मध्यप्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने में कामयाब शिवराज सिंह चौहान

भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश राज्य में पिछले अपने सात वषो के शासन के दौरान जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं वह निश्चित ही उसे जनता की नजर में श्रेष्ठतम साबित करती हैं। प्रशासन, सत्ता संगठन का समन्वय जितना इन पिछले वषो में देखने को मिला वह अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय माना जा सकता है। कांग्रेस के शासनकाल में बीमारू राज्य की जो नकारात्मक पहचान देशभर में मध्यप्रदेश की बनी थी उस छवि से मुक्त करने का श्रेय आज भाजपा शासन को ही दिया जाएगा।

भाजपा नेताओं स्व. विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल आदि के त्याग और समपर्ण के कारण इस सूबे में भाजपा की पहचान पार्टी विथ द डिफरेंस के लिए देशभर में बनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कुशल प्रशासन ने मप्र की तस्वीर को आज और बदलकर रख दिया है। वे मध्यप्रदेश में गैर कांग्रेस पार्टी के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पाँच साल पूरे किए हैं। इन पाँच सालों में उन्होंने जो निर्णय लिए और कार्य करवाए उनसे आज प्रदेश का स्वरूप और तकदीर दोनों ही बदल चुकी हैं। मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रहावह स्वर्णिम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है।

सामान्य कार्यकता की तरह बहुत छोटे स्तर से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले शिवराज सिंह एक तरफ वनवासियों की चिंता करने वाले मुख्यमंत्री हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों और गरीबों की चिंता करने वाले भाजपा के आम कार्यकतार हैं। दारिद्र से मुक्त विकासयुक्त प्रदेश की कल्पना को साकार रूप देना ही मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह का संकल्प बना हुआ है। विकास उनका मिशन, समाज के पीडित, शोषित हर व्यक्ति की निरंतर सेवा उनका लक्ष्य है।

कभी यह प्रदेश विकास के स्तर पर देश के अग्रणीय दस राज्यों की सूची से बाहर हुआ करता था, लेकिन आज

मप्र की तस्वीर को बदलने का नतीजा है कि वह देश के पहले पाँच राज्यों में शुमार है, जिस गति से प्रदेश प्रगति कर रहा है उसको देखत्ो हुए भविष्य के मध्यप्रदेश का अंदाजा लगाया जाए तो यही कहना होगा कि यह प्रदेश शीघ्र ही देश का अग्रणी राज्य बनेगा।

मध्यप्रदेश को विकसित करने की चाहत तथा वंचितों और बेहसहारों को सहारा देने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोडने का जुनून ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सबसे अलग बनाता है। इसी श्रेष्ठ उद्देश्य के कारण उन्होंने बत्तौर मुख्यमंत्री प्रदेश की झोली में ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धियाँ डाली, जिसके बारे में पहले शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा । मध्यप्रदेश जैसे बडे राज्य की जनता ने लगातार दूसरी बार श्री चौहान को मुख्यमंत्री बनाकर उनके प्रति अपने विश्वास को पुष्ट किया है। किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान ने अपने सरल स्वभाव, निश्चल व्यवहार, कृतित्व और व्यक्तित्व का विकास कुशाभाऊ ठाकरे के नेतृत्व में किया। संगठन णें जो काम उन्हें सौंपा उसका पूरी तत्परता से निर्वाह किया। आज उनकी पहचान जनोन्मुखी, विकास कार्यक्रमों के प्रणेता के साथ ही गरीबोन्मुखी, किसान हितौषी, मेहनतकशों के चहेतो, युवकों के मार्गदशक के रूप में है। लोकतंत्र में लोक की चिंता करत् हुए जनता के हित में लिए गये निर्णय शिवराज सिंह को एक अलग पहचान दिलात् हैं। सुरसा की तरह मुह फैलाती महंगाई डाइन से बचाने की सोच रखत् हुए गरीबों को तीन रुपए किलो की दर से गेहूँ और चार रुपए की दर से चावल उपलब्ध कराने जैसे निर्णय हों या ग्रामीणों तथा गरीबों के जीवन स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना, गाँवगाँव तक सडकों का जाल बिछाने के लिए मुख्यमंत्री सडक योजना, गरीबों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभूतपूर्व प्रचार-प्रसार की बात हो । वास्तव में मुख्यमंत्री के रूप में लिये गये शिवराज सिंह के निर्णय और कार्य उन्हें आम आदमी से जोडत् हैं। इसीलिए कोई उन्हें भैया कहता है तो कोई मामा।

बत्तौर  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली इस प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर एक नजर डालें तो उन्होंने मुख्यमंत्री बनत्ो ही न केवल सूबे को स्वर्णिम प्रदेश बनाने का स्वप्न देखा, बल्कि उसे यथार्थ में उतारने के लिए एक के बाद एक अनेक योजनाएँ लागू कीं। जैसे विकास दर में अन्य राज्यों से आगे निकलने के लिए किये गए प्रयास, जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश की जीडीपी 8.60 प्रतिशत हुई।

आज प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय 11870 रुपए से बढ़कर 15929 रुपए हो गयी है। स्वयं के संसाधनों की बदौलत आमदनी में तीनगुना और बजट में ढाई गुना वृदि्ध, प्रदेश की आमदनी 6 हजार करोड से बढ़कर 18 हजार करोड रुपए , उद्योग की अनुकूल परिस्थितियाँ और सुह संरचना का विकास, ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के माध्यम से देशविदेश के उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षण, प्रदेश में 2 लाख 35 हजार करोड रुपए से ज्यादा के औद्योगिक निवेश का आना, आमखास की समस्याओं से रूबरू होती समाधान ऑनलाइन, प्रदेशवासियों को समय सीमा के अंदर सेवा देने वाला मप्र लोक सेवा गारंटी प्रदाय कानून लागू करना, तकनीकी शिक्षा के मुख्य केंद्र के रूप में तोजी से प्रदेश का हब बनने की दिशा में आगे बना, महिलाओं को घरेलू हिंसा से निजात दिलाने के लिए कानून का प्रभावी क्रियान्वयन, स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, लाडली लक्ष्मी, कन्यादान योजना, निशुल्क गणवेश व साइकिल वितरण योजना, बालिका शिक्षा, आंगनबाडी केंद्रों में किशोरी बालिका दिवस, गांँव की बेटी योजना, बालिका भ्रूण हत्या रोकने के कानून का कडाई से पालन, आंगनबाडी कार्यकतार्ओं और सहायिकाओं की बडी संख्या में भतीर्, किसानों को एक प्रतिशत पर ब्याज की उपलब्धता, पं. दीनदयाल उपचार योजना, स्कूल चलें जैसे तमाम कार्यक्रम, शहरी क्षेत्र की गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की बालिकाओं की उच्चशिक्षा के लिए प्रतिभा किरण योजनाआदि ऐसी अनेक योजनाएँ इन पिछले पाँच सालों में बनीं हैं जिन्होंने सही अथोर्ं में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद को साकार रूप दिया है।

एक मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने सहीं अथोर्ं में जनता को भय और भूख से मुक्ति दिलाई है। वास्तव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्य राष्टन्वाद की स्थापना के लिए पीठ थपथपाना चाहिए। वस्तुतः भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उनपर भरोसा कर सुशासन और विकास के लिए उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी, उस पर वे खरे उतरे हैं। इतना तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी अन्य राजनैतिक पार्टियों की तरह नहीं जहाँ नेतृत्व कार्यकतार्ओं के बीच से न होकर ऊपर से थोप दिया जाता है। भाजपा में आम कार्यकतार सिर्फ राज्यों का मुख्य कतार्धतार मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं बन सकता बल्कि देश के प्रधानमंत्री और अध्यक्ष के रूप में भी लीडरशिप संभाल सकता है।

1 COMMENT

  1. yes, I have very happy read this chapater I hape that Mr, Shiveraj Shigh chavhan should day by day improvement of M.P. state.

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