गांधार में भगवान गौतम बुद्ध

—विनय कुमार विनायक
गांधार अफगानिस्तान के बामियान में
अहिंसा के अवतार,दया के सागर,
करुणा की मूर्ति, ईसा, पैगम्बर, नानक,
गोविंद,गांधी के प्रेरणा स्रोत,
भगवान बुद्ध की रेशम मार्ग में स्थित
बामियान के हिन्दूकुश पर्वत श्रृंखला में निर्मित
प्रस्तर मूर्ति और प्रतिमाओं को
तोप मोर्टार के गोलों से ध्वस्त किया जाना,
ईसा को पुनः सलीब पर लटकाना,
सुकरात को पुनः जहर पिला देना,
गांधी को पुनः मौत की नींद सुलाना ही तो है!

गांधार देश की विडंबना है कि सुबलपुत्र
शकुनि; दुर्योधन के मामा की कुटिलता,
बाबर की बर्बरता, तालिबानों की क्रूरता ने
सदा अपने पूर्वजों और वंशधरों को छला है!

दो हजार वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध की
38/53 मीटर ऊंची प्रतिमाएं स्वयं बुद्ध ने नहीं
आज के अफगानी मुसलमानों के
बौद्ध पूर्वजों ने ही श्रद्धा भाव से बनाई थी!

यही सच्चाई है कि यह कैसी विडम्बना
कि अरब देश के धार्मिक गुलाम,
अफगानी तालिबानों ने शुद्ध रक्त के
अरबी मुसलमान बनने के मिथ्या जुनून में
मार्च दो हजार एक में अपने ही
मृत पूर्वजों की पहचान को मिटा दी!
—विनय कुमार विनायक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here