नर्मदापुरम होशंगाबाद में
कहाँ जाये तो पूरे नगर के
हर वार्ड में टयूबबेल से
हर घर में पीने का पानी
भेजने की सुविधा है ।
पर आजादी के बाद आज तक
काली मंदिर के पीछे
ग्वालटोली वार्ड 31 में टेकर पर
राधाबाई के घर पानी नहीं पहुंचा है।
राधाबाई जब ब्याह कर आयी
तब मोहल्ले के दो कुओं से
भरपूर पानी मिल जाता था
परन्तु 1975 के बाद
लोगों को कुओं से पानी भरने से
मुक्ति मिली ओर नगरपालिका ने
नलों से घर-घर पानी भेजा।
राधाबाई वह अभागिन थी
जिसके घर कभी पानी नहीं पहुचा
गरीबी इतनी की पति तांगा चलाता
सरकारी पानी की आस में मरखप गया
कहने को घर में तीन बहुए आई
वे भी पानी को मोहताज रही ओर
बूढ़ी राधा बाई अपनी बहुओं को
घर पर नल से पानी दिलाने की आस में
खुद सरकारी नल से पानी ढोते ढोते
स्वर्गवासी हो गयी, पर घर पर नल
तो लगवा सकी लेकिन पानी नहीं पहुंचा।
उसका परिवार अभिश्रप्त रहा
सरकारी नल से पानी भरने के लिये।
कितनी ही गुहारे की
कितने ही आवेदन दिये
लेकिन राधाबाई के घर पानी नहीं पहुचा
राधाबाई के तीन पड़ौसी भी
सरकारी नल से पानी ढोकर परेशान रहे
आखिर उन्होंने घर में ही
टयूबबेल लगवा लिया लेकिन
मजदूर राधाबाई टयूबबेल नहीं लगवा सकी।
उसकी नन्ही सी बेटी लक्ष्मी
अपनी भाभियों के लिए
सरकारी नल से पानी भरते भरते
कब बीस बरस की हो गयी
पता ही नहीं चला ।
उसने कई सावन देखें
कई ऋतुयें देखी
पर अपने घर पर नल से पानी
भरने का सपना पूरा न कर सकी।
लक्ष्मी ब्याहकर ससुराल गयी
बहुए सरकारी नल से पानी लाती रही
अब उनके बच्चे पानी ला रहे है
उधर ससुराल में लक्ष्मी बाई
एक नन्हीं सी बिटिया की माँ बनी
खुदगर्ज पति से त्यागी
वापिस मायके माँ के घर लौटी
ओर ऐसा ही दुर्भाग्यपूर्ण वाकया
लक्ष्मी की छोटी बहिन के भी साथ हुआ
भाइयों के घर पर मिले आश्रय के बाद
दोनों बहिनों के नसीब में वही पानी आया।
लक्ष्मी आज भी सरकारी नल से
पीने के लिये पानी भर रही है
लक्ष्मी की बेटी सयानी हो गयी है
ठीक वैसे ही दिखती है
जैसे 25 साल पहले लक्ष्मी दिखती थी
सरकारी नल पर रोज
सुबह-शाम पानी भरती
लक्ष्मी के बाद उसकी बेटी
अनबरत उठा रही है दर्द
जो माँ के मन को कुचेटता है
पीव लक्ष्मी की बेटी को
कोई तो उसके घर
खुदका नल लगवाकर पानी पहुंचा सके
उस स्वर्णिम दिन के इंतजार में
उस आजादी की प्रतीक्षा में है
खप चुकी दो पीढ़ियों की निगाहे
आज भी इंतजार कर रही है खुद के पानी का
खुद के नल का,
अफसोस अमृतयोजना की पाइपलाइन
उसके घर के पहले ही प्यासी है
फिर नर्मदा भी नहीं पहुँच पाएगी लक्ष्मी के घर
ओर सालों का इंतजार जो
लक्ष्मी के लिए सदियों का प्रश्न बन गया है
सरकार के गाल पर, नेताओं के कपाल पर
एक करारा तमाचा है,उनकी नामर्दागी पर … ॥