
—विनय कुमार विनायक
जब अपने धर्म को अपनाओगे,
तब जीवन को सफल बनाओगे!
जब विदेशी धर्म स्वीकार करोगे,
तब जीवन को नरक बना लोगे!
तुलनात्मक अध्ययन करके देखो
तब ही तथ्य को समझ पाओगे!
कुछ ईरानी पारसी धर्मी रह गए,
बाकी फारसी मुसलमान हो गए!
पारसी भारत में आकर बस गए,
फारसी इस्लामी ईरान में रह गए!
यहां पारसियों की प्रगति तो देखो,
पारसियों की देश भक्ति तो देखो!
पद्मभूषण फील्ड मार्शल मानेकशॉ
भारत-पाक युद्ध के महानायक थे!
वैज्ञानिक डॉ होमी जहांगीर भाभा,
जिनकी देश-विदेश में फैली आभा!
उद्योगी जमशेदजी नसरवान टाटा,
इनकी वर्तमान पीढ़ी है रतन टाटा!
जमशेदपुर टाटानगर के संस्थापक,
उद्योग में इनसे बड़ा नही नायक!
फिल्मी कलाकार अरुणा ईरानी से
न जाने कितने बोमन ईरानी तक!
सब हैं राष्ट्रवादी कोई नहीं आतंकी,
धर्म से ही मनुष्य की सोच बनती!
भारत में बसे हैं बहुत कम पारसी,
पर तरक्की में काफी पीछे फारसी!
वर्तमान ईरान जाके देख तो आएं,
कोई नहीं भारतीय पारसियों जैसे!
विदेशी मजहब को अपना लेने से
ईरानियों की बहुत हो गई दुर्गति!
अवेस्ता ए जिंद; वेदों के छंदवादी,
ईरानी आर्यों की ऊंची थी संस्कृति!
जब ईरान पर थोपा गया इस्लाम,
तब सुन्नी समुदाय बना था ईरान!
बाद में ईरानी बादशाह ने फरमाया,
सभी सुन्नी को शिया पंथी बनाया!
ईरानियों के बीच आज भी बची हुई,
पूर्व के स्वधर्म की चेतना गौरवमई!
ईरानी प्रजा अब सोचने को मजबूर,
स्वधर्म वापसी से जहालत होगी दूर!
—विनय कुमार विनायक