जानकारी की आशा और सरकारी भाषा

राम कुमार विद्यार्थी

अजी सरकार तो सरकार ही है उसका जनता को जानकारी देना और लेना एक ही हाँथ से होता है ,अब देखो जरा कि मध्यप्रदेश की सरकार इनदिनों जनता को क्या कुछ नहीं दे रही है उसके हाँथ में लोक सेवा की गारंटी से लेकर वेबसाइट पर आनलाइन जारी जानकारियों की पूरी वारंटी तक है | वारंटी इसलिए की इसी बहाने वो अपनी तमाम गड़बड़ियों को आपकी गलती बताकर कुछ समय तक सुधारते रहेंगे और आप उनसे कभी पूरी गारंटी मांग भी न सकोगे, गोया जनता भी खुश की उनकी जानकारी रिपेयर होकर ही सही मिल तो रही है |

 हुआ यूं की एक दिन हमने प्रदेश सरकार की पारदर्शी वेब सेवा देखने की हिम्मत कर डाली एक बारगी तो प्रचार देख सुनकर लगा की अब नायक फिल्म की स्टाइल में सारी समस्या चुटकी में मिट जाएगी , सबसे पहले हमने अपने गाँव की जमीन का रिकार्ड देखना शुरू किया| हर जिले की एन आइ सी ने पूरे जमीनों का मजमून आन लाइन दर्ज कर रक्खा है लेकिन आप साईट में इन करके खसरा खतौनी जानने जैसे ही आगे बढोगे सरकारी भाषा का फॉण्ट समझना आसान नहीं रहा ,हालाकि पारदर्शिता यह की साईट में फॉण्ट लोड करने की व्यवस्था है पर लोड हो जाये तो बताना ,भाई हमसे तो नहीं हुआ | इस बारे में अधिक पूँछने में बताया गया की कोई डाटा से छेड छाड़ न कर सके इसलिए गोपनीयता के लिए येसा फॉण्ट रखते हैं सो जमीन छोड़ हम आगे बढे सोचा की पत्रकार की सूची मिल जाये जनसंपर्क की साईट खोली वंहा भी फॉण्ट के आगे हम लाचार हो गए |हालाकि सूची भी 2009 की बता रही थी मतलब सरकार की नजर में यह काम की सूचना नहीं होगी |इतने में हमारे दोस्त एक समस्या लेकर आ गए किसी सरकारी जमीन पर विधायक परिवार के कब्जे की उन्हें किसी ने बताया था की मध्यप्रदेश सरकार ने टेलीफ़ोन से समाधान करने की सुविधा दी है ,काफी खोज बीन के बाद 155343 का निशुल्क काल नंबर लगा ठीक कस्टमर सर्विस की तरह पूरी राम कहानी सुनाई | कंहा रहते हैं ,नाम पता ,किस विभाग की शिकायत है ,क्या शिकायत है, जिस जगह की शिकायत है उसका वार्ड नंबर ,आदि आदि बातें जानते हुए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के सज्जन ने वंहीं से फोन पर सलाह देना चालू कर दिया क्या आपने स्थानीय स्तर पर शिकायत की है आप नगर पंचायत ,तहसीलदार ,एस डी एम , कलेक्टर ,कमिश्नर तक जाएँ जब वंहा कोई न दर्ज करे तब हमारे पास आयें | जब उन्हें बताया गया की सारी जगह देख ली हुजूर तब बतौर कस्टमर सर्विस हम आपकी बात ऊपर के अधिकारी से कराते हैं लाइन पर रहे, हम लाइन पर रहे पूरा मजमून दुबारा सुनने के जनाब ने कहा पटवारी का हल्का नंबर बताओ और उससे हमारी बात कराओ हमने कहा हूजूर वो तो यंहा अभी नहीं है तो कहने लगे जब आ जाएँ तब बात कराना| मामला लटकता देख दुसरे फोन से फिर वही बात बताई पूरी राम कहानी ,सामने से जवाब आया हम कुछ नहीं कर सकते यह शिकायत नगर पालिका अंचल की है हमारे यंहा दर्ज करने के निर्देश नहीं हैं आप तो वंहीं देखो | सारी कोशिश के बावजूद जब लगा की अब कुछ नहीं होगा हमने आनलाइन शिकायत की साईट खोली लेकिन वंहा पर भी वही मुसीबत,सरकारी फॉण्ट लाख कोशिश के बावजूद न तो लोड हुआ न खुला | अंतत बड़ों ने समझाया बेटा मंगलवार को जनसुनवाई में सीधे जाकर शिकायत कर आओ जो होना होगा हो जायेगा नहीं तो मन को ही संतोष मिल जायेगा की चलो कार्यवाही न सही शिकायत तो दर्ज हुई | हम समझ गए बिना टाइम पास किये सीधे सरकारी लाइन में लग जाओ नहीं तो आनलाइन सरकार की सरकारी भाषा समझते ही रह जाओगे |

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