जीवन है अनमोल

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जीवन है बडा अनमोल,
इसका कोई नहीं है मोल।
इसको बचा कर तुम रखिए,
मास्क लगा कर तुम रखिए।।

घर छोड़कर नहीं जाओ,
कोरोना को नहीं बुलाओ।
भले ही कितनी हो मजबूरी,
दो गज की रक्खो तुम दूरी।।

कोरोना है बहुत घातक,
यह किसी को नहीं बख्शता।
चाहे वह हो राजा व रंक,
भर लेता है वह अपने अंक।।

बरतो न इसमें कभी ढिलाई,
चूकि अभी तक नहीं दवाई।
कोरोना का नहीं है उपचार,
मौतो का लगा है अंबार।।

करो अभी घर से ही काम,
घर में ही करो तुम विश्राम।
कोरोना है एक महामारी
इससे लडना है लाचारी।।

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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