लॉक डाउन में शादी

भेज रहे है प्रेम निमंत्रण,प्रियवर तुम्हे दिखावे को।
आ जाना न कभी भूल से,तुम यहां खाने को।।

लॉक डाउन देश में लगा हुआ है,बारात में कोई नहीं जाएगा।
दूल्हा केवल अकेला ही,दुल्हन को बाइक पर ले आयेगा।।

बनवाए है छप्पन भोग हमने,उसका टोकन तुम्हे मिल जाएगा।
जिसकी जैसी चॉइस होगी,उसे पैक करवा कर ले जाएगा।।

बैंड बाजा नहीं बजेगा,केवल लाउड स्पीकर बज पायेगा।
घुड चढ़ी भी नहीं होगी,दूल्हा किसी के कंधे पर चढ़ जाएगा।।

दिया था हमने तुम्हे लिफाफा,तुम्हे भी लिफाफा देना होगा।
होगे जितने रुपए लिफाफे में,उसके अनुसार टोकन मिल जायेगा।।

अगर आ न सको किसी कारणवश,होम डिलीवरी का प्रोविजन होगा।
पर उसके लिए लिफाफे के साथ,होम डिलीवरी चार्ज देना होगा।।

रखना बरकरार ये व्यवहार,जब तक देश में लॉक डाउन रहेगा।
पालन करना होगा इन नियमो का,वरना परिणाम भुगतना होगा।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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