केजरीवाल के नगीने

Delhi-Elections       महाभारत के अन्त में जब अर्जुन को यह ज्ञात हुआ कि कर्ण उनका सहोदर भ्राता था, तो उन्होंने श्रीकृष्ण से प्रश्न पूछा कि यह जानते हुए भी कि पाण्डव उसके सगे भाई हैं, कर्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के लिए दुःशासन को क्यों प्रेरित किया, दुर्योधन के सारे षडयंत्रों में क्यों मुख्य भूमिका निभाई? श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया कि यह संगत का परिणाम था। तुम्हें मेरी संगत मिली और कर्ण को दुर्योधन की। बस इसी मूल अन्तर ने सारा अनर्थ करा दिया। दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल के महिला एवं बाल कल्याण मन्त्री सन्दीप कुमार की सेक्स सीडी सामने आने के बाद यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि सन्दीप कुमार केजरीवाल की संगत में बिगड़े या केजरीवाल सन्दीप कुमार की संगत में? आदमी की दोस्ती सामान्य और स्वाभाविक रूप से अपने समान विचार वालों से पहले होती है। केजरीवाल के छः मन्त्रियों में से तीन की जालसाजी, रिश्वतखोरी और सेक्स स्कैन्डल में बर्खास्तगी क्या साबित करती है? साथी भ्रष्ट और नेता दूध का धुला हुआ?

दिल्ली को और कौन-कौन-सा तमाशा दिखायेंगे केजरीवाल? केजरीवाल के मित्र मन्त्री जितेन्द्र तोमर जून, २०१५ में फ़र्जी डिग्री के मामले में जेल की हवा खाने के बाद बर्खास्त किए गए। उनके दूसरे विश्वस्त मन्त्री असीम अहमद खान रिश्वतखोरी में पकड़े जाने पर अक्टूबर, २०१५ में बर्खास्त किए गए और कल यानी ३१ अगस्त, २०१६ को उनके महिला और बाल कल्याण मन्त्री सन्दीप कुमार अपने कल्याण के साथ कई महिलाओं का कल्याण करने की सीडी के सार्वजनिक होने के बाद बर्खास्त किए गए। केजरीवाल के पास ६७ विधायक हैं जिनमें से १३ विधायक भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ़्तार होकर जेल की हवा खा चुके हैं। कुछ दिन और इन्तज़ार कीजिए, तिहाड़ जेल के जेलर महोदय यह दावा करेंगे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाय क्योंकि उनके पास केजरीवाल से ज्यादा विधायक हैं। तोमर के फ़र्जीवाड़े और असीम अहमद की रिश्वतखोरी के बाद केजरीवाल ने देश के प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया था कि वे उनके मन्त्रियों और विधायकों को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भिजवा रहे हैं। वे कजरीवाल को काम नहीं करने दे रहे हैं। घोर आश्चर्य है कि सन्दीप कुमार के सेक्स स्कैंडल पर मोदी को दोषी ठहराते हुए केजरीवाल का कोई बयान अभी तक नहीं आया है। हमें तो अपेक्षा थी कि वे कहेंगे कि सन्दीप कुमार वास्तव में महिला कल्याण ही तो कर रहे थे और मोदी ने वह भी नहीं करने दिया।

केजरीवाल को सन्दीप कुमार की सेक्स सीडी १५ दिन पहले ही मिल गई थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। वे इसको दबाना चाहते थे। लेकिन जब उन्हें मालूम हुआ कि सीडी एल.जी. और मिडिया तक भी पहुँच गई है, तो उन्होंने सन्दीप को बर्खास्त किया। इस मामले में झूठ बोलकर मनीष सिसोदिया ने देश और दिल्ली की जनता को धोखा दिया है। सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। केजरीवाल के एक विधायक पर बलात्कार का आरोप है। पीड़ित लड़की, जो आप की वर्कर थी, ने केजरीवाल से शिकायत की और न्याय की मांग की। केजरीवाल का जवाब था कि मामले को तूल मत दो और विधायक से कम्प्रोमाइज कर लो। बलात्कारी से कम्प्रोमाइज? ऐसा सिर्फ केजरीवाल ही सोच सकते हैं। पीड़ित, बेबस लड़की ने कहीं से न्याय न पाने के कारण आत्महत्या कर ली। केजरीवाल का विश्वस्त पूर्व मन्त्री सोमनाथ भारती अपनी पत्नी की रोज पिटाई करता था और कुत्ते से कटवाता था।केजरी ने उसका भी बचाव किया था। केजरीवाल के साथी कैसे निकले, यह जनता के सामने है। सत्संगी को सत्संगी मिलता है और व्यभिचारी को व्यभिचारी – यह प्रकृति का नियम है। सारा आरोप एल.जी., मोदी और अपने दागी मन्त्रियों तथा विधायकों पर थोपकर केजरीवाल अपने को साफ-सुथरा साबित नहीं कर सकते। आजतक केजरीवाल ने अपने दागी मन्त्रियों और विधायकों में से एक को भी पार्टी से  नहीं निकाला है। केजरी फैसला लेने में बहुत कमजोर हैं। वे लगातार जनता के भरोसे का कत्ल कर रहे हैं। जो आदमी अपने आधा दर्ज़न मन्त्रियों को कन्ट्रोल नहीं कर सकता है, वह दिल्ली को क्या कन्ट्रोल करेगा। खोखले नकितिकता के स्वामी केजरीवाल में अगर तनिक भी शर्म बाकी हो तो बिना विलंब किए मुख्यमन्त्री के पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए और जनता को अपना कालिख पुता चेहरा फिर न दिखाने की कसम भी खा लेनी चाहिए।

13 COMMENTS

  1. इस जगत में शोध करने से सब कुछ मिल जाता है, परन्तु स्वयं की भूल नहीं मिलती। अब सिंह साहब को कौन समझाए?

    • आप कोशिश तो कीजिये. मैं तो निरंतर सीखने में विश्वास करता हूँ.ऐसे हो सकता है कि यह टिपण्णी प्रकाश में आ जाये,अन्यथा आप की टिपण्णी पर की हुई मेरी टिपण्णी बहुत कम प्रकाश में आती है.एन.जी.ओ. पर आपकी ताजा टिपण्णी और इसके तुरत पहले की एक टिपण्णी इसके ज्वलंत उदाहरण हैं.

  2. केजरीवाल और उनकी पार्टी “हद से ज्यादा आदर्शवादी हैं “.यह फतवा देकर आर सिंह जी ने अधिक बहस का मार्ग बंद कर दिया.सिन्हा जी कितने भी बड़े मनीषी हों ,पुरातन भारतीय मान्यताओं का कितना भी गहरा अध्ययन कर चुके हों आदर्शों की यह परिभाषा शायद उन्हें भी ज्ञात नहीं होगी

    • जे.पी शर्मा जी,इसके बारे में प्रवक्ता.कॉम की अनुकंपा से अब तो मेरी विस्तृत टिपण्णी भी इन्ही पन्नों पर मौजूद है.पढ़िए और बताइये की मैंने जो ‘हद से ज्यादा आदर्श वादी’ कहा है,वह सटीक है या नहीं.

  3. सिन्हा जी
    सेवा निवृत्ति के पश्चात् आपने उच्च कोटि का साहित्य सृजन किया परन्तु ज्ञान वर्धन की कोई सीमा नहीं होती.हद से ज्यादा आदर्शवाद किस प्रकार का होता है यह आपने बताया नहीं था .रमश सिंह जी का आभार मानना पड़ेगा कि एक उदाहरण दे कर हम लोगों को समझा दिया

  4. विपिन जी–
    जूठे भाण्डे को साफ करने आप शुद्ध जल डालते रहिए। डाला हुआ जल भी जूठा हो जाएगा। आप भी अनुभव कर लीजिए।

  5. केजरीवाल और उनके पार्टी के साथ दिक्कत यह है कि वे लोग हद से ज्यादा आदर्शवादी हैं,नहीं तो उन तीनों में किसी का जुर्म ऐसा नहीं है,जिनमें पगे हुए अन्य पार्टियां या उनके नेता नहीं हैं? क्या सिन्हा जी बता सकते हैं कि वर्तमान लोक सभा में कितने सांसद ऐसे हैं,जिन पर हत्या,बलात्कार या अन्य घृणित अपराधों के मामले दर्ज हैं? . आपके केंद्र सरकारके मंत्री मंडल में ऐसे सदस्य हैं हैं,जिन पर बलात्कार का मामला दर्ज है और अपने राज्य की पुलिस के लिए वे एब्स्कोंडर हैं.जिस विडियो पर इतना शोर मचा हुआ है,उसमे हमारा क़ानून कौन जूर्म साबित करेगा? जिस फर्जी डिग्री के मामले में मंत्री निकाला गया,वैसी फर्जी डिग्री के साथ लोग बड़े बड़े मंत्री बने हुए हैं.रिश्वत वाली कांड में भी केवल सीडी.सामने आयी थी.क्या कोई मामला दर्ज हुआ था? वयापमं घोटाले के बाद भी जिस पार्टी का मुख्य मंत्री अभी तक पद पर बना हुआ है ,वे लोग नैतिकता की बात करते हैं, तो यह बेशर्मी की हद लगती है.सिन्हा जी आप तो भोजपुरी इलाके से आते हैं.वहां एक कहावत है,चलनी दूषे सूप के,जा में सहस्र छेद. लगता है कि अरविन्द केजरीवाल के बारे में बोलते हुए आप यह सब भूल जाते हैं.

    • अब तो हद कर दी आपने. बलात्कारियों और व्याबिचारियों के समर्थन में उतर आए. कुछ उम्र का भी लिहाज कीजिए.

      • मैंने केवल आइना दिखाया है.रही बात उम्र कि तो मुझे उम्र के हिसाब से तो बहुत कुछ करना था,पर वह मैं नहीं करता,क्योंकि अभी भी न मुझे दवा की जरूरत पड़ती है और न बारह चौदह मंजिल तक सीढ़ियों से चढ़ने या सात किलोमीटर प्रति घण्टे के हिसाब से आठ से दस किलोमीटर तक पैदल चलने में कोई दिक्कत महसूस होती है.ट्रेड मिल पर मेरी रफ़्तार आठ किलोमीटर प्रति घंटे है और एक्सई साइकिल पर पच्चीस घंटे प्रति घंटे.अब आप सोचते रहिये ,मेरी उम्र के बारे में.

      • AAP और बाकि पार्टियों का फर्क.

        1997 में गोपीनाथ मुंडे एक तमाशा डांसर के साथ सेक्स सकैंडल में फसे थे, तो शिवसेना समेत बीजेपी के तमाम नेता उनके समर्थन में आ गए थे। बजाय उनको हटाने या कार्यवाही करने के ?

        बीजेपी के ही फायर ब्रांड नेता संजय जोशी 2005 सेक्स सकैंडल में बुरी तरह फंस चुके है, जिसमे की जोशी जी का पूरा वीडियो सामने आ चुका है। BJP ने कोई त्वरित कार्यवाही नहीं की थी ?

        बीजेपी MLA ध्रुव नारायण का CD 2011 में आ चुका है। बीजेपी ने कोई कार्यवाही नहीं की ?

        वही मध्यप्रदेश के ही बीजेपी नेता राघव जी का सेक्स सकैंडल वीडियो 2013 में आ चुका है। बीजेपी ने कोई कार्यवाही नहीं की ?

        2012 में कर्णाटक के बीजेपी MLA रघुपति का सेक्स सकैंडल वीडियो सामने आ चुका है। बीजेपी ने कोई कार्यवाही नहीं की ?

        हरक सिंह रावत 2016 का केस हो.. लिस्ट और भी लंबी है.. जहां पार्टी ने अपने मंत्री के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की ?

        बिहार में तो एक महिला ने 2011 में बीजेपी के एक विधायक को ही मार दिया, क्यों की वो विधायक के शोषण से परेशान थी, बीजेपी तब क्यों चुप रही ?

        इन सब में से किसी एक में भी बीजेपी ने अपने नेताओ को नहीं हटाया, लेकिन आम आदमी पार्टी ने आधे घंटे में एक्शन ले लिया,.

        अब AAP के उदहारण देखिये..

        जितेंद्र सिंह तोमर- फर्जी डिग्री विवाद – केजरीवाल ने तुरंत हटाया….

        आसिम अहमद खान- भ्रष्टाचार का आरोप – केजरीवाल ने तुरंत हटाया…..

        संदीप कुमार- सेक्स स्केंडल- केजरीवाल ने तुरंत हटाया…

        अब तस्वीर का दूसरा पहलु देखिये..

        मोदी मंत्री मंडल में खास मंत्री… निहाल चंद- आरोप … रेप… लेकिन वो मंत्री बना , आज भी बीजेपी में है.

        मोदी की मंत्री… सुषमा स्वराज… आरोप… ललित मोदी की सहायता… परिणाम … आज भी मंत्री है…

        बीजेपी की महाराष्ट्र की मंत्री … पूनम महाजन… आरोप… चिक्की घोटाला… परिणाम… आज भी मंत्री है

        राजस्थान की CM वसुंधरा राजे… आरोप… बेटे को फायदा पहुँचाया , ललित मोदी जो भगोड़ा है .. उसके लिए जमीन और महल सस्ते में दिलाये…
        परिणाम… आज भी CM है

        व्यापम, डीमैट, एवम डंपर घोटाले जैसे कई संगीन आरोप लगने के बाद भी शिवराज सिंह आज भी MP के CM हैं..

        एक तरफ आम आदमी पार्टी है जो गलत होने पर अपने विधायकों और मंत्रियों पर कठोर कदम उठाती है और दूसरी तरफ बीजेपी कांग्रेस हैं जो गलत होने पर भी अपने विधायकों और मंत्रियों को बेशर्मी से उनके पद पर बनाये रखती हैं
        अब आप ही बताये कौन सही है ? कौन गलत है ?

    • कैसा आदर्श और कैसे आदर्शवादी? तिगुना तलाक, बहुविवाह प्रथा और महिलाओं संबंधी अन्य समस्याओं को ले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में लोग क्या कोई कम आदर्शवादी हैं? जिन लोगों में राष्ट्रवाद ही नहीं उनमें कैसा आदर्श ढूँढ़ते हैं?

  6. भले ही दिल्लीवासियों के लिए अभाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते आपने अरविन्द केजरीवाल के लिए त्याग-पत्र देने का अच्छा सुझाव दिया है फिर भी मैं चाहूँगा कि इस पर दिल्ली वालों की भी मोहर लगवा ली जाए| वो ऐसे कि आआपा के सभी विधायक अपने अपने चुनाव-क्षेत्रों में “मोहल्ला सभा” बुला लोगों से पूछें कि यदि निर्वाचन संबंधी अपनी गलती को सुधारना चाहें तो मुख्यमंत्री से त्याग-पत्र के लिए अपने मुंह से इतना उंचा बोलें कि अरविन्द केजरीवाल जी को सुनाई दे जाए| और हाँ, यदि विधायक आआपा को अब तक दिल्लीवासियों के साथ हुआ घिनौना व्यंग समझते हों तो स्वयं इस दल दल से बाहर राष्ट्रीय राजनीतिक दल, बीजेपी के साथ मिल कर काम करते भारत पुनर्निर्माण में अपना योगदान दें|

    • अगर आप दिल्ली में रहते हैं,तो आप स्वयं यह काम बड़ी आसानी से कर सकते हैं.आप को जमीनी हकीकत समझने में भी मदद मिलेगी. ऐसे तो आम आदमी पार्टी द्वारा बनाये गए मुहल्ला सभा में भी आप यह प्रश्न उठा सकते हैं.आप चाहे तो मैं भीइसमे आपकी मदद कर सकता हूँ. इसलिए हवा में सलाह देने से अच्छा है कि आप जमीन पर आकर बात करें. आप चाहें तो अपनी मनचाही पार्टी का भी सहारा ले सकते हैं.

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