कंगना के मन की पीड़ा

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तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे,
हां,तुम मुझे भुला ना पाओगे।
पंगा लिया है तुमने मुझसे
उसका खामियाजा तो उठाओगे।

यह देश है सभी वासियों का
अकेला नहीं हैं ये तुम्हारा।
महाराष्ट्र है उसका एक हिस्सा
क्यो बनाते हो अलग किनारा

सारा देश मेरे साथ खड़ा है,
तुम्हारे साथ कौन खड़ा है ?
चन्द गुंडों को साथ लिया है
ये काम न कोई बडा है।।

गिराया है तुमने मेरा ऑफिस,
दाऊद का गिराकर दिखाओ।
मर्द समझूंगी मै तुमको अब
अगर ऐसा करके दिखाओ।।

आते हैं सभी देशवासी यहां
महाराष्ट्र में रोजी रोटी कमाने,
सभी ने आगे बढ़ाया है इसको
क्यो बनते हो तुम इतने स्याने

महाराष्ट्र में महा जुड़ा है
इसे महान ही रहने दो।
क्यो नाम करते हो किरकिरा
इसको महाराष्ट्र बना रहने दो।

रखते हो बदले की भावना,
यह राजनीति ठीक नहीं है।
बदले की आग में जलते हो
ये तो बिल्कुल ठीक नहीं है।।

कोरोना से न लडकर तुम
कंगना नारी से लड़ रहे हो।
ये महाराष्ट्र के हित में नहीं है
जो तुम ये सब कर रहे हो।।

की है खराब इमेज बाल ठाकरे की
वे मज़े हुए राजनीतिज्ञ थे।
सभी हिन्दुओं को साथ लेकर
क्या तुम इससे अनभिज्ञ थे ।

आर के रस्तोगी

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जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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