जोधाएं बचेंगी तब न…

ऋतू कृष्णा चैटरजीhuman

अकबर को जोधा नही दोगे ठीक बात है किन्तु अपने लिए भी नही चुनोगे ये कहां का इंसाफ है, उलटा जहां तक संभव होगा जोधा को धरती पर आने ही नही दोगे। भईया! अकबर को जोधा देने न देने की स्थिति तो तब आएगी न जब जोधाएं बचेंगी। लड़कियां बची ही कहां हैं जो थोड़ी बहुत हैं उन्हें बचा सको तो बचा लो, क्यूंकि सामने लड़कों की कोई कमी नही है। यहां राम के लिए सीता, कृष्ण के लिए रुक्मिणी सत्यभामा नही मिल रहीं और वहां अकबर से जोधा को बचाने की बातें हो रही हैं। वहां एक-एक घर में दो-दो दर्जन अकबर मौजूद हैं यहां घरों में एक या दो सूरजमल या सूजा भाईसा तो हैं पर जोधा तो 5 में से एक ही घर में मिलेगी। अब दो पत्नियों वाले भगवान छोड़िए, एक भी पत्नि वाले भगवान नही दिखने वाले तिस पर पत्नी विहीन देवता महात्माओं का जल विसर्जन कर डाला जा रहा है। साईं बाबा के पीछे हाथ पैर धोकर पड़ गए हैं सब क्यूं भाई? ऐसा क्या हो गया? अगर वे भी पत्नी वाले होते तो संभवतः उन्हें हाथ लगाने की हिम्मत न पड़ती। आखिर बीवी के रहते किसकी मजाल जो मियां को नाखून भी मार सके। लेकिन बीवियों के मामले में यह विपरीत है, वहां कोई ज़्यादा देर घूरता हो तो पति कहता है,‘‘भाई इतना देखना है तो पास आके देख ले।’’ या कोई तारीफ कर दे तो पति कहता है,‘‘इतनी पसंद है तो लेते जाईए।’’ मतलब लक्ष्मी को प्रसन्न करना है तो माता लक्ष्मी से पहले नारायण को पूजिए फिर देखिए, वहीं नारायण को प्रसन्न करने के लिए नारायण को ही पूजना पड़ता है। है न मज़ेदार तथ्य… किस प्रकार का संग्राम हो रहा है? कैसा संर्घष किया जा रहा है जहां एक ओर तो जन्म देने वाली को ही खत्म करते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर बची खुची नारियों को निशाना बनाकर चुनाव में मतदाताओं को चारे की तरह परोस रहे हैं। मतलब करे कोई लेकिन भरे वो ही, जो कभी लव जिहाद की शिकार है, तो कभी बलात्कार,  कभी वो पैदा होने ही नही दी जाती तो कभी जन्म लेकर भी अजन्मी सी ही रह जाती है। मायने हो कर भी उसका कोई अस्तित्व नही होता। हर बार हर प्रसंग में नारी है लेकिन इसके प्रयोजन समाप्त होते ही नारी बीमारी बन जाती है। बिस्तर पे चाहिए … पालने में नही। गोद में सर रखना है पर गोद में लेना नही है। अकबर को जोधा नही दो यह तो एकदम ठीक है, परन्तु घर के रावणों के लिए भी तो मन्दोदरी नही बचा रहे न… ऐसे कैसे वंश बढे़ और कैसे बढे़गी संख्या? जिसके लिए गेरूए वस्त्र वाले गृहस्थी विहीन जीव जीवन बढ़ाने बचाने का ज्ञान बांट रहे हैं।

 

1 COMMENT

  1. प्रवक्ता ब्यूरो ने बहुत अच्छा मुद्दा उठाया है लेकिन याद रखने वाली बात ये है कि ये अलग मुद्दा है और जोधा अकबर अलग मुद्दा है।
    सवाल ये है कि अगर जोधाएं पर्याप्त संख्या में या लिंग अनुपात में ज्यादा हो जायेंगी तो उनको अकबर से शादी करने दी जायेगी ख़ुशी ख़ुशी? जवाब हम ही दिए देते हैं नहीं किसी कीमत पर नहीं।
    दरअसल कुछ लोग अतीत जीवी होते है वे सदा इसी दुःख में घुलते रहते हैं कि इतिहास में ऐसा क्यों हुआ और वैसा क्यों हुआ लेकिन ये ऐसा अकाट्य सत्ये है जिसे आपके चाहने या न चाहने से बदला नहीं जा सकता। जोधा अकबर की शादी भी एक ऐसा ही सच है।
    असली सवाल इस समय “लव जेहाद” बना हुआ है क्या मिलीजुली आबादी में इसका किसी के पास कोई पुख्ता इलाज है? हमारा कहना है नहीं। हमारा तो ये भी सोचना है कि इस मामले को कानून बनाकर भी नहीं रोका जा सकता क्योंकि ये दिलों का रिश्ता होता है जिसमे प्यार करने वाले जान देने को भी तय्यार रहते है तो ऐसे में आत्मघाती हमलावर की तरह लव मेरिज करने वाले दो अलग अलग धर्मो के लोगों का कोई भी क्या बिगाड़ सकता है???

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

15,444 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress