हिन्दू हिन्दुत्व को मिटाने का प्रयत्न कर रहा देकर स्वयं को धोखा

—विनय कुमार विनायक
आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
अब पहनने नहीं लगी साड़ी हिन्दुओं की नारियाँ
ब्याहता की मांग में सुहाग सिंदूर रेखा क्षीण हो गई
अब भाल में कम चमकती चंदन चर्चित गोल बिंदियाँ!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
सुहागन के हाथ में कम खनकने लगी हरी-हरी चूड़ियाँ
मंगलसूत्र नेकलेस कर्णफूल पहनने की प्रथा सिमट गई
बाजू में बाजूबंद नहीं, पैर में ना पायल और नहीं बिछियाँ
अब बेटियाँ बिकनी पहनने लगी, पेंटी छोटी,छोटी अँगिया!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
तिलक उपनयन चोटी धोती माथे पर पगड़ी
अब अवसर विशेष पर तन पर शोभायमान होते
सामान्य तौर पर सबके सब लुप्त हो गए हिन्दू धर्म से!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
सारा बदन हो गया श्रीहीन और छूँछा
अब बेटा-बहू माँ-पिता का चरण शायद ही छूता
अब छोटा भाई बड़े भाई को प्रणिपात नहीं करता
हिस्से और बँटवारे के अवसर पर
अनुज अग्रज को मारता है लात घूँसा और ठूंसा!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
हिन्दुओं में आपसी भाईचारा मर गया
अब सहोदर भाई-भाई के काम नहीं आता
साँप छछूंदर जैसा हो गया भाई बहन
साला बहनोई काका फूफा मामा मौसा का रिश्ता!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
हर कोई अपने पुत्र पुत्री के सिवा
सगे सम्बन्धी के बच्चों से घृणा द्वेष जलन दिखाता
शादी-विवाह लगाने में अपने अपनों के प्रति करते उपेक्षा
फिर भी हिन्दू अंतरजातीय विवाह को मिलता नहीं बढ़ावा
पत्नी आते ही हिन्दू माँ पिता के प्रति कर्तव्य भूल जाता
हिन्दू पराई जाति के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होता!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
आज हिन्दू सगे भाई भतीजे बहन भांजे से मुंह फुलाए रहता
मगर अपनी जाति के अपरिचित गुंडे मवाली को वोट दे आता
आज नेता अपने अयोग्य बेटा बेटी का भविष्य संवारने के लिए
स्वजाति को बरगला कर देशद्रोही माफिया से समीकरण बिठाता
आज हिन्दू हिन्दुओं के नाश के लिए शकुनी सा फेंक रहा पाशा!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
हिन्दू अपने बापू माई ताऊ काका बाबा दादी को
वृद्धाश्रम भेजता होता नहीं है तनिक भी पछतावा
मगर पॉलिटिकल बापूजी, चाचा, बाबा साहब के नाम से
राजनीतिक रोटी सेंकता, करता छलावा,खाता मलाई मेवा!

देश के हित में शहीद हो गए गुरु अर्जुनदेव,गुरु तेगबहादुर,
गुरु गोविंद सिंह, हरिसिंह नलवा, जस्सासिंह अहलुवालिया,
आजाद,भगतसिंह,उधमसिंह, गुरु के चार साहबजादे,गुजरी माँ
बंदाबहादुर,कुँवर सिंह,लक्ष्मीबाई का आज नहीं कोई नामलेवा!

आज हिन्दुओं को क्या हो गया?
सनातन संस्कार कहाँ खो गया?
अपने पुरखे राम कृष्ण बुद्ध महावीर व गुरुओं को जातियों में बाँटा
एक दूसरे की ओट लेकर एक दूसरे को चोट कर रहा कहकर खोंटा
हिन्दू धर्म में जातिवाद वर्णभेद की बुराई को अबतक मिटा न सका
हिन्दू हिन्दुत्व को मिटाने का प्रयत्न कर रहा देकर स्वयं को धोखा!
—विनय कुमार विनायक

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