हिंदी-संस्कृत-अंग्रेज़ी स्रोत

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डॉ. मधुसूदन

वैसे क-ग उच्चारण और ड द त का भी ऐसे ही बदला जाता है।

(७)MEDIUM: चौथा लेते है माध्यम जैसे प्रचार माध्यम –यही माध्यम अंग्रेज़ी में Medium( मिडीयम) बना हुआ है। इस मिडियम का बहुवचन मिडीया है। तो आज कल बहु चर्चित बिका हुआ मिडीया मिडीया हम करते रहते हैं। उसके बदले हमारा शुद्ध माध्यम शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।

एक और विशेष बात ध्यान में आयी है। कुछ अंग्रेज़ी के शब्दों को ध्वन्यानुसारी रीति से पढ़कर देखिए तो आपको उसके मूल जानने में सरलता होगी। एकाध उदाहरण से यह बिंदू विषद करता हूं।

(८) CENTRE: शब्द है Center (सेंटर) इसका इंग्लिश स्पेल्लिंग Centre होता है। अब C को स और क भी पढा जा सकता है। जब हम उसका क उच्चार करते हुए बोलेंगे, तो Centre को केंट्र ही पढे़ंगे। अब सोचिए कि यह केंट्र हमारे केंद्र के निकट है या नहीं।

(९) बीच की कडियों को अनुमानित करते हुए, एक सरल सूचि प्रस्तुत करता हूं। समझने में, आप को, कठिनाई नहीं होनी चाहिए।

चरित्र –> चारित्र्य –> चॅरेक्टर–> कॅरेक्टर–> Character, दंत —> डंट–> डेंट–>Dent —>Dentist, अस्थि से —> एस्टि –>Asteopath, एक –>(एकसा के अर्थ में ) —> Equal,

दौग्धार: (दूध दोहन करने वाली अर्थमें, कन्या ) –> डौग्ढर –> Daughter, मातृ–> मातर—>Mother, भ्रातृ—> भ्रातर—>Brother, विधवा—विडवा–>Widow, विधुर–>विडोर–> Widower. सुनू: —>Son, स्तभ—स्टप–>Stop, स्तब्ध —>Stopped, पथ—>Path, सुइ—> सुइंग–सोइंग–SowIng, हंत (जैसे अरिहंत)–> हंट–>Hunt, और, Hunter (शिकारी)

अक्ष–> अक्स–> Axis, अंश (एक १६ वा भाग ) –औंस –>Ounce.

और व्याकरण के आधार पर शब्द सूचि है। जो आगे कभी बताने का प्रयास करूंगा।

टिप्पणियों के लिए सभी का मनः पूर्वक आभार मानता हूं।

अगले ८-१० दिन प्रवास पर रहूंगा, प्रश्न-या टिप्पणी का उत्तर एक सप्ताह बाद दे सकूंगा।

7 COMMENTS

  1. प्रस्तुति अच्छी है. हिमवंत का कतः की “खास कर भारतीय भाषाओ की बात करे तो भोजपुरी, अवधि, मैथिली, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, राजस्थानी, गढवाली आदि भाषा के अधिकांश शब्द एक जैसे है।” क्योंकि संस्कृत सबों के मूल में है – या कहें संस्कृत कभी उनसे ही बना था जिसका प्रभाव उन पर पड़ता रहा है – पर “उन सब के अंग ले कर हिन्दी बनी है” कथन गलत है । हिन्दी नहीं संस्कृत इस एकात्मकता यात्रा की गति को तीव्र कर सकटी है ।

  2. हिमवंत जी, वर्णिका जी, और अभिषेक जी, –आपकी टिपण्णीयोnसे प्रभावित एवं उत्साहित अनुभव कर रहा हूँ| सभीका ह्रदय तलसे धन्यवाद|

    प्रवक्ता के पुराने निम्न संदर्भित लेख देख लें. —यह बिनती और आगे कुछ और प्रतीक्षा की बिनती करें|
    अभी प्रवास पर हूँ| संक्षेप में आपकी सेवा में —लिखता हूँ|
    प्रवक्ता पर ही प्रकाशित —–
    (१) ‘प्रवक्ता, प्रावदा, और प्रॉवोक’- संस्कृत स्रोत
    (२)हिंदी का भाषा वैभव (विशेष यह है)
    (३) सपताम्बर, अश्ताम्बर नवंबर दशअम्बर भी पढ़ ले|
    (४) इसी लेखका पहला भाग [ १ से ६ क्रम वाला} –भ्रष्ट हो गया है| फिरसे घर पहुंचकर भेजूंगा|
    पढ़ने की बिनती|
    आगे भी लेखों की प्रतीक्षा के लिए बिनती|

  3. कुछ एक shabd mujhe jaise
    matar-मदर-मदर
    पंथ-पाथ{इंग्लिस शब्द}-पथ{hindi शब्द}
    संत-सैंट{इंग्लिस शब्द}
    बहुत सुन्दर लेख है,मेने kahi par padha है ki ise बहुत se शब्द है जिन्हें संस्कृत से शीधे ही इंग्लिश में लिया है ,में उस किताब का नाम भूल रहा पर ये कुछ एक शब्द मुझे yaad है

  4. मधुसूदन जी बधाई! साधुवाद। ऐसे ही रवींद्रनाथ ठाकुर से अँग्रेजों के उच्चारण के कारण रवींद्रनाथ टैगोर हो गए। शिंदे से गलत होकर बना सिंधिया आदि। ऐसी चीजें भी प्रकाश में लाकर उन्हें और अन्य नामों को सही जगह प्रतिस्थापित करना एक अच्छी पहल होगी।

  5. अंग्रेजी, संस्कृत तथा अन्य कई विदेशी भाषाओ मे गजब की समानता है। हजारो उदाहरण देखने को मिलते है । कुछ जो ध्यान मे आ रहे है, वह लिख रहा हुं।

    अग्नि – इग्नी-tion ignition
    पितृ Pater Father
    द्वार – DOOR

    सिंगापुर वास्तव मे “सिंह-पुर” का अपभ्रंश है। देखे सिंगापुर का राष्ट्रिय चिन्ह एवम प्रमाणिक ईतिहास।

    इन बातो को देख कर लगता है की एक से अनेक बने हैं। क्या हम फिर से एक बनाने का कोई सार्थक प्रयास नही कर सकते। खास कर भारतीय भाषाओ की बात करे तो भोजपुरी, अवधि, मैथिली, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, राजस्थानी, गढवाली आदि भाषा के अधिकांश शब्द एक जैसे है। उन सब के अंग ले कर हिन्दी बनी है। क्या हम इस एकात्मकता यात्रा की गति को तीव्र नही कर सकते।

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