कल रात की मै सच्ची घटना सुनाता हूँ
तेज लाईटो में भी मै मोमबत्ती जलाता हूँ
वैसे तो मै कांग्रेस दफ्तर अकबर रोड पर रहता हूँ
पर मै मानसिंह रोड से इंडिया गेट तक घूमने जाता हूँ सुबह मेरी बहुत देर से बड़ी मुश्किल से आँखे खुलती है
इसलिए मै रात के बारह बजे के बाद घूमने जाता हूँ
पिछली बार छोले भटूरे खाकर उपवास किया था
अबकी बार इंडिया गेट पर कैंडिललाइट में डिनर करूँगा
कांग्रेस कार्यकर्ताओ व दिल्ली निवासियो को invite किया है
उन्नाव व कठुवा रेप काण्ड पर अपनी सहानुभूति दिखाऊंगा
क्या तुम जानतो हो ये सब क्यों कर रहा ?
मै तो सन उन्नीस के चुनाव की तैयारी कर रहा
मेरे पास देश के विकास का कोई मुद्दा नहीं है
बस रेप काण्ड को जता कर,वोट इकठ्ठे कर रहा
आर के रस्तोगी
करता हूँ वयक्त मन की पीड़ा
इस लेखनी के माध्यम से
ये लेखनी लिखती रहेगी
मैंने उठाया यह एक बीड़ा |
जलने बू आती है.
सत्ता हीनता की पीड़ा
उठा रही चुनावी बीड़ा।
हाथ रिक्तता दर्शाता है
कमल खिल-खिल जाता है।
युवराज कहें थमने को
पर सेवक चलता जाता है।