अगर हिन्दुत्व बचाना है तो जातिवाद होगा मिटाना

—विनय कुमार विनायक
आज ये जुमला उछल रहा है,
वोट और बेटी जाति में देना!

जहां जुगाड़ नहीं बैठ रहा हो,
तो जाति समीकरण बिठाना!

जाति के नाम पर इतराना,
पराई जाति से दूरी बनाना!

ये पतन की राह है बंधुवर,
इस मुगालते में नहीं रहना!

जाति, जाति में भेद करना,
अपनी जाति से प्रेम करना!

हिन्दू धर्म की बड़ी बुराई है,
इसको जल्द उखाड़ फेंकना!

जातिवाद धर्मांतरण के मूल,
धर्मांतरण से देश बचाना है!

हिन्दुओं में एकता लाना है,
तो जाति से ऊपर उठो ना!

सब जाति को अपनाओ ना,
अपनेपन का दायरा बढ़ाना!

जबतक जातियों में बंटे हो,
मानवता से दूर परकटे हो!

परकटे पंछी बेकार हो जाते,
शिकारी के शिकार हो जाते!

शिकार होने से अगर बचना,
सृष्टि को गर बचाए रखना!

तो जातिवाद से बाहर आना,
भेदभाव मिटा सबको अपना!

विश्व में हिन्दुत्व को बचाना,
हम सबका दायित्व समझना!

हिन्दुत्व में मानवता बसती,
हिन्दुत्व वसुधैव कुटुंबकम् है!

अगर हिन्दुत्व को बचाना है,
तब जातिवाद होगा मिटाना!

1 COMMENT

  1. हिंदुत्व और हिंदुत्व के आचरण का पालन करना सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए शरीर और आत्मा का संबंध है | अर्थात शरीर रूपी सनातन धर्म में हिंदुत्व, शरीर में आत्मा का स्वरूप है | मेरा ऐसा सोचना केवल भारतीय जनसमुदाय तक ही सीमित नहीं है बल्कि संसार में अन्यत्र सभ्य देशों में न्याय व विधि व्यवस्था वहां समाज की आत्मा बनें व्यापक हिंदुत्व का आचरण ही है| सचमुच हमें विशाल हिंदुत्व पर गर्व करते आज इक्कीसवीं सदी में उस पर लगी धूर्त जातिवाद की राजनीतिक धूल को हटाना है|

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