हिन्दुत्व महान सनातन धर्म का वरदान है

—विनय कुमार विनायक
हिन्दुत्व महान सनातन धर्म का वरदान है,
हिन्दुत्व सत्य अहिंसा दया धर्म का अभियान है,
हिन्दुत्व वेद पुराण आगम निगम त्रिपिटक ज्ञान है,
हिन्दुत्व ॐकार मंत्र,त्रिदेवों का नाम, भगवान राम है,
हिन्दुत्व सिर्फ गुणधर्म नहीं धर्मक्षेत्र का अनुसंधान है!

हिन्दुत्व में शस्त्र-शास्त्र की शक्ति बसती,
हिन्दुत्व है ईश्वर की स्तुति और है देशभक्ति,
हिन्दुत्व में शरणागत को अभयदान देने की रीति,
हिन्दुत्व को समझो कि ये प्राण प्रतिष्ठित बुतपरस्ती,
हिन्दुत्व में राम कृष्ण बुद्ध जैन दस गुरुओं की हस्ती!

हिन्दुत्व यज्ञ जप तप योग ध्यान है,
हिन्दुत्व विश्व के सभी धर्मों का प्रतिमान है,
हिन्दुत्व समस्त मानवीय दिव्य गुणों का खान है,
हिन्दुत्व हिंद की आन बान शान मानवता की पहचान है,
हिन्दुत्व पूजा है, अराधना है, साधना है, दैविक अनुष्ठान है!

हिन्दुत्व में धार्मिक सहिष्णुता की वास है,
हिन्दुत्व में क्रूरता बर्बरता पर नहीं विश्वास है,
हिन्दुत्व के होने से समस्त सद्गुणों का विकास है,
हिन्दुत्व में हिंसा द्वेष भाव का तनिक नहीं आभास है,
हिन्दुत्व हरि कीर्तन भजन सत्संग सुमिरन व अरदास है!

हिन्दुत्व में आत्मा का अहसास है,
हिन्दुत्व वैदिक संस्कृति का उच्छवास है,
हिन्दुत्व में नारी पुरुष की समान औकात है,
हिन्दुत्व में नहीं कोई मालिक नहीं कोई दास है,
हिन्दुत्व में शक्ति और भक्ति का अनोखा प्रकाश है!

हिन्दुत्व में यदि वैष्णव है,
तो शैव शाक्त व कापालिक भी,
हिन्दुत्व में यदि उलूकवाहिनी पूजा,
तो नीर क्षीर विवेकी हंसवाहिनी साधना
और सिंहवाहिनी शरासनी की अराधना भी!

हिन्दुत्व राधा की पायल की रुनझुन,
कान्हा की बंशी का धुन, कबीर का निर्गुण,
अमीर खुसरो की खुशखबरी,रसखान की रसभरी,
तुलसीदास की रामभक्ति, जायसी की प्रेम आशक्ति,
मैथिलीशरण का मिथकगान, दिनकर की हुंकार रसवंती!

हिन्दुत्व है वाल्मीकि के रामायण में,
तुलसी के मानस में,व्यास के भागवत में,
सुर के सुरसागर में,जयदेव के गीत गोविन्द में,
विद्यापति के जप तप पूजन और गंगा स्नान में,
हिन्दुत्व है कालकूट पीने में, दूसरों के लिए जीने में!

हिन्दुत्व को गालियां मत दो,
हिन्दुत्व सौ गालियां सहता खामोशी से,
शिशुपाल सा शिशुवत् अपरिपक्व भाई समझ के,
मगर सौ के बाद कृष्ण का सुदर्शन करेगा नहीं माफ,
हिन्दुत्व आत्मज्ञान है, अमृतपान है, कहो नहीं अभिशाप!

हिन्दू हो तो हिन्दुत्व में ही जिओ,
हिन्दू हो तो आगत बुराइयों को त्याग दो,
जातिवाद तिलक दहेज भ्रूण हत्या से परहेज हो,
हिन्दू नहीं हो फिर भी हिन्दुत्व के ज्ञान सहेज लो,
वसुधा को कुटुम्ब समझ सबमें हिन्दुत्व का तेज भरो!

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