![](https://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2019/08/images-15.jpg)
बसे है दिन रात जो दिल में मेरे |
उनका नाम अब बताऊं मै कैसे ||
जो बिल्कुल बोलते नहीं है |
उनसे बात बताऊँ मै कैसे ||
चुरा ली नींद है रातो की जिसने |
उनका ख्वाब अब दिखाऊं मै कैसे ||
तडफा कर चल दिए मुझको |
उन्हें याद अब दिलाऊं मै कैसे ||
छोड़ कर चले गये जो राहो में |
उस राह पर अब जाऊं मै कैसे ||
बस गये है जो आँखों में मेरी |
यह काजल अब लगाऊं मै कैसे ||
बस गये है जो जहन मे मेरे |
उन पर गजल सुनाऊं मै कैसे ||
सलवटे पड़ गयी है चादर पर |
उस दास्ताँ को बताऊं मै कैसे ||
जानते है सब कुछ अनजान है |
हर बात उनसे छिपाऊ मै कैसे ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)
![](https://ci3.googleusercontent.com/proxy/Z7r5rSM2R1gaC49lCD0TbECZXrCz3rrV9KDwENT80oyXSpV1PdXSJxcLzfEWl6bl2n2l04GjqhnmKzpYrF7RXo73_78XBaGFYJ8vNcNoHtHv4pn_KlsZQ5PfR6sAdBDgWyhjjQ2sGg=s0-d-e1-ft#https://www.yoindia.com/shayariadab/Themes/orange-lt07/images/icons/modify_inline.gif)