो सालों को…मुकदमा भी तो लिखड़ां है… क्या लिखोगे…किसकी गिरफ्तारी दिखाओगे।”

इतना सुनना था कि अपने गंतव्य की ओर वापस लौट रहे कार्यकर्ता आग-बबूला हो गए। फिर से विडियोकॉन की घेरेबंदी शुरू हो गई। यह सारा प्रकरण शाम को उस समय तक चलता रहा जब तक कि कार्यकर्ताओं को यह विश्वास नहीं हो गया कि पुलिस की गिरफ्त में उनके बीच का कोई व्यक्ति नहीं है। समाचार लिखे जाने तक संघ के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के पहाड़गंज थाने पहुंचने की सूचना मिली है। फिलहाल टीवी टुडे या हेडलाइंस टुडे की ओर पुलिस में किसी के खिलाफ कोई एफ.आई.आर. दर्ज कराने की सूचना नहीं है। हां, मीडिया चैनलों पर जरूर आज तक, दिल्ली आज तक और हेडलाइंस टुडे समेत अनेक समाचार माध्यमों ने आरएसएस के विरुद्ध वाक्-युद्ध छेड़ दिया है।

6 COMMENTS

  1. यह तो सच है की एन-डी-टी-वी- खबरो को ज्यादा ही मिर्च लगा कर दिखाती है. हिन्दु मान्यताओ को अपमानित करने मे ज्यादा जोश दिखाती है जैसे रेकी, मत्रोच्चार, आदि अनेक आस्थाओ का सनद एड्मार्कू महोदय के द्वारा खन्ड्न करवाना.

  2. Rajesh kapøør ji. Zara ye btaiye 1992 ke dange, gujrat dange to ham sabhay logo ne hi kiye hein. Khair ye to wahiyat baten hen qki khare na hum hen na muslim hen na sikh na isaaee.
    Lekin sikh to hindu thay 84 me kya hua. Sena me hamare afsar bik rahe hen wo muslim nahee hen na. Porn pictr bnane me l.conl. Fans raha he. Haryana k i.g. Apne mahila afsar se bdtamizi kar rahe hen. Ye mein bhi gina sakti hun. Fir aap ginayge fir me. Hum apni energy isi me tabah kar rahe hen or karte rahenge. Aap fatwo k bare me kya jante hen. Fatwe kon deta h. Kya manyata h uski. Kon follow karta h. Kitna prbhav h uska kuch ye bi to likha karen. Had h ki 84% hindu bahul 13% logo se ghabrate hue pardarshit karna apki aadat me shamil he. Kapoor sahab ek baat aur agar yahan itna kuch hua hota to ye aankda aaj ulta hota agar islamic shashak itne berahm hote to hum hindu to viluptpray hote na. Esa kuch nahee he jis dhara me kuch log beh rahe hen wo bina sir pair ki baten karne wala sangathan h. Logo me bhay faila kar samaj ko todne wala h. Uske bare me avi koi baat karne ka moka ni he fir kbhi karenge. Aap jis itihas ki baat karte ho wo bhagwa itihas hai. ek baat aur jinna log do bhai thay ek tha jinna dusra RSS jinna desh tod gaya rss ko chod gaya wo ab hmko tod raha hai

  3. विश्वास से कहा जा सकता है कि भारत की आज़ादी के बाद भी कोई ताकते है जो भारत की मूल सस्क्रिति के खिलाफ़ बडे जोर-शोर से काम कर रही है. तभी तो जो एक चुहा भी नही मारते उन हिदुओ की तुलना निर्मम हत्याये करनेवाले आतकवादियो से की जाती है. सारे सम्प्रदायो को शरण देने वाले, सबसे सहिश्नुता का व्यवहार करने वाले हिन्दुओ को साम्प्रदायिक कहा जाता है.
    घोर साम्प्रदायिक, लाखो की हत्याओ के ज़िम्मेवारो पर कोई उगली तक नही उठती.
    क्या बात है ये, माजरा क्या है ?
    एक ही बात है न कि इस देश को अपनी पुण्य भूमी, धर्म भूमी और कर्म भूमी मानने वाला समाज ही विदेशी लुटेरो के रास्ते का रोडा है. अतः उनका सफ़ाया येन-केन प्रकारेण किया जा रहा है. सबसे बडी समस्या तो वे हिन्दु है जो प्रचार तन्त्र का शिकार बनकर इस सच को नही देख रहे और अपने विनाश का सामान अपने खुद के हाथो कर रहे है.
    पर जिनके रक्षक स्वयम राम-वैदेही हो उन अमर पुत्रो को कोई क्या मिटायेगा. १३-१४ सौ साल मे तो मिटा नही सके, अब क्या मिटायेगे, इस कोशिश मे खुद हि मिट जयेगे. यही नीयती है. यह समाज आज भी अक्षुण है, कई मि्टानेवाले आये और खुद मि्टगये.

  4. deep sharmaa ji sach yah hai ki keral main prashna patra banaane wale adhyaapak ka haath sirf isliye kaat diyaa gayaa ki us bechaare ne ek khaas mazhab kii pasand ke khilaaf koi shabd likha thaa.
    aap sareekhon ki nazar mein to we secular hi honge ?
    sainkdon saal se anyaay, pratadnaa, atyaachaar, balatkar sahnewaale hindu samaaj ne aajtak kitne hatyaakand kiye ? kitne fatwe jaari kiye ? kitnon kii hatyaayen kin ? zaraa aankdon aur tathyon ke aadhaar par baat karen, fir dekhen ki aapkii baat mein kitnaa dam hai.
    Tarun Vijay ji ka lekh isii patrikaa mein padh len,
    for kuch kahen. AApki baat mein dam hogaa to sab maanenge n. Kewal ye kahdenaa ki galat hai, yah kaafii nahin. Media walon ki wishwasniytaa to kabhii kii sandehaaspad ban chukii hai.Unpar to ek seemaa tak hi,wah bhii soch-samajhkar hii wiswas karsakte hain.

  5. Jhoot likha hai aapne. Puri duniya me kaee logo ne video dekhi hai vahan par tod fod huee. Aur nuksan pahuchaya gaya. Aajkal sangh ki bjp drama kar rahi hai. Bhartiye sanskirti ko bachane ke liye love couple ko maar rahi hai road par. Aap log jhut qun likhte ho. Jabki satya logo ko pata hota hai. Ek astaya laikh jisse koi ummeed nahee ki ja sakti. Mahoday vichardhara me na behkar satay likha karen.

  6. मीडिया हिन्दू विरोधी क्यों है ?

    आप के दिमाग में भी कई बार यह सवाल उठता होगा, इसका जबाब इन रिश्तो में है :

    सुज़ाना अरुंधती रॉय, प्रणव रॉय (नेहरु डायनेस्टी टीवी- NDTV) की भांजी हैं।
    -प्रणव रॉय “काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशन्स” के इंटरनेशनल सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं।
    -इसी बोर्ड के एक अन्य सदस्य हैं मुकेश अम्बानी।
    -प्रणव रॉय की पत्नी हैं राधिका रॉय।
    -राधिका रॉय, बृन्दा करात की बहन हैं।
    -बृन्दा करात, प्रकाश करात (CPI) की पत्नी हैं।
    -प्रकाश करात चेन्नै के “डिबेटिंग क्लब” के सदस्य थे।
    -एन राम, पी चिदम्बरम और मैथिली शिवरामन भी इस ग्रुप के सदस्य थे।
    -इस ग्रुप ने एक पत्रिका शुरु की थी “रैडिकल रीव्यू”।
    -CPI(M) के एक वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी की पत्नी हैं सीमा चिश्ती।
    -सीमा चिश्ती इंडियन एक्सप्रेस की “रेजिडेण्ट एडीटर” हैं।
    -बरखा दत्त NDTV में काम करती हैं।
    -बरखा दत्त की माँ हैं श्रीमती प्रभा दत्त।
    -प्रभा दत्त हिन्दुस्तान टाइम्स की मुख्य रिपोर्टर थीं।
    -राजदीप सरदेसाई पहले NDTV में थे, अब CNN-IBN के हैं (दोनों ही मुस्लिम चैनल हैं)।
    -राजदीप सरदेसाई की पत्नी हैं सागरिका घोष।
    -सागरिका घोष के पिता हैं दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक भास्कर घोष।
    -सागरिका घोष की आंटी रूमा पॉल हैं।
    -रूमा पॉल उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं।
    -सागरिका घोष की दूसरी आंटी अरुंधती घोष हैं।
    -अरुंधती घोष संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि हैं।
    -CNN-IBN का “ग्लोबल बिजनेस नेटवर्क” (GBN) से व्यावसायिक समझौता है।
    -GBN टर्नर इंटरनेशनल और नेटवर्क-18 की एक कम्पनी है।
    -NDTV भारत का एकमात्र चैनल है को “अधिकृत रूप से” पाकिस्तान में दिखाया जाता है।
    -दिलीप डिसूज़ा PIPFD (Pakistan-India Peoples’ Forum for Peace and Democracy) के सदस्य हैं।
    -दिलीप डिसूज़ा के पिता हैं जोसेफ़ बेन डिसूज़ा।
    -जोसेफ़ बेन डिसूज़ा महाराष्ट्र सरकार के पूर्व सचिव रह चुके हैं।
    -तीस्ता सीतलवाड भी PIPFD की सदस्य हैं।
    -तीस्ता सीतलवाड के पति हैं जावेद आनन्द।
    -जावेद आनन्द एक कम्पनी सबरंग कम्युनिकेशन और एक संस्था “मुस्लिम
    फ़ॉर सेकुलर डेमोक्रेसी” चलाते हैं।
    -इस संस्था के प्रवक्ता हैं जावेद अख्तर।
    -जावेद अख्तर की पत्नी हैं शबाना आज़मी।
    -करण थापर ITV के मालिक हैं।-ITV बीबीसी के लिये कार्यक्रमों का भी निर्माण करती है।
    -करण थापर के पिता थे जनरल प्राणनाथ थापर

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