वाराणसी का मैदान छोड़ सकते हैं केजरीवाल

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आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 23 अप्रैल को वाराणसी से नामांकन के समय ऐसी गलतियां कर सकते हैं, जिससे उनका नामांकन रद्द हो जाए। दरअसल, वाराणसी में अरविंद केजरीवाल को इन दिनों इतना विरोध झेलना पड़ रहा है कि अरविंद दिल्ली के पैटर्न पर वाराणसी में पहले तो यह कहकर चुनाव मैदान में कूद पड़े कि वाराणसी की जनता की इच्छा है कि वह चुनाव लड़ें। लेकिन हाल में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जिस कदर जोर-शोर से प्रचार अभियान परवान चढ़ा है उससे केजरी बाबू की बोलती ही बंद हो गई है। वे जहां भी जा रहे हैं, वहाँ भारी विरोध हो रहा है। कुछ दिनों पहले उन पर अंडे फेंके गए और फिर काली स्याही फेंकी गई, लेकिन केजरीवाल प्रथमद्रष्टा टस से मस होते नहीं दिख रहे।

arvindkejriwalslapped-

दरअसल, केजरीवाल बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। वाराणसी से अगर वो सीधे पैर लौटते हैं और अब नहीं लड़ते हैं तो उनके राजनीतिक करियर पर भगोड़ा का प्रश्न चिह्न फिर से उपलाने लगेगा, क्योंकि, पहले ही दिल्ली की सीएम कुर्सी को छोड़कर उन्होंने आफत मोल ले ली है और मजे की बात की उन्होंने इसपर मीडिया के जरिए अफसोस भी जाहीर कर लिया। ऐसे में वाराणसी से भागना तो उनके लिए मुश्किल है। अब विश्वस्त सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अरविंद ऐसी चालें चलने की सोच रहे हैं जिससे उनके चुनाव लड़ने पर खुद ब-खुद ग्रहण लग जाए और वो सम्मानजनक ढंग से वाराणसी से विदा ले सकें।

ऐसे में केजरीवाल या तो 23 अप्रैल को नामांकन के दिन ऐसा कोई हेरफेर कर दें या गलती कर दें जिससे उनका नामांकन खुद रद्द हो जाए। या तो वो ऐसी कोई बड़ी जानकारी छिपा लें, जिससे उनकी उम्मीदवारी पर असर पड़े। या तो वो ऐसा कोई व्यान देदें, जिससे उनकी उम्मीदवारी रद्द हो सकता हो।

ज्ञात रहे कीजरीवाल का वाराणसी में विरोध की हद यहां तक है कि उन्हें विरोध के चलते वाराणसी में अपना घर तक बदलना पड़ा है। केजरीवाल अभी तक संकटमोचन मंदिर के प्रमुख विशम्भर मिश्रा के घर पर रह रहे थे, लेकिन विरोध के कारण उन्हें दूसरी जगह जाना पड़ा है। जब चारों तरफ केजरीवाल का विरोध होने लगा तो महंत के ऊपर एक सामाजिक दबाव बनने लगा, जिसके चलते महंत ने केजरीवाल को जगह बदलने को कहा और उन्होंने फिर अपना ठिकाना बदल लिया। हालांकि केजरीवाल के लिए यहां आनन-फानन में एक ऑफिस बनाया गया है और वह फिलहाल यहीं पर रहेंगे। लेकिन वहां भी आसपास केजरी को नमो-नमो की गूंज सताने लगी है।

दरअसल, वाराणसी में अरविंद के सामने इतने सवाल उपज रहे हैं कि उनके लिए जवाब देना भी मुश्किल है। जब उन्हें अन्ना का पहले दूत और अब उनके अलग हटकर आका बनने की बात पूछी जाती है, तो उनके पास तर्क तो होता है, लेकिन जिस लोकपाल बिल के बल वह यहां तक पहुंचे उस पर चुप्पी क्यों है, इसका जवाब के लिए वो दिल्ली सरकार में रहते कदम को बताने लगते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार से जिस कदर हटे, इस पर वो मौन हो जाते हैं।

केजरी बाबू की परेशानी यहीं तक नहीं है। उनके विश्वसनीय शागिर्द और अमेठी से लोकसभा प्रत्याशी कुमार विश्वास के प्रचार में अब आप की टोपी पर केजरी नहीं, विश्वास की फोटो देखी जा रही है। केजरीवाल के लिए यह भी मुसीबत है, क्योंकि हाल में आप के एक नेता ने विश्वास को आप का केजरीवाल से बड़ा नेता बताया था, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया गया। चुनाव के बाद केजरी और विश्वास के बीच वह भी चिंगारी सुलगने वाली है।

अंदर – अंदर केजरीवाल को यह डर सताने लगा है कि अगर वो वाराणसी में चुनाव बुड़ी तरह हार जाएँ, और कुमार विश्वास चुनाव जीत जाएँ, या केजरीवाल और कुमार विश्वास दोनों ही चुनाव हार जाएँ और विश्वास के हार का अंतर कम हो या कहें कुमार विश्वास को उनसे बहुत ही ज्यादा मत मिले दोनों ही हालत में केजरीवाल की मुश्किलें बढ़नेवाली है।

ऊपर से कोर्ट की सख्ती केजरीवाल पर अलग है। दिल्ली की एक अदालत ने अरविंद केजरीवाल और आप के तीन अन्य नेताओं को आगाह है किया कि केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे वकील अमित सिब्बल की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में 24 मई को पेश होने में यदि वे नाकाम रहते हैं तो ‘मजबूरन उसे कार्रवाई’ करनी होगी।

चलिए अगर केजरी वापस नहीं होते हैं और लोकसभा चुनाव लड़ते हैं और चुनाव हार जाते हैं तो भी उनके पास रेडीमेड जवाब पहले से ही है। इस हार के लिए वाराणसी की जनता ही जिम्मेदार है, क्योंकि केजरीवाल कहेंगे कि “मैं क्या जी, मैं तो बहुत ही मामूली आदमी हूँ, मेरी कोई औकाद नही है, वो तो वाराणसी की जनता ने मुझे कहा कि खड़े हो जाओ तो मैं खड़ा हो गया। मैं तो सारे निर्णय जनता से पूछ कर करता हूं।“

खैर, बाकी परेशानियों से तो केजरीवाल चुनाव के बाद निपट लेगें, लेकिन अभी फिलहाल उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि वाराणसी से इस चुनावी रणभूमि से वापस कैसे मुड़ा जाए, वो केजरीटर्न क्या हो।

38 COMMENTS

  1. वाराणसी का मैदान, अपनी ओरसे नहीं छोड़ सकते केजरीवाल। क्यों कि, भ्रष्टाचार का विरोध छोडकर, मोदीका ही विरोध करने के लिए उनकी नियुक्ति(?) हुयी प्रतीत होती है। घटनाक्रम यही बताता है।
    पदार्पण, उन्होंने सही किया, (१) अण्णा के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में जुडे। (२) परिणामकारी होने के लिए, भ्रष्टाचार विरोधी आ आ पा बनाई। (३)जीते, और ४९ दिन मु. मंत्री रहे। (४) लोकसभा के लिए, त्यागपत्र देकर निकले।
    यहांतक ठीक था।
    ——————————-यहां से पलटने लग गए।—-
    ==>फिर लगता है, बीच में कुछ बदलाव हुआ, जो महा भ्रष्टाचारी कांग्रेस का पीछा छोड, –भ्रष्टाचार का विरोध छोड, भ्रष्टाचार विरोधी मोदी के विरोध में(भ्रष्टाचार के पक्षमें) बनारस से लड रहे हैं। ये परिवृत(अबाउट टर्न) है। आंदोलन का तर्कनिष्ठ घटनाक्रम नितान्त नहीं है। क्यों? दालका में काला, उन्हें पता होगा।
    जिसने उन्हें सहायता दी होगी, उनका काम छोड नहीं सकते। ठोस या स्पष्ट नहीं, पर अप्रत्यक्ष प्रमाण यही है। या तो कांग्रेस या फोर्ड कोई तो है, ऐसी पलटी मरवानेमें।
    ===> ये मोदी विरोधी है, या भष्टाचार विरोधी?
    इसका तर्क सम्मत, समाधान कारक उत्तर कोई दे सकता है?

    उत्तर चाहिए, प्रश्न मालिका नहीं।

    • डाक्टर मधुसूदन जी,आआप की निगाह में भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.इसीलिए जहां रागा के खिलाफ कुमार विशवास हैं ,वहीँ नमो के खिलाफ अरविन्द है. नमो के लिए तो वाराणसी में हारने के बावजूद भी संसद में पहुंचने का रास्ता खुला है,पर अगर रागा हार गए ,तो वे संसद में पहुँच भी नहीं सकेंगे. मैं तो इसके बारे में इतने तर्क दे चूका हूँ कि अगर सब को एक साथ कापी और पेस्ट कर दूँ ,तो पता नहीं वह कितना बृहद रूप ले लेगा. इसलिए आज मैं इस पर अपनी और से कुछ नहीं कहूँगा,पर मैं अखबार और टी,वि न्यूज के कुछ कतरन अवश्य प्रस्तुत करूंगा,जिसमे नमो के विकास का लेख जोखा है…उनकी प्रमाणिकता की जिम्मेवारी मेरी नहीं है.
      First Health;
      1.44.5% children in Gujarat are suffering from mal-nutrition,specially girl child.(Source: TV channel News Express,30.03.2014)
      2. Shortage of Health personnel(TOI,11.03,2014)
      a. Doctors at SHCs,required 1158,shortage380.33%
      b.specialists doctors at CHCs,required 1272,shortage1196,94%
      c.Rdigraphers at CHCs,required 318,shortage 150,47%
      3. Infant Morality rate.2012,(TOI 11.03.2014)
      Gujarat total,38,rural 45,urban 24,which is worse than Kerala(12,13,9),Tamilnadu 21,24,18),Maharashtra25,30,17)
      4. Maternal morality ratio( TOI 11.03.2014)
      Gujarat 122, which is worse than Kerala 66,Maharashtra 87,Tamilnaqdu 90.
      Second Education:
      1. Drop out rates class I-X(%),(TOI 11.03.2014)

      Gujarat all students 57.9, SC students 64.5,ST students77.6,where as all India figure is 49.3,56.0,70.9 respectively.
      Pupil Teacher Ratio: ,(TOI 11.03.2014)

      Gujarat India
      Intermediate/sr.sec. 52 34
      High/Sec. 33 30
      Upper Primary 35 33
      Primary NA 43
      In case of number of colleges per lakh youth (18-23),Gujarat is on lowere side having 25 colleges ,where as Andhra,Karnatka ,Maharashtra and Tamilnadu are much ahead having 48,44,34 and 30 respectively. ,(TOI 11.03.2014)
      Economy and Employment
      1.10 lakh educated youth are unemployed. .(Source: TV channel News Express,30.03.2014)
      2. Total Loan in 1995 10 thousand crores.Now it is 1, 38,562 crores.,which is almost 14 times. .(Source: TV channel News Express,30.03.2014)

    • प्रिय आदरणीय पंकज साहब,
      नमस्कार,
      मैंने इसी लेख के एक रिप्लाई में स्पष्ट किया है कि किस-किस तरह की गलत जानकारियां भरी गई हैं, जिस पर अदालत में एक याचिका भी दायर की गई है, दैनिक जागरण की वो खबर है, आप इसी लेख के एक रिप्लाई से उसका लिंक समेत पूरी खबर देख सकते हैं… खैर चलिए, उस पर क्या होगा, इसे देखना अदालत और चुनाव आयोग का काम है… हमने गलत जानकारी भरने की कोशिश की बात पहले ही कही थी। इसके अलावा उसमें दो और पहलू हैं, दूसरा कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के बीच चुनाव बाद फूट की, और तीसरा कि केजरीवाल अगर चुनाव लड़ते भी हैं, तो बाद का सकारात्मक या नकारात्मक जवाब की रूपरेखा पहले से ही किस तरह बुनी गई है…

  2. r r sinh kejrival ka paid prachar karne vale hai is liye unko chhod do paid person ki apani soch nahi hoti —vo to jaise uske aaka kehte hai vaisa likhte hai ————-ham to bas itna kahenge desh ke liye jo achha hai use apnana hai —

    • आ गए न आप अपनी असलियत पर. अभी तक मुझे खरीदने की ताकत तो किसी में नहीं हैं.रही पेड प्रचारक बनने की बात ,तो मुझे आआप क्या दे सकता है?मुझे नमो की पार्टी या कांग्रेस के भी बहुत लोग जानते हैं.वे मेरी वाक्पटुता और तर्क शैली से भी वाकिफ हैं अगर मैं बिकाऊ होता तो .वे मुझे कब का खरीद चुके होते. १८ अक्टूबर को प्रवकता डाट कम से मुझे सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ था.उस समय मैंने कहा था,
      कबीरा खड़ा बाजार में ,लिए लुकाठी हाथ.
      जो घर जारे आपने चले हमारे साथ.
      तो मेरा असल रूप वही है.
      मैंने इतने आलेख ,कहानियाँ और टिप्पणियां लिखी हैं.मेरा परिचय भी प्रवक्ता डाट कम पर है.तब भी आप जैसे ज्ञानियों के समझ में यही आता है ,तो मेरे विचार से इस रोग का इलाज संभव नहीं है.
      ऐसे भी बेचारे केजरीवाल के पास इतना पैसा तो नहीं है कि उसआदमी को खरीद सके जिसने पहली मुलाक़ात में उससे कहा था, ‘अरविन्द जी,मेरा नाम आर.सिंह है.मैंने १९६४ में मेकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था.” अरविन्द केजरीवाल ने कहा था,”सर आपने तो १९६४ में मेकैनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर लिया था.मैं तो १९६८ में पैदा हुआ था. आप समझ नहीं सकते हैं कि आप जैसे लोगों से मुझे कितना सीखना है” हांलाकि उसके बाद उनसे कम ही मुलाकतें हुई,पर वह मुलाक़ात मैं भूल नहीं सका.
      नरेंद्र सिंह जी,आप जैसे लोग यदि अपने चरित्र को दूसरे में ढूंढना छोड़ दें ,तो राष्ट्र का ज्यादा कल्याण हो जाए.

  3. इस आलेख का शीर्षक है,’वाराणसी का मैदान छोड़ सकते हैं केजरीवाल. अब तो कल अरविन्द केजरीवाल ने नामांकन का पर्चा भर दिया है.उम्मीद तो नहीं है की आपकी भविष्य वाणी सच होगी.उस हालात में क्या यह व्यर्थ का राग अलापना नहीं कहा जाएगा?.

    • माननीय आर. सिंह साहब, नरेंद्र सिंह साहब, मेरे आदरणीय अन्य वरिष्ठ व प्रिय सम्मानित लेखकों…
      मेरा नम्र नमस्कार स्वीकार करें,
      जब मैं इस लेख को लिख रहा था तो कई सारे ख्याल आए… कुछ सकारात्मक, कुछ नकारात्मक… लेकिन पत्रकार हूं, खबर पुख्ता हो तो कलम चलाता जरूर हूं, क्योंकि मैं एक ही सिद्धांत पर चलता हूं- हमें तो सुर्ख-रू होना है उस आका ही निगाहों में, दुनिया का क्या साकी भला माने या बुरा माने… मैं जिस प्रोफेशन में हूं और जो उसका वर्किंग कल्चर है, संदेशात्मक दंभ है और वैचारिक रंभ… और मैं इस स्तंभ के साथ हरसंभव व्यक्तिगत न्याय करता हूं… वाराणसी का मैदान छोड़ सकते हैं केजरीवाल… स्टोरी कोई आकाशवाणी या भविष्यवाणी नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल साहब के एक सबसे विश्वनीय सहयोगी के टेबल से उठी बात थी, जिसे प्रवक्ता डॉट कॉम ने अपने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से लिखा… खैर, आप सभी सम्नानित वरिष्ठों और लेखकों का कमेंट्स पर कुछ दिनों तक आया, उस समय मैं कहने की स्थिति में नहीं था, लेकिन दो दिनों से जिस खबर की दरकार थी, वो अंततः हमारे सामने है। एक राज कौशिक साहब हैं, दैनिक जागरण में आज उनकी बाइ-लाइन खबर है… मैं सीधे उस खबर के प्रमुख हिस्से को यहां उदृत कर रहा हूं और नीचे लिंक भी दे रहा हूं ताकि आप दैनिक जागरण के पेज पर जाकर उस खबर को पूरी पढ़ सकें।
      केजरीवाल का पर्चा रद करने की मांग, शपथपत्र में गलत जानकारी देने का आरोप
      साहिबाबाद के वकील नीरज सक्सेना और उनके साथी अनुज अग्रवाल ने चुनाव आयोग में शिकायत कर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर वाराणसी में नामांकन के दौरान दाखिल शपथ पत्र में गलत जानकारियां देने का आरोप लगाते हुए नामांकन खारिज करने की मांग की है।
      प्लॉट का पता व मूल्य गलत बताया
      केजरीवाल के पास साहिबाबाद के इंदिरापुरम में 230 वर्ग मीटर का प्लाट बताया गया है। उसका पता 11/44, इंदिरापुरम लिखा गया है, जबकि ऐसा कोई पता इंदिरापुरम में है ही नहीं। नीरज सक्सेना के मुताबिक गलत पता जानबूझ कर लिखवाया गया है। शपथ पत्र में प्लाट की कीमत 55 लाख बताई गई है जबकि सरकारी दर 63 हजार रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से ही इसकी कीमत एक करोड़ 44 लाख 90 हजार बैठती है। हालांकि इंदिरापुरम में मार्केट रेट इससे दोगुना यानि सवा लाख रुपये प्रति मीटर तक है। पता गलत लिखवाने के पीछे कारण यही है कि कोई इसकी सही कीमत न जान ले।
      नहीं दिया वेल्थ टैक्स
      शिकायत में यह भी लिखा गया है कि इस प्रॉपर्टी पर वेल्थ टैक्स भी नहीं दिया गया है, जबकि आइआरएस होने के नाते केजरीवाल व उनकी पत्नी सुनीता दोनों ही इस नियम से वाकिफ होने चाहिए।
      छह माह में रत्तीभर भी लोन नहीं उतरा
      शिकायत के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान शपथ पत्र में केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता के नाम 30 लाख का एसबीआइ होम लोन बताया था। करीब छह महीने बाद वाराणसी में दाखिल शपथ पत्र में भी लोन की यही राशि बताई गई है। दोनों शपथ पत्रों में सुनीता केजरीवाल के गुड़गांव स्थित फ्लैट का पता अलग-अलग बताया गया है।
      क्या है कोर्ट में विचाराधीन मामला
      पटियाला हाउस कोर्ट में विचाराधीन मामले में अरविंद केजरीवाल पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए व धारा 31 और इंडियन पेनल कोड-1860 की धारा 177 लगाई गई है। इनके तहत केजरीवाल को संपत्तियों का मूल्य गलत बताने, शपथ पत्र में तथ्यों को छुपाने व गलत बयानी करने का आरोपी बताया गया है।
      ये आरोप हैं केजरीवाल पर
      याचिका कर्ता वकील नीरज सक्सेना ने बताया कि केजरीवाल कौशांबी में रहते हैं मगर शपथ पत्र में निवास का पता हनुमान रोड, दिल्ली दिया गया है। जून, 2013 में बिजली का बकाया न दिए जाने पर अरविंद केजरीवाल के आर-209, गिरनार, कौशांबी के फ्लैट की बिजली काट दिए जाने की खबरें अखबारों में छपी थीं। अखबारों की कटिंग्स भी कोर्ट में दी गई है। कहा गया है कि इस फ्लैट का शपथ पत्र में जिक्र तक नहीं है।

      https://www.jagran.com/news/national-advocates-demand-election-comission-to-reject-kejriwals-nomination-papers-11265482.html?src=p1

      • कुमार सुशांत जी,अब मेरा एक अन्य प्रश्न होगा, ये वकील साहब किसके आदमी हैं? यह पश्न इसलिए उठा ,क्योंकि बहुत सी ताकतें चाह रहीं है कि अरविन्द केजरीवाल वाराणसी से हट जाएँ.

        • सर,
          मैं न तो इस खबर को लिखने वाले राज कौशिक साहब को जानता हूं, न उन वकील साहब को जिन्होंने अपना तर्क अदालत में रखा है। लेकिन जो तर्क अदालत में रखा गया है, मेरा मतलब तो केवल उससे है, क्योंकि गलत जानकारी भरने की बात पहले ही कही गई थी, जिसे प्रवक्ता डॉट कॉम ने लिखा और अब जो दायर याचिका है उसमें भी वही बात है कि केजरीवाल ने गलत जानकारी दे दी है। हर तरफ राजनीति है, मानता हूं, लेकिन हर हरकत में राजनीति की गुंजाइश को तलाशा जाए, इस पर थोड़ा संदेह होता है… बाकी, सर आप बेहतर बता सकते हैं… जहां तक रही केजरीवाल साहब की बात, तो उनके प्रति हमारी पूरी सहानुभूति और शुभकामना है…

        • सिंह साहब,
          यहां बात केवल एक पहलू की नहीं, बल्कि उस पहलू पर भी चर्चा हो, जिसे प्रवक्ता डॉट कॉम ने खुलासा किया है… लेख में अगर आप देखें तो दूसरा पहलू है कि चुनाव के बाद केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच ठनने वाली है… अब जरा गौर करें दैनिक जागरण में छपी इस रिपोर्ट पर….

          केजरी से टूट रहा कुमार का विश्वास
          Publish Date:Friday,Apr 25,2014 09:19:37 PM | Updated Date:Saturday,Apr 26,2014 11:25:44 AM
          केजरी से टूट रहा कुमार का विश्वास
          नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ताल ठोक रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुमार विश्वास पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से नाराज हैं। विश्वास को शिकायत है कि चुनाव प्रचार में उन्हें पार्टी और इसके नेता का पूरा सहयोग नहीं मिल रहा। जबकि दूसरी तरफ पार्टी नेतृत्व भी संघ और भाजपा से उनकी नजदीकी को लेकर बेहद आशंकित है।
          पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के मैदान में सबसे पहले मैदान में उतारे गए कुमार विश्वास ने अपने चुनाव क्षेत्र में तो जमकर मेहनत की है, लेकिन अब वे अपनी ही पार्टी के रवैये से नाराज हैं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाना बनाने के चक्कर में ‘आप’ ने कांग्रेस के कुशासन को पूरी तरह भुला दिया है। विश्वास चाहते हैं कि पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी और उनके परिवार पर पहले की तरह रोजाना प्रहार करें और बनारस की बजाय अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति वाली उनकी सीट अमेठी पर ध्यान लगाएं। विश्वास के करीबी सहयोगियों के मुताबिक अब तो उन्हें यह भी लगने लगा है कि पार्टी चाहती ही नहीं कि वे यहां से जीतें।
          उधर, संघ परिवार को लेकर विश्वास की नरमी ने पार्टी में भी उनके प्रति संदेह खड़ा कर दिया है। पार्टी के एक बड़े नेता तो दावा करते हैं कि उन्हें इस बात की खबर है कि विश्वास अभी से भाजपा के संपर्क में हैं। वह तो यहां तक कहते हैं कि पार्टी में अब इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि विश्वास किसी तरह चुनाव जीत भी गए तो कहीं भाजपा के साथ न जा मिलें। नाम नहीं छापने की शर्त पर वह कहते हैं कि पार्टी ने बहुत सोच-विचार कर तय किया है कि अब इसका पहला निशाना भाजपा और मोदी होंगे। क्योंकि कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार की बात को अब साबित करने की जरूरत नहीं रह गई। इसके बावजूद अगर पार्टी का कोई नेता खुले आम भाजपा को बेहतर बताता है तो संदेह होना स्वाभाविक है।

          • Dont Spread Wrong things. In Gujarat All things not O.K. – yadi reliance jaisi baDi companiyon ko pakad len to any pahale hi Thik ho jayenge —— सब आधुनिक मेघनाद-कुम्भकर्ण- रावण ( मोदी + अम्बानी + कांग्रेस ) का कमाल है ! इन सबने मिलकर पूरे देश को बड़ी चालाकी से अपने वश में कर लिया है !! और जो भी इनकी सच्चाई कहेगा ये उसे बटबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे !!! केजरीवाल जैसे ईमानदार और आई.ए.एस. कैडर का आदमी इन्हीं की घटिया मानसिकता का शिकार हो रहे हैं ।
            ऐसा मैं इसलिए कह सकता हूँ क्योंकि १४ सालों से गुजरात में रहकर मैं अपनी आँखों से सब देख ही नहीं रहा हूँ बल्कि भोग भी रहा हूँ । पाकिस्तानी बॉर्डर पर रिलायंस टाउनशिप जामनगर में हिन्दी दिवस के दिन ( १४ सितम्बर ) को भी प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य सुंदरम द्वारा बच्चोँ के मन में राष्ट्रभाषा हिन्दी और भारतीय सभ्यता – संस्कृति के खिलाफ जहर भरा जाता है । ऐसा न करने के विनम्र अनुरोध पर हिन्दी शिक्षक- शिक्षिकाओं को जानवरों की तरह प्रताड़ित करके निकाल दिया जाता है उनके बच्चों और निर्दोष महिलाओं तक के साथ रिलायंस प्रबंधन द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया है ————–
            अभी भी सम्हल जाओ नीचे से ऊपर तक सबको रिलायंस ने खरीदा हुआ है तभी तो नीरा राडिया टेप मामले पर न्यायालय भी चुप है !!! ऐसे ही देशद्रोहियों मैं लड़ रहा हूँ ! मोदी के घनिष्ठ मित्र अम्बानी के रिलायंस टाउनशिप जामनगर (गुजरात ) के बारे में आप जानते नहीं हो – वहाँ आए दिन लोग आत्महत्याएँ कर रहे हैं ! उनकी लाश तक गायब कर दी जाती है या बनावटी दुर्घटना दिखाया जाता है और इस अन्याय में कांग्रेस-बी.जे.पी.-मोदी बराबर के जिम्मेदार हैं — इन सब का विनाश होना ही चाहिए ——क्योंकि ये सभी आँखें बंद करके रिलायंस के जघन्य अपराधों को मौन स्वीकृति दे रहे हैं

      • दैनिक जागरण का नमो के विरोधियों के प्रति क्या रूख है,यह सर्विदित है,अतः ऐसे किसी समाचार का आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.अदालत में इस प्रतिवेदन से यही पता चल रहा है कि अगर नमो और उनकी पार्टी के दुर्भाग्य से अरविन्द केजरीवालजीत भी गए ,तो उनके लिए कोर्ट का शिकंजा तैयार रहेगा.इस याचिकाके कारण अरविन्द केजरीवाल के मैदान छोड़ने का प्रश्न उठने की संभावना कम ही दिखती है.

    • Sach hai afvaah nahi failaana chahie – – – yadi reliance jaisi baDi companiyon ko pakad len to any pahale hi Thik ho jayenge —— सब आधुनिक मेघनाद-कुम्भकर्ण- रावण ( मोदी + अम्बानी + कांग्रेस ) का कमाल है ! इन सबने मिलकर पूरे देश को बड़ी चालाकी से अपने वश में कर लिया है !! और जो भी इनकी सच्चाई कहेगा ये उसे बटबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे !!! केजरीवाल जैसे ईमानदार और आई.ए.एस. कैडर का आदमी इन्हीं की घटिया मानसिकता का शिकार हो रहे हैं ।
      ऐसा मैं इसलिए कह सकता हूँ क्योंकि १४ सालों से गुजरात में रहकर मैं अपनी आँखों से सब देख ही नहीं रहा हूँ बल्कि भोग भी रहा हूँ । पाकिस्तानी बॉर्डर पर रिलायंस टाउनशिप जामनगर में हिन्दी दिवस के दिन ( १४ सितम्बर ) को भी प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य सुंदरम द्वारा बच्चोँ के मन में राष्ट्रभाषा हिन्दी और भारतीय सभ्यता – संस्कृति के खिलाफ जहर भरा जाता है । ऐसा न करने के विनम्र अनुरोध पर हिन्दी शिक्षक- शिक्षिकाओं को जानवरों की तरह प्रताड़ित करके निकाल दिया जाता है उनके बच्चों और निर्दोष महिलाओं तक के साथ रिलायंस प्रबंधन द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया है ————–
      अभी भी सम्हल जाओ नीचे से ऊपर तक सबको रिलायंस ने खरीदा हुआ है तभी तो नीरा राडिया टेप मामले पर न्यायालय भी चुप है !!! ऐसे ही देशद्रोहियों मैं लड़ रहा हूँ ! मोदी के घनिष्ठ मित्र अम्बानी के रिलायंस टाउनशिप जामनगर (गुजरात ) के बारे में आप जानते नहीं हो – वहाँ आए दिन लोग आत्महत्याएँ कर रहे हैं ! उनकी लाश तक गायब कर दी जाती है या बनावटी दुर्घटना दिखाया जाता है और इस अन्याय में कांग्रेस-बी.जे.पी.-मोदी बराबर के जिम्मेदार हैं — इन सब का विनाश होना ही चाहिए ——क्योंकि ये सभी आँखें बंद करके रिलायंस के जघन्य अपराधों को मौन स्वीकृति दे रहे हैं

  4. Dear Amit, how u skipped 3rd point and after 1,2 jumped on 4th- similarly in a hurry of ur unrestness to criticise AAP you have missed many points and ur analysis is worthless except serving the purpose of dirty the web space..

  5. Modi ke khilaf Bhdas nikalne walon me Ek Aap ki sankhya jud gai hai. Poora ka poora rajnitic Bheed Modi ke khilaf hai. Magar ek videshi mahila jo Bharat ko loot rahi hai Desh me Jati aur dharm ke adhar par jahar faila rahi hai , desh ka khajana loot kar videshi bank me jama karva rahi hai. Musalman ko Hindu se adhik mahtav de kar
    nafrat ki rajniti khel rahi hai. Uski nagrikta bhi sandeh ke ghere me hai Us baat ko bhi kabhi uthao. Lagta hai Italy walon ne tumko bhi garm kar diya hai ki satta par ane par koi Rajyapal ka pad de denge. Tumhara lekh koi naya ya ashcharyajanak nahi hai 120 crore me agar 70 crore pade likhe hain to 69 crore Modi ke khilaf likhte, bolte hain . Kuch naya karo Apne Bhartiyon ko samarthan karo Videshiyon
    ko desh nikala do. yahi sachi desh Prem hoga.

  6. Kejariwal looks a congress person because

    1) Main agenda of AAP was corruption at the time of its creation, But now a days he’s only apposing modi, a person who dont have a single corruption case against him….then WHY THE HELL HE IS TALKING ABOUT MODI ???????
    2) He just want to eat some modi votes so later he can join with a congress and form a ruling party, unfortunately AAP will be controlled by congress, and india will be ruled by congress again for next 5 years.
    4) Before delhi election he said that he is having 350pages proof against shila dixit proof against vadra, proof against kalmadi and bla bla and he’s going to put them all in jain, but none of them is in jain, And now he says give me proofs and i will act against them, what happened the 350 pages proof and 1200 pages proof ?
    5) Ashutosh ji is now trying to save sonia gandhi and rahul gandhi on twitter saying “social media is trying to malign there image”, AAP is not saying single word against congress, they are tying to show that BJP is the worst so autimatically congress image will become clean than BJP, we all know what sonia gandhi has done to this country from last 10 years

    Please do not support AAP, AAP = congress and congress = Indian toward destruction

    Jai hind

      • not agree with u sir i had seen gujrat from 2005 to 2011 i m also from bihar 10 saal nitish sir kaa or 15 saal modi kaa lot of difference in every field security, development road, water, u have to notice one thing 1/4 of gujrat is desert but u will get drinking water in every corner of gujrat.

    • माननीय इंडियन जी, क्या आप इतने निर्लज्ज हैं कि इस तरह की गाली देकर भी आप अपने को इंडियन कहतेहैं. मान्यवर यह हमारी युगों से चली आ रही सभ्यता और संस्कृति पर एक भद्दा मजाक है, इंडियन नाम से ऐसी बेहूदी हरकत करते समय आपको ऐसा नहीं लगा कि निराधार किसी को दोगला कहने वाले को दूसरे क्या कहेंगे?अरे यार ,पढ़े लिखे लगते हो,क्या माँ बाप ने यही शिक्षा दी है? क्यों आप माँ बाप का नाम उछालने में लगे हुए हैं? हो सकता है कि इस टिप्पणी के बाद मुझ पर भी आप भड़ास निकाले.पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इन्ही पृष्ठों पर मैंने एक बार लिखा था कि चाँद पर थूकने वाले का थूंक अपने ही ऊपर आता है,अगर उसका कद चाँद से भी ऊपर नहीं है.महोदय जी ,अपने असली रूप में आइये और अपने इस गंदे आचरण में कम से कम राष्ट्र को तो मत घसीटीए.

  7. देर आये दुरस्त आये ,ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे येही प्रार्थना

  8. Matlab jo man me aaye wo chhap do?? Patrakarita aur patrakar ke nam pe aise log kalank hote hain. Enka kam hai kuchh bhi bakana aur jo paise khila de uske liye bakana. Apni vichardhara ko dusro pe thopana patrakarita nahi hai. Hoi sakata hain hi tumhe Namo aur BJP kafi achhe lagate ho par eska matlab ye nahi ki mangadhant kuchh bhi chhap do. Aravind Varanasi se ladega aur agar jita nahi to kam se kam Modi samarthako ko aaina jarur dikha dega.

    • kranti kaari bahut hi kranti kaari. jab khud news se setting kare or apni marji se news chalwaaye to koi dikkat nahi par koi news chaap de AK49 k againsit to karntikaari ( hahahahaha)

  9. Arvind is doing right , my personal experience in delhi during his tenure was quite satisfactory, but after his resign , there is some kind of blunder in governmemt offices and they restarted bribe and all, what I think currupt politician and officers getting fear with this man coz mera desh mahan 100 mai 99 baiyiman….

  10. vastav me kejriwal ek confused adami hai. vah samajh nahi pata ki kab kya karana chahiye.sach to yah hai ki vah ek palayanvadi vyakti hai

    • mr anil you should better know that aam amrud party is full of anti nationals who are ready to give kashmir to pakistan, how the hell can u still support such bastards, dont u want ur family and u alive in coming time. desh ke liye kujilwaal jaise ka maar jaana hi ek rasta hai…kujliwaal should die…he is a bastard

    • Exactly Anilji, I too am surprised, how a news journal can post such derogatory comments about a person who is trying to represent the common man in politics! Well Mr. Author, whoever you are, if you are really concerned about the condition of our country, then try to expose behind the crime and corruption scenes that happens every day, rather than trying to defame a responsible person like Kejriwal.

  11. Kejariwal wish to do many things in one go and that is not possible. He got some success in Delhi but he could not digest the unexpected gain with Congress support and became C.M. He had no experience of running the government so he ran away and now country has called him BHAGAUDA which is a shameful situation for A.A.P .and Kejariwal and his family.
    He has either no good adviser or the advisers are fooling him.
    The saying that EK SADHE SAB SADHE , SAB SADHE SAB JAYA so he has lost the plot.
    He betrayed Anna that is a black spot on him.
    Best thing for him is to take some time off and look after his health and take care of Diabetes and High blood pressure he has.
    I hope he will help himself and then come back or go back to Guru Anna for Prayashcitta.

      • माननीय इंडियन जी, क्या आप इतने निर्लज्ज हैं कि इस तरह की गाली देकर भी आप अपने को इंडियन कहतेहैं. मान्यवर यह हमारी युगों से चली आ रही सभ्यता और संस्कृति पर एक भद्दा मजाक है, इंडियन नाम से ऐसी बेहूदी हरकत करते समय आपको ऐसा नहीं लगा कि निराधार किसी को दोगला कहने वाले को दूसरे क्या कहेंगे?अरे यार ,पढ़े लिखे लगते हो,क्या माँ बाप ने यही शिक्षा दी है? क्यों आप माँ बाप का नाम उछालने में लगे हुए हैं? हो सकता है कि इस टिप्पणी के बाद मुझ पर भी आप भड़ास निकाले.पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इन्ही पृष्ठों पर मैंने एक बार लिखा था कि चाँद पर थूकने वाले का थूंक अपने ही ऊपर आता है,अगर उसका कद चाँद से भी ऊपर नहीं है.महोदय जी ,अपने असली रूप में आइये और अपने इस गंदे आचरण में कम से कम राष्ट्र को तो मत घसीटीए.

        • Modi ke khilaf Bhdas nikalne walon me Ek Aap ki sankhya jud gai hai. Poora ka poora rajnitic Bheed Modi ke khilaf hai. Magar ek videshi mahila jo Bharat ko loot rahi hai Desh me Jati aur dharm ke adhar par jahar faila rahi hai , desh ka khajana loot kar videshi bank me jama karva rahi hai. Musalman ko Hindu se adhik mahtav de kar
          nafrat ki rajniti khel rahi hai. Uski nagrikta bhi sandeh ke ghere me hai Us baat ko bhi kabhi uthao. Lagta hai Italy walon ne tumko bhi garm kar diya hai ki satta par ane par koi Rajyapal ka pad de denge. Tumhara lekh koi naya ya ashcharyajanak nahi hai 120 crore me agar 70 crore pade likhe hain to 69 crore Modi ke khilaf likhte, bolte hain . Kuch naya karo Apne Bhartiyon ko samarthan karo Videshiyon
          ko desh nikala do. yahi sachi desh Prem hoga.

        • sir plz diffine secularism by the neta of all party?

          in my veiw if u talk about muslim then u r secular and once u started taking about Hindu u become communal.

          plz give ur veiw

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