हिंदुस्तान में हिंदी का हाल व भविष्य

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आर के रस्तोगी  

मेरे देश में मेरा ही बुरा हाल है
विदेशी भाषा पर ठोकते ताल है
मेरे देश में मेरा ही सम्मान नहीं
फिर विदेशो में मेरा क्या होगा ?
जब अपने ही बोलने में कतराते है 
विदेशी मुझको क्यों अब बोलेगा ?
इंगलिश स्कूलों की भरमार यहाँ
हिंदी स्कूलों का क्या यहाँ होगा ?
अगर  ऐसा चलता रहा इस देश में
फिर हिंदी का नामो निशान न होगा

हिंदी भाषा का अन्धकार यहाँ
अंग्रेजी भाषा का उजियारा है
इंगलिश जहाँ गर्व से बोलते है
हिंदी का होगा बन्टाधार वहाँ
अंग्रेज चले गये इस देश से
फिर भी अंग्रेजी के गुलाम यहाँ
कब तक इसकी गुलामी सहोगे ?
इस प्रश्न का उत्तर दे कोई यहाँ

एक प्रश्न पूछता हूँ देश वासियों से
क्या कोई तुम्हारी अपनी भाषा नहीं ?
फिर विदेशी भाषा क्यों बोलते हो ?
क्या अपनी भाषा पर विश्वास नहीं
कैसे हिंदी का प्रसार होगा इस देश में ?
साल में 15 दिन प्रसार करते हो तुम
इससे हिंदी का प्रसार कभी होगा नहीं
इस बात को समझ लो अब सब तुम

अंग्रेजो का बहिष्कार किया था तुमने
अंग्रेजी का बहिष्कार करते नही तुम
क्या अपनी राष्ट्रभाषा से प्यार नहीं ?
दूसरी भाषाओ से प्यार करते हो तुम
आओ आज सब मिलकर प्रण करे हम
हिंदी भाषा में अपना काज काज करेगें
दूसरी भाषाओ का बहिष्कार करेगें हम
अपनी भाषा को ही अपनायेगे अब हम

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

1 COMMENT

  1. हिन्दी के लिए कुछ कीजिए —- सब जगह हम पिट रहे हैं :—— हिंद-ओमान दोस्ती जिंदाबाद !
    ??NAMOMAN ??

    जहां तक रिजल्ट्स और प्रोफार्मेनस की बात है : ———सुप्रभात मित्र — ओमान में हिन्दी पढ़ने वालों के उत्साहवर्धन के लिए क्या किसी अखबार या पत्रिका में छपवा सकते हैं :—– ————————हम सब के लिए अपार हर्ष की बात है कि session 2016-17 की st.-10 की बोर्ड परीक्षा में ISNका हिंदी रिजल्ट पूरे ओमान में सर्वोत्तम रहा है ( उदाहरण के लिए :—-

    In ISM school appeared students in Hindi subject = 316 & got A1 = 95, percentage = 30.06% !

    In ISN appeared students in Hindi = 24 & got A1 =16, percentage = 66.6%.!

    ( ज्ञातव्य हो कि ISM ISN तथा ओमान के अन्य इन्डियन स्कूलों का मदर स्कूल और इंचार्ज है तथा अब तक इन्डियन स्कूल मस्कट( ISM ) को ही ओमान का बेस्ट स्कूल माना जाता है ), प्राचार्य के प्रोत्साहन पर जहां तक हिन्दी के परीक्षाफल उपलब्ध हो पाए हैं भारत को छोड़कर ISN का रिजल्ट सभी इन्डियन स्कूलों में सर्वोत्तम रहा है =३०-11-17 को संपन्न हुए हिन्दी विभाग की प्रदर्शनी में भी अभिभावकों ने उक्त कार्यों ( पढ़ाई में मीडिया के साधनों आदि के यथासंभव सदुपयोग ) की तथा इतने छोटे स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के परीक्षाफल की भूरि-भूरि प्रशंसा की है !

    एक बार फिर सिद्ध हो गया कि भारत का हिंदी शिक्षण अनुभव सबसे उत्तम व परिमार्जित है !!———— पर स्केल रिवीजन के समय यहां के हिंदी विरोधी अधिकारी कहते हैं,” मैं इंडिया के अनुभव को नहीं मानता !” ???????

    ( डॉ. अशोक कुमार तिवारी – हिन्दी शिक्षक निजवा, ओमान अनेकों समस्याओं के बावजूद नज़दीकी गाँवों में ओमानियों तथा दक्षिण भारतीयों को हिन्दी सिखाने भी जाते हैं– गैर हिन्दी जन के लिए अलग से समय देकर , फ्री में हिन्दी अधिगम के कार्य पिछले दो सालों से लगातार करते आ रहे हैं ! ) |
    इस ऐतिहासिक परीक्षाफल के बाद मुझे कक्षा नौ के शिक्षण कार्य से अलग करके एक ऐसी मलयाली हिंदी शिक्षिका को हिंदी पढ़ाने का कार्य दे दिया गया जिन्होंने कभी नवीं-दसवीं में पढ़ाया नहीं था, कभी बोर्ड पेपर सेटिंग और बोर्ड कापियां भी चेक नहीं की हैं, न ही उन्हें हायर क्लास पढ़ाने की इच्छा है — मैनेजमेंट कमेटी और स्टाफ की मीटिंग में उन्होंने प्रेसिडेंट से सभी के सामने निवेदन भी किया था कि वे केवल कक्षा – १ से ५ तक ही पढ़ाना चाहती हैं पर हिंदी रिजल्ट्स खराब करने के लिए उनसे क्लास – ७ ८ ९ पढ़वाकर गैर हिंदी बच्चों का आधार खराब करके दसवीं में मुझे देकर अच्छे रिजल्ट्स की अपेक्षा की जाती है , फिर भी आप सभी के आशीर्वाद से २०१७-१८ के बोर्ड परीक्षा में मेरी पढ़ाई एक छात्रा ने जो तमिलनाडु की और तमिल भाषी है ९६% ( छियानवे प्रतिशत) लाई है ! इन सबके बावजूद मैं टीजीटी स्केल में हूं ( हिंदी विभाग में एक भी पीजीटी नहीं हैं जबकि बिना किसी उल्लेखनीय प्रोफार्मेंस के इंग्लिश डिपार्टमेंट में पांच पीजीटी हैं) — ???

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