मोदी ने सोनिया को दी खुली चुनौती

-सतीश मिश्रा-
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लोकसभा चुनाव का छठा दौर भी खत्म हो चुका है लेकिन नरेंद्र मोदी बनाम सोनिया गांधी के बीच की जुबानी जंग और रफ्तार पकड़ती जा रही है. ताजा मामला है गुजरात का जहां एक ही दिन में पहले सोनिया ने मोदी के विकास मॉडल की खिल्ली उड़ाई तो उसके ठीक बाद मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि सरासर झूठ बोल रही हैं सोनिया. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर गुजरात के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें इस पर सार्वजनिक बहस की चुनौती दी. मोदी ने यहां कहा कि यदि झूठ बोलना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है तो चुनाव आयोग को कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
लोकसभा चुनाव 2014 में 349 सीटों पर लोगों ने अपना फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में सीलबंद कर दिया है लेकिन अभी भी 3 दौर का चुनाव बाकी है. अभी भी 194 सीटों पर मतदान बाकी है. यानी देश की दो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के लिए हासिल करने के लिए अभी भी बहुत कुछ बचा है और तबतक इसके लिए राजनीतिक दायरे में रहकर पार्टियां हर हथकंडे अपना रही है. चाहे वो जुबानी जंग के जरिए एक दूसरे पर वार पलटवार का ही तरीका क्यों न हो.
मोदी 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री हैं और गुजरात के विकास मॉडल की कामयाबी को हथियार बनाकर कांग्रेस को लगातार लहूलुहान करने की कोशिश करते हैं. लेकिन मोदी के इस हथियार की धार को कुंद करने का जिम्मा खुद कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी ने उठाया वो भी गुजरात की धरती से. वलसाड में सोनिया रैली करने पहुंचीं और सीधे-सीधे मोदी के विकास के दावे पर ही प्रहार शुरू कर दिया. बहुत वक्त नहीं बीता. जब पलटवार मोदी की ओर से भी हुआ.
बीजेपी दावा करती है कि मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने दिन-रात तरक्की की है. चाहे वो आर्थिक क्षेत्र हो या सामाजिक. मोदी ने गुजरात की काया पलट दी है. दूसरे राज्यों में बीजेपी के समर्थक भी अब इसी आस में हैं कि उनके राज्य की किस्मत भी गुजरात सरीखे ही बदलेगी लेकिन वलसाड में सोनिया ने फिर से चेताया कि आंकड़ों की कलाकारी से भ्रम का जाल फैलाया गया है. वास्तविकता कुछ और है. जवाब देते हुए वड़ोदरा में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस भयभीत है. मैदान में मैडम आ जाए तब सब दिख जाएगा.
सोनिया का मोदी पर हमला करना कई मायनों में अहम है. गुजरात में 30 अप्रैल को मतदान है और सोनिया की यही कोशिश रहेगी कि आखिरी वक्त में राज्य के लोगों का मूड वो कांग्रेस की ओर मोड़ें. दूसरी वजह ये भी हो सकती है कि मोदी की काट के लिए उन्हीं के तीर का सोनिया इस्तेमाल कर रही हैं.
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. मोदी के लिए साख बचाने की लड़ाई है तो कांग्रेस के लिए मोदी की साख में सेंधमारी का मौका. चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ 4 दिन का समय है. इस कम वक्त को सोनिया हाथ से गंवाना नहीं चाहती हैं और शायद कोशिश यही है कि मोदी पर ज्यादा से ज्यादा हमला बोलकर मतदाताओं के मूड को कांग्रेस के पक्ष में बदला जाए.

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